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उत्तराखंड में डोली के सहारे है स्वास्थ्य सेवा, बीमार महिला को लेकर चले पांच किमी पैदल

देवाल विकासखंड के हरनी गांव की एक महिला की अचानक तबीयत बिगड़ गयी. गांव से सड़क की दूरी लगभग 4 से 5 किमी है. ऐसे में लोग महिला को डोली में बिठाकर अस्पताल ले गए.

'विकास' कोसों दूर
'विकास' कोसों दूर
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Published : Jun 29, 2021, 5:43 PM IST

Updated : Jun 29, 2021, 5:58 PM IST

थराली: राज्य सरकार भले ही विकास को लेकर लाख दावे कर ले, लेकिन धरातल से आने वाली तस्वीरों के सामने ये दावे दम तोड़ते नजर आते हैं. प्रदेश के दूरस्थ क्षत्रों में आज भी सड़क, स्वास्थ्य और शिक्षा जैसी बुनियादी सुविधाओं का घोर अभाव है. इसकी एक तस्वीर चमोली जनपद के पिंडर घाटी के देवाल विकासखंड से निकलकर सामने आई है.

दरअसल देवाल विकासखंड के हरनी गांव की एक महिला की अचानक तबीयत बिगड़ गयी. गांव से सड़क की दूरी लगभग 4 से 5 किमी की है. ऐसे में सड़क के अभाव में ग्रामीण बीमार महिला को डोली में बिठाकर कई किलोमीटर चलकर सड़क पर पहुंचे, जहां से उसे इलाज के लिए देहरादून ले गए.

डोली के सहारे स्वास्थ्य सुविधा.

ये भी पढ़ें: गंगनहर में 'जोखिम भरी' छलांग लगा रहे बच्चे, वीडियो देख उड़ जाएंगे होश

बता दें कि पहले भी ग्रामीण सड़क की मांग को लेकर विधायक से लेकर मुख्यमंत्री से तक गुहार लगा चुके हैं. तत्कालीन मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के सामने देवाल ब्लॉक प्रमुख डॉ. दर्शन दानू ने ग्रामीणों की इस समस्या को रखा था. मुख्यमंत्री बदल गए लेकिन अब तक ग्रामीणों को सड़क की सौगात नहीं मिल पाई है. इसके चलते आये दिन दूरस्थ इलाकों से बीमारों को अस्पताल पहुंचाने की ऐसी तस्वीरें सामने आती रहती हैं.

वहीं, प्रदेश की डबज इंजन की सरकार 'सबका साथ, सबका विकास' का नारा देती है, लेकिन अभी भी प्रदेश के दूरस्थ इलाकों से विकास कोसों दूर है. ऐसे में सरकार को चाहिए कि विकास कार्य केवल राजधानी और जनपदों के मुख्यालय तक सीमित न रखकर, गांव-गांव तक पहुंचाने का काम करे.

थराली: राज्य सरकार भले ही विकास को लेकर लाख दावे कर ले, लेकिन धरातल से आने वाली तस्वीरों के सामने ये दावे दम तोड़ते नजर आते हैं. प्रदेश के दूरस्थ क्षत्रों में आज भी सड़क, स्वास्थ्य और शिक्षा जैसी बुनियादी सुविधाओं का घोर अभाव है. इसकी एक तस्वीर चमोली जनपद के पिंडर घाटी के देवाल विकासखंड से निकलकर सामने आई है.

दरअसल देवाल विकासखंड के हरनी गांव की एक महिला की अचानक तबीयत बिगड़ गयी. गांव से सड़क की दूरी लगभग 4 से 5 किमी की है. ऐसे में सड़क के अभाव में ग्रामीण बीमार महिला को डोली में बिठाकर कई किलोमीटर चलकर सड़क पर पहुंचे, जहां से उसे इलाज के लिए देहरादून ले गए.

डोली के सहारे स्वास्थ्य सुविधा.

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बता दें कि पहले भी ग्रामीण सड़क की मांग को लेकर विधायक से लेकर मुख्यमंत्री से तक गुहार लगा चुके हैं. तत्कालीन मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के सामने देवाल ब्लॉक प्रमुख डॉ. दर्शन दानू ने ग्रामीणों की इस समस्या को रखा था. मुख्यमंत्री बदल गए लेकिन अब तक ग्रामीणों को सड़क की सौगात नहीं मिल पाई है. इसके चलते आये दिन दूरस्थ इलाकों से बीमारों को अस्पताल पहुंचाने की ऐसी तस्वीरें सामने आती रहती हैं.

वहीं, प्रदेश की डबज इंजन की सरकार 'सबका साथ, सबका विकास' का नारा देती है, लेकिन अभी भी प्रदेश के दूरस्थ इलाकों से विकास कोसों दूर है. ऐसे में सरकार को चाहिए कि विकास कार्य केवल राजधानी और जनपदों के मुख्यालय तक सीमित न रखकर, गांव-गांव तक पहुंचाने का काम करे.

Last Updated : Jun 29, 2021, 5:58 PM IST
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