थराली: पदोन्नति में आरक्षण के खिलाफ मिनिस्टीरियल कर्मचारियों की हड़ताल का व्यापक असर थराली विकासखंड में भी देखने को मिल रहा है. थराली विकासखंड कार्यालय परिसर में लगभग सभी विभागों के कर्मचारी धरने पर बैठे रहे. जहां कर्मचारियों ने राज्य सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की.
विभागीय कर्मचारियों की इस हड़ताल से थराली में आमजन के आवश्यक कार्यों पर भी खासा असर पड़ा है. थराली में विभागीय कार्यालयों में दफ्तर तो खुले रहे, लेकिन कुर्सियों में कर्मचारी नदारद मिले. आलम ये रहा कि जनता अपने कार्यों के लिए दफ्तर दफ्तर भटकती रही. हड़ताली कर्मचारियों के आंदोलन का आज 16वां दिन था बावजूद अभी तक सरकार द्वारा हड़ताली कर्मचारियों के हित में कोई फैसला नहीं आने से कर्मचारियों में आक्रोश देखने को मिला.
सर्वोच्च न्यायालय ने पदोन्नति में आरक्षण को मौलिक अधिकार नहीं माना है. हड़ताली कर्मचारियों का कहना है कि प्रदेश में 2012 से ज्येष्ठता के आधार पर पदोन्नति की जा रही थी, लेकिन एससी, एसटी कर्मचारियों के दवाब में आकर प्रदेश सरकार ने पदोन्नति पर रोक लगा दी है और जनरल ओबीसी कर्मचारियों का राज्य सरकार शोषण कर रही है.
ये भी पढ़ें: महाविद्यालय की समस्याओं को लेकर छात्रों ने किया प्रदर्शन, लगाए ये गंभीर आरोप
कर्मचारियों का कहना है पदोन्नति में आरक्षण बन्द होना चाहिए और ज्येष्ठता के आधार पदोन्नति मिलनी चाहिए. लेकिन राज्य सरकार न्यायालय के आदेशों की अवहेलना कर रही है. उन्होंने कहा जब तक पदोन्नति में आरक्षण खत्म नहीं किया जाता है कर्मचारियों की हड़ताल जारी रहेगी और अगर सरकार इसी तरह कर्मचारियों की अनदेखी करती रही तो कर्मचारी परिवार के साथ हड़ताल पर बैठने को मजबूर होंगे, लेकिन आंदोलन खत्म नहीं करेंगे.