चमोली: अगस्त क्रांति दिवस के मौके पर आज उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत गैरसैंण पहुंचे. यहां पहुंचने पर उन्होंने पेशावर कांड के महानायक वीर चंद्र सिंह गढ़वाली की मूर्ति पर माल्यार्पण किया. इसके बाद उन्होंने रामलीला मैदान में कांग्रेस कार्यकर्ताओं को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि उन्होंने ग्रीष्मकालीन राजधानी की घोषणा तो कर दी मगर राजधानी को लेकर कुछ भी काम शुरू नहीं किया. अपने गैरसैंण दौरे पर हरीश रावत भराड़ीसैंण भी गये. यहां उन्होंने विधानसभा भवन के गेट पर खड़े होकर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को गढ़वाली बोली में आवाज लगाते हुए पूछा- 'त्रिवेंद्र भेजी कख छ तुमरी ग्रीष्मकालीन सरकार'. इसका मतलब कि त्रिवेंद्र भाई कहां है तुम्हारी ग्रीष्मकालीन सरकार.
पूर्व सीएम हरीश रावत के गैरसैंण दौरे के बाद प्रदेश में अब एक बार फिर सियासत ने तेजी पकड़ ली है. रविवार 9 अगस्त, क्रांति दिवस के मौके पर हरीश रावत गढ़वाल और कुमाऊं की सीमा पांडवाखाल पहुंचे. इसके बाद वो गैरसैंण पहुंचे, जहां उन्होंने पेशावर कांड के महानायक वीर चंद्र सिंह गढ़वाली को याद किया. रामलीला मैदान पहुंचने पर उन्होंने ध्वजारोहण कर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के चित्र पर भी माल्यार्पण किया.
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इस दौरान उन्होंने गैरसैंण को स्थायी राजधानी बनाए जाने की मांग को लेकर भूख हड़ताल के दौरान प्राण त्यागने वाले अमर शहीद बाबा मोहन सिंह उत्तराखंडी को भी याद किया. भाजपा पर हमला बोलते हुए उन्होंने कहा बीजेपी ने गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन राजधानी घोषित कर दिया है, मगर यहां तो अभी तक राजधानी वाला कुछ भी काम शुरू नहीं हुआ है. मंत्री, सचिव और अन्य अधिकारी अगर यहां बैठना शुरू करें तो हमें लगेगा कि यहां से राजधानी का कार्य शुरू हो गया है.
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हरीश रावत ने कहा कि अबतक भाजपा सरकार यहां ग्रीष्मकालीन राजधानी का बोर्ड तक नहीं लगा पाई है. ऐसे में कैसे कहा जा सकता है कि गैरसैंण ग्रीष्मकालीन राजधानी घोषित कर दी गई है. उन्होंने कहा 2017 से पहले जैसे हम गैरसैंण को छोड़कर गए थे आज भी गैरसैंण वैसा ही है.