चमोली: कोरोना वायरस रूपी वैश्विक महामारी से भारत सहित पूरा विश्व जूझ रहा है. इस वायरस से बचाव और रोकथाम के लिए देश में 21 दिनों के लॉकडाउन है, जिसके चलते जनता अपने अपने घरों में कैद है.
वहीं नारायणबगड़ विकासखंड के मींग गधेरा-बैनोली मोटरमार्ग पर चल रहा सड़क कटिंग का कार्य बताता है कि निर्माण कार्य करा रहे ठेकेदार को न तो नियमों से कोई मतलब है और न ही प्रशासन का कोई डर.
बता दें, उत्तराखंड में किसी भी तरह का निर्माण कार्य लॉकडाउन के दौरान पूरी तरह प्रतिबंधित है. बावजूद प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत मींग-बैनोली के 3 किमी की दूरी पर सड़क कटिंग का कार्य धड़ल्ले से चल रहा है. बाकायदा सड़क कटिंग का मलबा डंपिंग जोन में डालने की बजाय ग्वालदम-कर्णप्रयाग राष्ट्रीय राजमार्ग पर डाला जा रहा है.
बृहस्पतिवार शाम भी सड़क कटिंग का मलबा राष्ट्रीय राजमार्ग पर आने से मोटरमार्ग लगभग एक से डेढ़ घंटा बाधित रहा. मलबे के साथ बड़े बड़े बोल्डर आने से जहां राष्ट्रीय राजमार्ग को तो नुकसान हो ही रहा है वहीं जाम में फंसने से आवश्यक सेवाएं भी बाधित हो रही हैं.
पढ़े- हाय रे व्यवस्था! दर्द से तड़पती रही महिला, बौराड़ी अस्पताल प्रबंधन बोला- नहीं हो सकता इलाज
वहीं, प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अधिशासी अभियंता प्रमोद गंगाड़ी का कहना है कि उनके द्वारा कुछ सड़कों पर निर्माण कार्य शुरू कराए जाने को लेकर जिलाधिकारी चमोली को पत्र लिखा गया था, लेकिन अभी तक किसी भी तरह की अनुमति नहीं मिली है.
उन्होंने मींग-बैनोली मोटरमार्ग पर किसी भी तरह के कार्य सुचारू होने की बात पर कहा कि ठेकेदारों ने उन्हें इस बारे में कोई जानकारी नहीं दी थी तो वहीं उपजिलाधिकारी थराली किशन सिंह नेगी ने भी स्पष्ट किया है कि अभी तक किसी भी तरह की अनुमति सड़क निर्माणदायी कंपनियों या ठेकेदारों को नहीं दी गयी है.
बीआरओ अधिकारी नागेंद्र कुमार का कहना है कि संबंधित ठेकेदार को नोटिस दे दिया है. बावजूद ठेकेदार सड़क कटिंग का कार्य कर रहे हैं. उन्होंने ठेकेदार के प्रति एफआईआर करवाने की बात कही है. अब देखने वाली बात यह होगी कि ठेकेदार के प्रति एफआईआर होती है या विभागीय अधिकारी की बातें हवा हवाई साबित होंगी.