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पांडुकेश्वर में शीतकाल के लिए विराजमान हुए भगवान बदरी विशाल

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Published : Nov 20, 2020, 9:09 PM IST

पांडुकेश्वर के योगध्यान मंदिर में भगवान बदरी विशाल शीतकाल के लिए विराजमान हुए हैं.

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पांडुकेश्वर में शीतकाल के लिए विराजमान हुए बदरी विशाल.

चमोली: बदरीनाथ धाम के कपाट बंद होने के बाद भगवान बदरी विशाल अपने सखा उद्धव और भगवान के साथ पांडुकेश्वर मंदिर में विराजमान हो गए हैं. बदरी पांडुकेश्वर पहुंचने पर भगवान की डोली पर श्रद्धालुओं ने पुष्प वर्षा की. भगवान की डोली यात्रा में भगवान बदरीनाथ धाम के मुख्य पुजारी रावल ईश्वरी प्रसाद नंबूदरी सहित देवस्थानम बोर्ड के अधिकारी, कर्मचारी सहित सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालु मौजूद रहे.

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भगवान का स्वागत करती स्थानीय महिलाएं.

पांडुकेश्वर स्थित योगध्यान मंदिर में भगवान की डोलियों के पहुंचते ही जय बदरी विशाल के नारों से मंदिर परिसर गुंजायमान हो उठा. ना के बैंड के मधुर धुनों के साथ पांडुकेश्वर गांव की महिलाओं ने भगवान के भजन गाए. योगध्यान बदरी मंदिर में भगवान बदरी विशाल की उत्सव मूर्ति एवं भगवान के सखा उद्धव, कुबेर भगवान की मूर्ति शीतकाल के लिए स्थापित कर दी गई है. शीतकाल के दौरान श्रद्धालु भगवान बदरी विशाल की पूजा योगध्यान बदरी मंदिर पांडुकेश्वर में कर सकते हैं.

पांडुकेश्वर में शीतकाल के लिए विराजमान हुए बदरी विशाल.

ये भी पढ़ें: जानिए कैसी रही इस बार चारधाम यात्रा, कितना पड़ा कोरोना का असर

वहीं आदिगुरू शंकराचार्य की गद्दी शनिवार को जोशीमठ के नरसिंह मंदिर में शीतकाल के लिए स्थापित कर दी जाएगा. अब अगले साल कपाट खुलने से पूर्व गाडू घड़े शोभायात्रा के साथ शंकराचार्य की गद्दी भी बदरी विशाल के लिए रवाना होगी.

चमोली: बदरीनाथ धाम के कपाट बंद होने के बाद भगवान बदरी विशाल अपने सखा उद्धव और भगवान के साथ पांडुकेश्वर मंदिर में विराजमान हो गए हैं. बदरी पांडुकेश्वर पहुंचने पर भगवान की डोली पर श्रद्धालुओं ने पुष्प वर्षा की. भगवान की डोली यात्रा में भगवान बदरीनाथ धाम के मुख्य पुजारी रावल ईश्वरी प्रसाद नंबूदरी सहित देवस्थानम बोर्ड के अधिकारी, कर्मचारी सहित सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालु मौजूद रहे.

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भगवान का स्वागत करती स्थानीय महिलाएं.

पांडुकेश्वर स्थित योगध्यान मंदिर में भगवान की डोलियों के पहुंचते ही जय बदरी विशाल के नारों से मंदिर परिसर गुंजायमान हो उठा. ना के बैंड के मधुर धुनों के साथ पांडुकेश्वर गांव की महिलाओं ने भगवान के भजन गाए. योगध्यान बदरी मंदिर में भगवान बदरी विशाल की उत्सव मूर्ति एवं भगवान के सखा उद्धव, कुबेर भगवान की मूर्ति शीतकाल के लिए स्थापित कर दी गई है. शीतकाल के दौरान श्रद्धालु भगवान बदरी विशाल की पूजा योगध्यान बदरी मंदिर पांडुकेश्वर में कर सकते हैं.

पांडुकेश्वर में शीतकाल के लिए विराजमान हुए बदरी विशाल.

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वहीं आदिगुरू शंकराचार्य की गद्दी शनिवार को जोशीमठ के नरसिंह मंदिर में शीतकाल के लिए स्थापित कर दी जाएगा. अब अगले साल कपाट खुलने से पूर्व गाडू घड़े शोभायात्रा के साथ शंकराचार्य की गद्दी भी बदरी विशाल के लिए रवाना होगी.

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