ETV Bharat / state

मांगों को लेकर मनरेगा कर्मचारियों ने शुरू की अनिश्चितकालीन हड़ताल - मांगों को लेकर मनरेगा कर्मचारियों की हड़ताल शुरू

देहरादून में मनरेगा कर्मचारियों ने अपनी मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू कर दी है. कर्मचारियों का कहना है कि अगर सरकार उनकी मांगों को पूरा नहीं करेगी तो उनकी ये हड़ताल चलती रहेगी.

indefinite-strike
indefinite-strike
author img

By

Published : Mar 17, 2021, 1:57 PM IST

देहरादून/चमोली: प्रदेश के मनरेगा कर्मचारियों ने अपनी मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू कर दी है. सहस्त्रधारा रोड स्थित एकता विहार में धरनारत मनरेगा कर्मचारी विभागीय समायोजन और हिमाचल प्रदेश की तर्ज पर ग्रेड पे की मांग कर रहे हैं. वहीं, कांग्रेस प्रदेश उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना ने बीते 23 दिनों से अपनी मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे उपनल कर्मियों के समर्थन में एकता विहार स्थित धरना स्थल पहुंचकर 3 घंटे का उपवास रखकर धरना दिया. इसी कड़ी में चमोली में भी वेतन वृद्धि और नियमितीकरण की मांग को लेकर मनरेगा कर्मियों ने कलमबंद हड़ताल शुरू कर दी है.

बता दें कि, मंगलवार को धरने पर बैठे मनरेगा कर्मियों के प्रतिनिधि मंडल ने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत से शिष्टाचार भेंट की. कर्मचारियों के मुताबिक उनकी मांगों को लेकर मुख्यमंत्री से मुलाकात सकारात्मक रही. इस दौरान मनरेगा कर्मचारी संगठन के प्रदेश महामंत्री सुबोध उनियाल का कहना है कि अगर सरकार ने उनकी मांग को अनसुना किया तो उनका आंदोलन जारी रहेगा. कांग्रेस प्रदेश उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना एकता विहार स्थित धरना स्थल पहुंचे और उपनल कर्मचारियों की मांगों के समर्थन में 3 घंटे उपवास रखकर धरना दिया.

सूर्यकांत धस्माना का कहना है कि बीते 4 वर्षों से राज्य की भाजपा सरकार ने उपनल के कार्यरत 22 हजार कर्मचारियों की सुध नहीं ली. उन्होंने कहा कि 2018 नवंबर में उच्च न्यायालय नैनीताल ने राज्य सरकार को निर्देशित करते हुए समान काम के लिए समान वेतन, चरणबद्ध तरीके से उपनल कर्मियों के समायोजन और जीएसटी व सर्विस टैक्स न काटे जाने के आदेश दिए थे. जिसको मानने की बजाय राज्य की भाजपा सरकार सुप्रीम कोर्ट चली गई और उच्च न्यायालय के आदेशों के खिलाफ एसएलपी दायर कर दी. उन्होंने कहा कि राज्य के युवाओं के बल पर प्रचंड बहुमत में आई सरकार ने बीते 4 वर्षों में सबसे ज्यादा युवाओं की उपेक्षा की है.

पढ़ें: 'शिक्षक से संन्यासी तक का सफरनामा' पुस्तक का IG कुंभ ने किया विमोचन

कांग्रेस प्रदेश उपाध्यक्ष का कहना है कि अगर नए मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत अपने पिछले मुख्यमंत्री की सरकार के किए गए पापों का प्रायश्चित करना चाहते हैं तो सबसे पहले सुप्रीम कोर्ट में सरकार की एसएलपी वापस लेकर उच्च न्यायालय के आदेशों का पालन करें. गौरतलब है कि, उपनल कर्मचारियों की मांगों को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने भी आगामी 18 तारीख को अपने आवास में सांकेतिक उपवास रखने का फैसला लिया है.

चमोली में वेतन वृद्धि और नियमितीकरण की मांग को लेकर कलमबंद हड़ताल

चमोली में भी वेतन वृद्धि और नियमितीकरण की मांग को लेकर मनरेगा कर्मियों ने कलमबंद हड़ताल शुरू कर दी है. मनरेगा कर्मियों ने अपनी मांगों को लेकर मुख्य विकास अधिकारी चमोली हंसादत्त पांडे को अपना ज्ञापन भी सौंपा है. मार्च माह में मनरेगा कर्मियों के एकाएक हड़ताल पर चले जाने से गांवों में होने वाले मनरेगा विकास कार्य ठप्प पड़ गए हैं.

बता दें कि, बीते कई समय से मनरेगा कर्मी अपने वेतन में वृद्धि और नियमितीकरण की मांग को लेकर आंदोलनरत रहे हैं. मनरेगा संगठन चमोली की जिलाध्यक्ष रुचि पांडे ने बताया कि पूरे प्रदेश में मनरेगा कर्मियों की हड़ताल चल रही है. उनकी मांग है कि हिमाचल प्रदेश की तर्ज पर उत्तराखंड में मनरेगा कर्मियों को ग्रेड पे दिया जाए और कर्मचारियों को नियमित किया जाए. अगर सरकार के द्वारा मांग पूरी नहीं की गई तो उनकी हड़ताल जारी रहेगी.

