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चमोली: शहीद सुरेंद्र सिंह नेगी का सैन्य सम्मान के साथ हुआ अंतिम संस्कार

जम्मू-कश्मीर के पुंछ सेक्टर में तैनात चमोली जिले के शहीद सैनिक सुरेंद्र सिंह नेगी का अंतिम संस्कार बुधवार को पूरे सैन्य सम्मान के साथ पैतृक घाट नंदप्रयाग में किया गया. शहीद के बड़े भाई सुलभ सिंह नेगी ने शहीद की चिता को मुखाग्नि दी.

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Published : Jun 24, 2020, 12:19 PM IST

Updated : Jul 19, 2020, 11:14 AM IST

चमोली: जम्मू-कश्मीर के पुंछ सेक्टर में तैनात चमोली जिले के शहीद सैनिक सुरेंद्र सिंह नेगी का अंतिम संस्कार बुधवार को पूरे सैन्य सम्मान के साथ पैतृक घाट नंदप्रयाग में किया गया. शहीद के बड़े भाई सुलभ सिंह नेगी ने शहीद की चिता को मुखाग्नि दी. शहीद सैनिक का पार्थिव शरीर मंगलवार देर शाम उनके पैतृक गांव सुनाली पहुंचा था. जिसके बाद से गांव में मातम पसरा हुआ है.

शहीद सुरेंद्र सिंह नेगी का सैन्य सम्मान के साथ हुआ अंतिम संस्कार.

बदरीनाथ विधायक महेंद्र भट्ट, कर्णप्रयाग विधायक सुरेंद्र सिंह नेगी और जिलाधिकारी स्वाति एस भदौरिया ने नंदप्रयाग स्थित पैतृक घाट पर पहुंचकर शहीद के पार्थिव शरीर पर पुष्पचक्र अर्पित कर श्रद्वांजलि दी. साथ ही सैकड़ों लोग सैनिक की अंतिम विदाई में शामिल हुए और श्रद्वांजलि दी. जिलाधिकारी ने शहीद सैनिक के परिजनों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त करते हुए कहा कि शहीद सैनिक सुरेंद्र सिंह नेगी को हमेशा याद किया जाएगा.

बता दें कि, चमोली जनपद के सुनाली गांव निवासी सुरेंद्र सिंह नेगी आठवीं गढ़वाल राइफल्स में तैनात थे. सुरेंद्र सिंह नेगी (38) वर्ष 2005 में गढ़वाल राइफल्स में भर्ती हुए थे. वे अपने पीछे पत्नी और दो बच्चों को छोड़ गए हैं. सुरेंद्र सिंह नेगी रविवार को जम्मू-कश्मीर के पुंछ सेक्टर में शहीद हुए थे.

पढ़ें: शहीद जवान सुरेंद्र सिंह नेगी का पार्थिव शरीर पहुंचा उत्तराखंड, मुख्यमंत्री ने दी श्रद्धांजलि

शहीद सुरेंद्र सिंह नेगी के भतीजे मुकेश ने बताया कि उनका परिवार सैन्य पृष्टभूमि से रहा है. उन्होंने बताया कि उनके दादा भी सेना से सेवानिवृत्त हैं और 1962 चीन -भारत के युद्ध मे उन्होंने चीनी सैनिकों को धूल चटाई है. साथ ही उनके तीनों बेटे भी सेना में ही हैं, जिसमें से आज चाचा सुरेंद्र सिंह नेगी शहीद हुए हैं.

चमोली: जम्मू-कश्मीर के पुंछ सेक्टर में तैनात चमोली जिले के शहीद सैनिक सुरेंद्र सिंह नेगी का अंतिम संस्कार बुधवार को पूरे सैन्य सम्मान के साथ पैतृक घाट नंदप्रयाग में किया गया. शहीद के बड़े भाई सुलभ सिंह नेगी ने शहीद की चिता को मुखाग्नि दी. शहीद सैनिक का पार्थिव शरीर मंगलवार देर शाम उनके पैतृक गांव सुनाली पहुंचा था. जिसके बाद से गांव में मातम पसरा हुआ है.

शहीद सुरेंद्र सिंह नेगी का सैन्य सम्मान के साथ हुआ अंतिम संस्कार.

बदरीनाथ विधायक महेंद्र भट्ट, कर्णप्रयाग विधायक सुरेंद्र सिंह नेगी और जिलाधिकारी स्वाति एस भदौरिया ने नंदप्रयाग स्थित पैतृक घाट पर पहुंचकर शहीद के पार्थिव शरीर पर पुष्पचक्र अर्पित कर श्रद्वांजलि दी. साथ ही सैकड़ों लोग सैनिक की अंतिम विदाई में शामिल हुए और श्रद्वांजलि दी. जिलाधिकारी ने शहीद सैनिक के परिजनों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त करते हुए कहा कि शहीद सैनिक सुरेंद्र सिंह नेगी को हमेशा याद किया जाएगा.

बता दें कि, चमोली जनपद के सुनाली गांव निवासी सुरेंद्र सिंह नेगी आठवीं गढ़वाल राइफल्स में तैनात थे. सुरेंद्र सिंह नेगी (38) वर्ष 2005 में गढ़वाल राइफल्स में भर्ती हुए थे. वे अपने पीछे पत्नी और दो बच्चों को छोड़ गए हैं. सुरेंद्र सिंह नेगी रविवार को जम्मू-कश्मीर के पुंछ सेक्टर में शहीद हुए थे.

पढ़ें: शहीद जवान सुरेंद्र सिंह नेगी का पार्थिव शरीर पहुंचा उत्तराखंड, मुख्यमंत्री ने दी श्रद्धांजलि

शहीद सुरेंद्र सिंह नेगी के भतीजे मुकेश ने बताया कि उनका परिवार सैन्य पृष्टभूमि से रहा है. उन्होंने बताया कि उनके दादा भी सेना से सेवानिवृत्त हैं और 1962 चीन -भारत के युद्ध मे उन्होंने चीनी सैनिकों को धूल चटाई है. साथ ही उनके तीनों बेटे भी सेना में ही हैं, जिसमें से आज चाचा सुरेंद्र सिंह नेगी शहीद हुए हैं.

Last Updated : Jul 19, 2020, 11:14 AM IST
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