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स्यूण गांव को जोड़ने वाला मोटर मार्ग एक हफ्ते से बंद, जान जोखिम में डाल सफर कर रहे ग्रामीण

दशोली विकासखंड के अंतिम गांव स्यूण का संपर्क पिछले एक हफ्ते से जिला और तहसील मुख्यालय से कटा हुआ है. ऐसे में ग्रामीणों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. लेकिन प्रशासन है कि उनकी कोई सुध नहीं ले रहा है.

Chamoli Landslide
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Published : Aug 25, 2021, 3:51 PM IST

Updated : Aug 25, 2021, 4:39 PM IST

चमोली: दशोली विकासखंड के स्यूण गांव को जोड़ने वाला मोटर मार्ग बीते एक हफ्ते से बंद पड़ा हुआ है, लेकिन अभीतक स्थानीय प्रशासन ने ग्रामीणों की कोई सुध नहीं ली है. लैंडस्लाइड के कारण बाछूरी तोक में क्षतिग्रस्त हो गया थी. तब से अभी तक यह मार्ग सुचारू नहीं हो पाया है.

मोटर मार्ग बंद होने से ग्रामीण पैदल ही आवाजाही करने के मजबूर है. ऐसे में उन्हें काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. ग्रामीण जान जोखिम में डालकर भूस्खलन क्षेत्र से ही आवाजाही कर रहे हैं. इसके साथ ही पैदल मार्ग से उन्हें करीब दो किमी का लंबा रास्ता तय करना पड़ रहा है.

जान जोखिम में डाल सफर कर रहे ग्रामीण

पढ़ें- मसूरी में मलबा आने से होटल का पुश्ता गिरा, 3 दोपहिया वाहन क्षतिग्रस्त

बता दें कि दशोली विकासखंड के अंतिम गांव स्यूण में 50 परिवार निवास करते हैं. गांव में हाईस्कूल न होने की वजह से गांव के स्कूली बच्चे भी हाईस्कूल स्तर की पढ़ाई करने के लिए 3 किलोमीटर की पैदल दूरी तय करने के बाद बेमरु पहुंचते हैं. सड़क बंद होने की वजह से स्कूल जाने वाले छात्रों को भी 2 किलोमीटर की अतिरिक्त दूरी तय करनी पड़ रही है.

ग्रामीण धीरज राणा का कहना है कि सड़क बंद हुए 1 हफ्ते का समय पूरा हो चुका है, लेकिन अभी तक भी विभाग ने सड़क नहीं है. पहाड़ी से हुए भूस्खलन का मलबा खेतों में आने से ग्रामीणों की काश्तकारों की भूमि को भी भारी नुकसान हुआ है. साथ ही गांव की आवाजाही बंद हो गई है. उन्होंने प्रशासन से जल्द सड़क खोलने और गांव में काश्तकारों की भूमि को हुए नुकसान का मुआयना कर मुआवजा देने की मांग उठाई है.

चमोली: दशोली विकासखंड के स्यूण गांव को जोड़ने वाला मोटर मार्ग बीते एक हफ्ते से बंद पड़ा हुआ है, लेकिन अभीतक स्थानीय प्रशासन ने ग्रामीणों की कोई सुध नहीं ली है. लैंडस्लाइड के कारण बाछूरी तोक में क्षतिग्रस्त हो गया थी. तब से अभी तक यह मार्ग सुचारू नहीं हो पाया है.

मोटर मार्ग बंद होने से ग्रामीण पैदल ही आवाजाही करने के मजबूर है. ऐसे में उन्हें काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. ग्रामीण जान जोखिम में डालकर भूस्खलन क्षेत्र से ही आवाजाही कर रहे हैं. इसके साथ ही पैदल मार्ग से उन्हें करीब दो किमी का लंबा रास्ता तय करना पड़ रहा है.

जान जोखिम में डाल सफर कर रहे ग्रामीण

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बता दें कि दशोली विकासखंड के अंतिम गांव स्यूण में 50 परिवार निवास करते हैं. गांव में हाईस्कूल न होने की वजह से गांव के स्कूली बच्चे भी हाईस्कूल स्तर की पढ़ाई करने के लिए 3 किलोमीटर की पैदल दूरी तय करने के बाद बेमरु पहुंचते हैं. सड़क बंद होने की वजह से स्कूल जाने वाले छात्रों को भी 2 किलोमीटर की अतिरिक्त दूरी तय करनी पड़ रही है.

ग्रामीण धीरज राणा का कहना है कि सड़क बंद हुए 1 हफ्ते का समय पूरा हो चुका है, लेकिन अभी तक भी विभाग ने सड़क नहीं है. पहाड़ी से हुए भूस्खलन का मलबा खेतों में आने से ग्रामीणों की काश्तकारों की भूमि को भी भारी नुकसान हुआ है. साथ ही गांव की आवाजाही बंद हो गई है. उन्होंने प्रशासन से जल्द सड़क खोलने और गांव में काश्तकारों की भूमि को हुए नुकसान का मुआयना कर मुआवजा देने की मांग उठाई है.

Last Updated : Aug 25, 2021, 4:39 PM IST
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