चमोली/पौड़ीः उत्तराखंड में मॉनसून की बौछार जारी है. जिससे नदी नाले उफान पर बह रही हैं. चमोली जिले में भी बारिश आफत बनकर बरस रही है. जहां बीती देर रात हुई बारिश से चमोली के दशोली और नंदानगर विकासखंड में जमकर कहर बरपा है तो वहीं चमोली-कुंड राष्ट्रीय राजमार्ग समेत ग्रामीण क्षेत्रों की 33 सड़कें अभी भी मलबा आने से बाधित हैं. जिन्हें खोलने का प्रयास किया जा रहा है.
चमोली जिले में बीती रात हुई भारी बारिश ने खूब कहर बरपाया. दशोली ब्लॉक के कुहेड़-मथरपाल-धारकोट मोटर मार्ग बंद होने के साथ खेती को भी काफी नुकसान पहुंचा है. गरमथा तोक में नाला उफान पर आ गया और बाइक मलबे की चपेट में आने से दब गई. वहीं, एक बोलेरो वाहन भी मलबे की चपेट में आ गया. दूसरी ओर नंदप्रयाग-नंदानगर विकासखंड को जोड़ने वाली एकमात्र सड़क भी ग्री पुल के पास बाधित चल रही है. जबकि, बिजार गांव में भी देर रात नाला उफान पर आने से पेयजल लाइन क्षतिग्रस्त हो गई.
बीडीसी सदस्य पलेटी राहुल रावत ने बताया कि बुधवार देर रात एक बोलेरो वाहन और एक बाइक मलबे की चपेट में आई. वहीं, मार्ग बंद होने की सूचना जिला प्रशासन को दी गई. जिसके बाद जिला प्रशासन की ओर से मार्ग को खोलने के लिए जेसीबी मशीन भेज दी गई है. चमोली डीएम हिमांशु खुराना (Chamoli DM Himanshu Khurana) का कहना है कि बरसाती सीजन को लेकर जिले के सभी अधिकारियों को अलर्ट मोड़ पर रखा गया है. ग्रामीण क्षेत्रों की कुछ सड़कें बाधित चल रही हैं, जिनको खोलने का काम जारी है.
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पौड़ी डीएम ने जांची व्यवस्थाएंः बीते दिनों पौड़ी और आसपास के क्षेत्रों में हुई बारिश से कई जगहों पर जलभराव की समस्या देखने को मिली थी. इधर, मॉनसून सीजन की पहली ही बारिश से श्रीनगर क्षेत्र की ड्रेनेज सिस्टम की पोल खुल गई. बारिश से श्रीनगर स्थित तकनीकी शिक्षा निदेशालय परिसर में जलभराव हो गया. जिसका खुद डीएम विजय कुमार जोगदंडे ने निरीक्षण कर जायजा लिया. डीएम ने सिंचाई, पेयजल और एनएच के अधिकारियों को तत्काल जलभराव की समस्या से निजात दिलाने के लिए ठोस रणनीति से कार्य करने के निर्देश दिए.
इतना ही नहीं डीएम जोगदंडे (Pauri DM Vijay Kumar Jogdande) ने अधिकारियों को नालों व सड़कों से जुड़ी नालियों को चौड़ा और उनमें तीव्र ढाल बनाने के निर्देश दिए. साथ ही उन्होंने उपजिलाधिकारी श्रीनगर को इस कार्य की निगरानी करने और तय समय पर कार्य पूरा करवाने को कहा. इसके अलावा डीएम जोगदंडे ने आईटीआई कॉलेज स्थित नमामि गंगे परियोजना के अंतर्गत बनाए गए 100 एमएलडी के सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट का भी निरीक्षण किया.