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थराली पहुँची छड़ी यात्रा, महंत रजनीशानंद गिरी महाराज ने किया स्वागत

चारों धाम के दर्शन के बाद पवित्र छड़ी यात्रा थराली पहुंची. इस दौरान यात्रा के साथ आए साधुओं का महंत रजनीशानंद ने स्वागत किया. लोगों ने भी सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए छड़ी के दर्शन किए.

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छड़ी यात्रा
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Published : Oct 2, 2020, 8:10 AM IST

थराली: छड़ी यात्रा पंच दशनाम जूना अखाड़ा मायापुरी हरिद्वार से 12 सितंबर को रवाना हुई थी. ये यात्रा कर्णप्रयाग के बाद अब थराली पहुंची है. बेतालेश्वर महादेव मंदिर में छड़ी यात्रा के साथ आए साधु-संतों का महंत रजनीशानंद गिरी महाराज ने स्वागत किया.

छड़ी यात्रा चारों धामों के दर्शनों के बाद थराली पहुंची. इसके बाद पवित्र छड़ी की पूजा-अर्चना की गई. इस दौरान श्रद्धालुओं ने सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए छड़ी के दर्शन किए, जिसके बाद छड़ी यात्रा बागेश्वर के लिए रवाना हो गई. जूना अखाड़े के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष प्रेम गिरी महाराज ने बताया कि जगद्गुरु शंकराचार्य ने 2,500 साल पहले ऐतिहासिक छड़ी यात्रा का शुभारंभ सनातन धर्म की रक्षा के लिए किया था, लेकिन बीच में कुछ समय के लिए छड़ी यात्रा किन्हीं कारणों की वजह से बंद हो गई थी.

ये भी पढ़ें: टिहरी हादसा: कोटी झील से भाई-बहन का शव बरामद, अन्य शवों की तलाश जारी

प्रेम गिरी महाराज ने बताया कि CM त्रिवेंद्र सिंह रावत के सहयोग से पिछले साल से पवित्र छड़ी यात्रा का फिर से शुभारंभ किया गया और इस साल कोरोना काल में सरकार द्वारा जारी गाइडलाइन के अनुसार छड़ी यात्रा विभिन्न पड़ावों को पार करते हुए बागेश्वर पहुंची. इसके बाद ये यात्रा वापस मायापुरी हरिद्वार पहुंचेगी. उन्होंने बताया कि पवित्र छड़ी यात्रा का उद्देश्य उत्तराखंड में सनातन धर्म की रक्षा और इसका प्रचार-प्रसार करना है.

थराली: छड़ी यात्रा पंच दशनाम जूना अखाड़ा मायापुरी हरिद्वार से 12 सितंबर को रवाना हुई थी. ये यात्रा कर्णप्रयाग के बाद अब थराली पहुंची है. बेतालेश्वर महादेव मंदिर में छड़ी यात्रा के साथ आए साधु-संतों का महंत रजनीशानंद गिरी महाराज ने स्वागत किया.

छड़ी यात्रा चारों धामों के दर्शनों के बाद थराली पहुंची. इसके बाद पवित्र छड़ी की पूजा-अर्चना की गई. इस दौरान श्रद्धालुओं ने सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए छड़ी के दर्शन किए, जिसके बाद छड़ी यात्रा बागेश्वर के लिए रवाना हो गई. जूना अखाड़े के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष प्रेम गिरी महाराज ने बताया कि जगद्गुरु शंकराचार्य ने 2,500 साल पहले ऐतिहासिक छड़ी यात्रा का शुभारंभ सनातन धर्म की रक्षा के लिए किया था, लेकिन बीच में कुछ समय के लिए छड़ी यात्रा किन्हीं कारणों की वजह से बंद हो गई थी.

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प्रेम गिरी महाराज ने बताया कि CM त्रिवेंद्र सिंह रावत के सहयोग से पिछले साल से पवित्र छड़ी यात्रा का फिर से शुभारंभ किया गया और इस साल कोरोना काल में सरकार द्वारा जारी गाइडलाइन के अनुसार छड़ी यात्रा विभिन्न पड़ावों को पार करते हुए बागेश्वर पहुंची. इसके बाद ये यात्रा वापस मायापुरी हरिद्वार पहुंचेगी. उन्होंने बताया कि पवित्र छड़ी यात्रा का उद्देश्य उत्तराखंड में सनातन धर्म की रक्षा और इसका प्रचार-प्रसार करना है.

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