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पहाड़ों में कंधे पर स्वास्थ्य सेवाएं, मरीज को 12 किमी कंधे पर लादकर पहुंचाया अस्पताल

जोशीमठ विकासखंड के सुदूरवर्ती गांव किमाणा में ग्रामीणों ने एक मरीज को कंधे पर लादकर 12 किमी दूर मुख्य सड़क तक पहुंचाया. जहां से उसे एंबुलेंस द्वारा अस्पताल में भर्ती कराया गया.

Bad health services in Uttarakhand
पहाड़ में कंधे पर स्वास्थ्य सेवाएं
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Published : Sep 30, 2020, 5:09 PM IST

Updated : Oct 18, 2020, 5:06 PM IST

चमोली: जोशीमठ विकासखंड के सुदूरवर्ती गांव किमाणा में उल्टी-दस्त के कारण 12 से अधिक लोग बीमार हैं. वहीं उल्टी-दस्त से बुधवार को 11 साल की सिमरन की मौत हो गई है. वहीं, बच्ची की मौत के बाद सिमरन की मां की तबीयत भी बिगड़ गई. जिसके बाद ग्रामीणों ने उसे कुर्सी की पालकी पर बिठाकर पैदल ही 12 किलोमीटर का सफर तय कर मुख्य सड़क तक पहुंचाया गया. जहां से सरकारी एंबुलेंस के जरिए बीमार महिला को उपचार के लिए सीएचसी जोशीमठ लाया गया है. सीएचसी जोशीमठ में प्राथमिक इलाज के बाद महिला को हायर सेंटर के लिए रेफर कर दिया गया है.

पहाड़ों में कंधे पर स्वास्थ्य सेवाएं.

पूरे मामले में पीड़ित परिजनों का कहना है कि गांव में स्वास्थ्य सुविधा के नाम पर एक आयुर्वेदिक अस्पताल है. अस्पताल में तैनात डॉक्टरों की लापरवाही के कारण ही उनकी बेटी की मौत हुई है. ग्रामीणों के अनुसार करीब एक दर्जन से अधिक लोग गांव में उल्टी-दस्त से परेशान हैं.

ये भी पढ़ें: बाबरी विध्वंस केस: कोर्ट के फैसले पर बोले सीएम त्रिवेंद्र, सत्य की हुई जीत

चमोली के मुख्य चिकित्साधिकारी जीएस राणा का कहना है कि किमाणा गांव में ग्रामीणों को उल्टी-दस्त की शिकायत होने की सूचना उन्हें मिली थी. जिस पर किमाणा गांव में तत्काल डॉक्टरों की टीम दवा के साथ भेजी गई है. टीम द्वारा गांव में पहुंचकर उपचार भी शुरू कर दिया गया है. देर रात एक किशोरी की मौत भी गांव में हुई है. मुख्य चिकित्साधिकारी के मुताबिक बासी खाना और दूषित जल पीने की वजह से लोग बीमार हो रहे हैं.

चमोली: जोशीमठ विकासखंड के सुदूरवर्ती गांव किमाणा में उल्टी-दस्त के कारण 12 से अधिक लोग बीमार हैं. वहीं उल्टी-दस्त से बुधवार को 11 साल की सिमरन की मौत हो गई है. वहीं, बच्ची की मौत के बाद सिमरन की मां की तबीयत भी बिगड़ गई. जिसके बाद ग्रामीणों ने उसे कुर्सी की पालकी पर बिठाकर पैदल ही 12 किलोमीटर का सफर तय कर मुख्य सड़क तक पहुंचाया गया. जहां से सरकारी एंबुलेंस के जरिए बीमार महिला को उपचार के लिए सीएचसी जोशीमठ लाया गया है. सीएचसी जोशीमठ में प्राथमिक इलाज के बाद महिला को हायर सेंटर के लिए रेफर कर दिया गया है.

पहाड़ों में कंधे पर स्वास्थ्य सेवाएं.

पूरे मामले में पीड़ित परिजनों का कहना है कि गांव में स्वास्थ्य सुविधा के नाम पर एक आयुर्वेदिक अस्पताल है. अस्पताल में तैनात डॉक्टरों की लापरवाही के कारण ही उनकी बेटी की मौत हुई है. ग्रामीणों के अनुसार करीब एक दर्जन से अधिक लोग गांव में उल्टी-दस्त से परेशान हैं.

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चमोली के मुख्य चिकित्साधिकारी जीएस राणा का कहना है कि किमाणा गांव में ग्रामीणों को उल्टी-दस्त की शिकायत होने की सूचना उन्हें मिली थी. जिस पर किमाणा गांव में तत्काल डॉक्टरों की टीम दवा के साथ भेजी गई है. टीम द्वारा गांव में पहुंचकर उपचार भी शुरू कर दिया गया है. देर रात एक किशोरी की मौत भी गांव में हुई है. मुख्य चिकित्साधिकारी के मुताबिक बासी खाना और दूषित जल पीने की वजह से लोग बीमार हो रहे हैं.

Last Updated : Oct 18, 2020, 5:06 PM IST
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