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शीतकाल के लिए हेमकुंड साहिब के कपाट बंद, 18 सितंबर से शुरू हुई थी यात्रा - हेमकुंड साहिब के कपाट बंद

सिखों के पवित्र तीर्थ स्थल प्रसिद्ध हेमकुंड साहिब और लोकपाल लक्ष्मण मंदिर के कपाट आज विधिवत रूप से शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए.

chamoli hemkund sahib
हेमकुंड साहिब के कपाट बंद
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Published : Oct 10, 2021, 1:37 PM IST

Updated : Oct 10, 2021, 1:48 PM IST

चमोलीः सिखों के पवित्र तीर्थ स्थल प्रसिद्ध हेमकुंड साहिब और लोकपाल लक्ष्मण मंदिर के कपाट आज विधिवत रूप से शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए हैं. पवित्र गुरु ग्रंथ साहिब को पंजाब के आए विशेष बैंड की धुन के साथ पंच प्यारों के अगुवाई में दरबार साहिब से सचखंड साहिब गर्भगृह में लाया गया. ठीक 1ः30 बजे हेमकुंड साहिब के कपाट बंद किए गए. इसके अलावा लोकपाल लक्ष्मण मंदिर के कपाट भी अगले 6 महीने तक शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए हैं.

बता दें कि, हेमकुंड साहिब के कपाट हमेशा 25 मई को खोल दिए जाते थे. लेकिन इस बार कोरोना संक्रमण के चलते कपाट करीब साढ़े तीन महीने देरी से खोले गए. अब तक करीब 5 हजार से अधिक श्रद्धालुओं ने गुरुद्वारा साहिब में मत्था टेका. हेमकुंड साहिब के कपाट आज से शीतकाल के लिए 6 माह बंद रहेंगे.

हेमकुंड साहिब में आज सुबह 9 बजे से गुरुद्वारे में शबद कीर्तन शुरू हुआ. यह कार्यक्रम दोपहर 12 बजे तक चला और 12:30 बजे इस साल की अंतिम अरदास हुई. जिसके बाद दोपहर के 1 बजे पवित्र गुरुग्रंथ साहिब का हुकुमनामा लिया गया. पवित्र गुरु ग्रंथ साहिब को पंजाब के आए विशेष बैंड की धुन के साथ पंच प्यारों के अगुवाई में दरबार साहिब से सचखंड साहिब गर्भगृह में लाया गया. ठीक 1ः30 बजे हेमकुंड साहिब के कपाट बंद किया गया. इसके अलावा लोकपाल लक्ष्मण मंदिर के कपाट भी अगले 6 महीने तक शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए हैं.

पढ़ें: लाहुर के अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र से डॉक्टर नदारद, ग्रामीणों ने जताई नाराजगी

18 सितंबर को शुरू हुई थी यात्राः बता दें कि इस साल कोरोना संक्रमण के चलते हेमकुंड साहिब की यात्रा 18 सितंबर से शुरू की गई थी. बावजूद इसके अभी तक 10,300 यात्री हेमकुंड साहिब पहुंचकर मत्था टेक चुके हैं. राज्य सरकार ने कोविड गाइडलाइन का पालन करते हुए प्रतिदिन हेमकुंड में 1000 श्रद्धालुओं को ही दर्शन करने की अनुमति दी थी.

गुरु गोविंद साहिब ने की थी अराधना: मान्यता है कि सिखों के दसवें गुरु गोविंद सिंह ने दशम ग्रंथ को यहां लिखा था. श्रद्धालुओं का मानना है कि यहां पर सिख धर्म के 10वें गुरु गुरु गोविंद सिंह साहिब ने कई वर्षों तक महाकाल की आराधना की थी. गुरु गोविंद सिंह जी की तपस्थली होने के कारण सिख धर्म के लोगों में इस स्थान को लेकर अपार श्रद्धा है और वे तमाम दिक्कतों के बाद भी यहां पहुंचते हैं. हेमकुंड साहिब की यात्रा को सबसे कठिन तीर्थ यात्राओं में से एक माना जाता है.

चमोलीः सिखों के पवित्र तीर्थ स्थल प्रसिद्ध हेमकुंड साहिब और लोकपाल लक्ष्मण मंदिर के कपाट आज विधिवत रूप से शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए हैं. पवित्र गुरु ग्रंथ साहिब को पंजाब के आए विशेष बैंड की धुन के साथ पंच प्यारों के अगुवाई में दरबार साहिब से सचखंड साहिब गर्भगृह में लाया गया. ठीक 1ः30 बजे हेमकुंड साहिब के कपाट बंद किए गए. इसके अलावा लोकपाल लक्ष्मण मंदिर के कपाट भी अगले 6 महीने तक शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए हैं.

बता दें कि, हेमकुंड साहिब के कपाट हमेशा 25 मई को खोल दिए जाते थे. लेकिन इस बार कोरोना संक्रमण के चलते कपाट करीब साढ़े तीन महीने देरी से खोले गए. अब तक करीब 5 हजार से अधिक श्रद्धालुओं ने गुरुद्वारा साहिब में मत्था टेका. हेमकुंड साहिब के कपाट आज से शीतकाल के लिए 6 माह बंद रहेंगे.

हेमकुंड साहिब में आज सुबह 9 बजे से गुरुद्वारे में शबद कीर्तन शुरू हुआ. यह कार्यक्रम दोपहर 12 बजे तक चला और 12:30 बजे इस साल की अंतिम अरदास हुई. जिसके बाद दोपहर के 1 बजे पवित्र गुरुग्रंथ साहिब का हुकुमनामा लिया गया. पवित्र गुरु ग्रंथ साहिब को पंजाब के आए विशेष बैंड की धुन के साथ पंच प्यारों के अगुवाई में दरबार साहिब से सचखंड साहिब गर्भगृह में लाया गया. ठीक 1ः30 बजे हेमकुंड साहिब के कपाट बंद किया गया. इसके अलावा लोकपाल लक्ष्मण मंदिर के कपाट भी अगले 6 महीने तक शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए हैं.

पढ़ें: लाहुर के अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र से डॉक्टर नदारद, ग्रामीणों ने जताई नाराजगी

18 सितंबर को शुरू हुई थी यात्राः बता दें कि इस साल कोरोना संक्रमण के चलते हेमकुंड साहिब की यात्रा 18 सितंबर से शुरू की गई थी. बावजूद इसके अभी तक 10,300 यात्री हेमकुंड साहिब पहुंचकर मत्था टेक चुके हैं. राज्य सरकार ने कोविड गाइडलाइन का पालन करते हुए प्रतिदिन हेमकुंड में 1000 श्रद्धालुओं को ही दर्शन करने की अनुमति दी थी.

गुरु गोविंद साहिब ने की थी अराधना: मान्यता है कि सिखों के दसवें गुरु गोविंद सिंह ने दशम ग्रंथ को यहां लिखा था. श्रद्धालुओं का मानना है कि यहां पर सिख धर्म के 10वें गुरु गुरु गोविंद सिंह साहिब ने कई वर्षों तक महाकाल की आराधना की थी. गुरु गोविंद सिंह जी की तपस्थली होने के कारण सिख धर्म के लोगों में इस स्थान को लेकर अपार श्रद्धा है और वे तमाम दिक्कतों के बाद भी यहां पहुंचते हैं. हेमकुंड साहिब की यात्रा को सबसे कठिन तीर्थ यात्राओं में से एक माना जाता है.

Last Updated : Oct 10, 2021, 1:48 PM IST
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