चमोली: बाबा बदरीनाथ के कपाट खुल गए हैं और हजारों की संख्या में श्रद्धालु बदरीनाथ के दरबार में दर्शन के लिए पहुंच रहे हैं, लेकिन आज हम आपको बाबा बदरीनाथ के दर्शन से जुड़े एक ऐसे मिथक के बारे में बताने जा रहे हैं जिसके बारे में शायद ही आपने सुना होगा. दरअसल, कहा जाता है कि जो भी नेता बाबा के दरबार में हेलीकाप्टर से हाजिरी लगाने पहुंचते हैं उन्हें अमूमन सत्ता से हाथ धोना पड़ता है.
माना जाता है कि भगवान बदरीनाथ अपने गढ़ में राजनीति करने वालों को पसंद नहीं करते हैं, शायद यही कारण है कि जो यहां पर ठाठ-बाट से आया उसे अपनी सत्ता गंवानी पड़ी. जिसके चलते नेता और मंत्री लंबा सफर तय कर यहां पहुंचते हैं. जानकारों का मानना है कि यह धारणा सालों से चली आ रही है.
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जानकारी के मुताबिक, हेलीकॉप्टर लेकर धाम पहुंची पूर्व पीएम इंदिरा गांधी, राजीव गांधी, पूर्व उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी साथ ही प्रदेश के पूर्व सीएम स्व0 एनडी तिवारी, डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक और वीर बहादुर सिंह हेलीकाप्टर से बाबा के दर्शन करने पहुंचे थे, जिसके बाद उन्हें अपनी सत्ता गंवानी पड़ी.
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इस फेहरिस्त में इनके अलावा कई और ऐसे नाम भी शामिल हैं, जिन्होंने बाबा के दर्शन तो किए लेकिन बाद में उन्हें दर्शन के 'आशीर्वाद' के रूप में अपनी कुर्सी गंवानी पड़ी. इनमें यूपी के पूर्व राज्यपाल सूरजभान, मोतीलाल बोरा और रोमेश भंडारी शामिल थे. ये सभी हेलीकॉप्टर लेकर धाम पहुंचे थे.
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राजनीति और बाबा बदरीनाथ के दर्शन से जुड़े इस तरह के घटनाक्रमों के बाद से ही लोगों में इस तरह की धारणा बनी हुई है कि जो भी नेता बाबा के दरबार हेलीकाप्टर से पहुंचा उसे सत्ता से बेदखल होना पड़ा. बताया जाता है कि सेना के हेलीकॉप्टर भी मंदिर के ऊपर नहीं उड़ते हैं. यही कारण है कि वीआईपी मंदिर से दो किमी दूर बने हेलीपैड पर ही उतरते हैं.