देहरादून/चमोली: प्रदेश के मनरेगा कर्मचारियों ने अपनी मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू कर दी है. सहस्त्रधारा रोड स्थित एकता विहार में धरनारत मनरेगा कर्मचारी विभागीय समायोजन और हिमाचल प्रदेश की तर्ज पर ग्रेड पे की मांग कर रहे हैं. वहीं, कांग्रेस प्रदेश उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना ने बीते 23 दिनों से अपनी मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे उपनल कर्मियों के समर्थन में एकता विहार स्थित धरना स्थल पहुंचकर 3 घंटे का उपवास रखकर धरना दिया. इसी कड़ी में चमोली में भी वेतन वृद्धि और नियमितीकरण की मांग को लेकर मनरेगा कर्मियों ने कलमबंद हड़ताल शुरू कर दी है.

बता दें कि, मंगलवार को धरने पर बैठे मनरेगा कर्मियों के प्रतिनिधि मंडल ने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत से शिष्टाचार भेंट की. कर्मचारियों के मुताबिक उनकी मांगों को लेकर मुख्यमंत्री से मुलाकात सकारात्मक रही. इस दौरान मनरेगा कर्मचारी संगठन के प्रदेश महामंत्री सुबोध उनियाल का कहना है कि अगर सरकार ने उनकी मांग को अनसुना किया तो उनका आंदोलन जारी रहेगा. कांग्रेस प्रदेश उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना एकता विहार स्थित धरना स्थल पहुंचे और उपनल कर्मचारियों की मांगों के समर्थन में 3 घंटे उपवास रखकर धरना दिया.

सूर्यकांत धस्माना का कहना है कि बीते 4 वर्षों से राज्य की भाजपा सरकार ने उपनल के कार्यरत 22 हजार कर्मचारियों की सुध नहीं ली. उन्होंने कहा कि 2018 नवंबर में उच्च न्यायालय नैनीताल ने राज्य सरकार को निर्देशित करते हुए समान काम के लिए समान वेतन, चरणबद्ध तरीके से उपनल कर्मियों के समायोजन और जीएसटी व सर्विस टैक्स न काटे जाने के आदेश दिए थे. जिसको मानने की बजाय राज्य की भाजपा सरकार सुप्रीम कोर्ट चली गई और उच्च न्यायालय के आदेशों के खिलाफ एसएलपी दायर कर दी. उन्होंने कहा कि राज्य के युवाओं के बल पर प्रचंड बहुमत में आई सरकार ने बीते 4 वर्षों में सबसे ज्यादा युवाओं की उपेक्षा की है.

पढ़ें: 'शिक्षक से संन्यासी तक का सफरनामा' पुस्तक का IG कुंभ ने किया विमोचन

कांग्रेस प्रदेश उपाध्यक्ष का कहना है कि अगर नए मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत अपने पिछले मुख्यमंत्री की सरकार के किए गए पापों का प्रायश्चित करना चाहते हैं तो सबसे पहले सुप्रीम कोर्ट में सरकार की एसएलपी वापस लेकर उच्च न्यायालय के आदेशों का पालन करें. गौरतलब है कि, उपनल कर्मचारियों की मांगों को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने भी आगामी 18 तारीख को अपने आवास में सांकेतिक उपवास रखने का फैसला लिया है.

चमोली में वेतन वृद्धि और नियमितीकरण की मांग को लेकर कलमबंद हड़ताल

चमोली में भी वेतन वृद्धि और नियमितीकरण की मांग को लेकर मनरेगा कर्मियों ने कलमबंद हड़ताल शुरू कर दी है. मनरेगा कर्मियों ने अपनी मांगों को लेकर मुख्य विकास अधिकारी चमोली हंसादत्त पांडे को अपना ज्ञापन भी सौंपा है. मार्च माह में मनरेगा कर्मियों के एकाएक हड़ताल पर चले जाने से गांवों में होने वाले मनरेगा विकास कार्य ठप्प पड़ गए हैं.

बता दें कि, बीते कई समय से मनरेगा कर्मी अपने वेतन में वृद्धि और नियमितीकरण की मांग को लेकर आंदोलनरत रहे हैं. मनरेगा संगठन चमोली की जिलाध्यक्ष रुचि पांडे ने बताया कि पूरे प्रदेश में मनरेगा कर्मियों की हड़ताल चल रही है. उनकी मांग है कि हिमाचल प्रदेश की तर्ज पर उत्तराखंड में मनरेगा कर्मियों को ग्रेड पे दिया जाए और कर्मचारियों को नियमित किया जाए. अगर सरकार के द्वारा मांग पूरी नहीं की गई तो उनकी हड़ताल जारी रहेगी.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.