चमोली: इस साल तीर्थयात्रियों को बदरीनाथ ले जाने वाले हेलीकॉप्टरों से नगर पंचायत द्वारा 'पर्यावरण विकास' शुल्क लिया जाएगा. बदरीनाथ धाम में नगर पंचायत के द्वारा पहली बार हेलीकॉप्टर उड़ान पर इस तरह का शुल्क लगाया जा रहा है. साथ ही नगर पंचायत द्वारा पर्यावरण के मद्देनजर सड़क मार्ग से आने वाले तीर्थयात्रियों को नगर पंचायत द्वारा कचरा बैग उपलब्ध कराया जाएगा.
तीर्थयात्रियों को दिया जाएगा कचरे का बैग: बदरीनाथ नगर पंचायत के अधिशासी अधिकारी सुनील पुरोहित ने बताया कि बदरीनाथ पहुंचने वाले हेलीकॉप्टरों से प्रति उड़ान ईको-डेवलपमेंट शुल्क के रूप में 1,000 रुपये का भुगतान लिया जाएगा. जिसको लेकर नगर पंचायत के नियमों में संशोधन किया जा रहा है. साथ ही नगर पंचायत द्वारा पर्यावरण के मद्देनजर सड़क मार्ग से आने वाले तीर्थयात्रियों को नगर पंचायत द्वारा कचरा बैग उपलब्ध कराया जाएगा. कचरे से भरे बैग को वापस करने वालों को 20 रुपये वापस कर दिए जाएंगे. बदरीनाथ धाम में मार्ग पर चलने वाले वाहन साल 2020 से शुल्क का भुगतान कर रहे हैं.
पढ़ें-Badrinath Yatra 2023: 27 अप्रैल को खुलेंगे बदरीनाथ धाम के कपाट
27 अप्रैल को खुलेंगे बदरीनाथ धाम के कपाट: बता दें कि इस साल बदरीनाथ के कपाट 27 अप्रैल को खुलेंगे. बदरीनाथ धाम के कपाट 27 अप्रैल की सुबह 7 बजकर 10 मिनट पर खोले जाएंगे. बता दें कि हर साल देश विदेश से काफी संख्या में श्रद्धालु बदरीनाथ धाम के दर्शन करने आते हैं. कपाट खुलने के साथ ही श्रद्धालुओं की तादाद लगातार बढ़ती जाती है. बदरीनाथ धाम चमोली जनपद में अलकनंदा नदी के तट पर स्थित है. बदरीनाथ मंदिर हिंदू देवता विष्णु को समर्पित है. जिसका वर्णन पुराणों में भी मिलता है. चारधामों में बदरीनाथ धाम भी आता है, इसलिए बदरीनाथ धाम की महत्ता काफी ज्यादा है.