चमोली: जिलाधिकारी स्वाति भदौरिया के प्रयासों से पहाड़ी शैली से बना पहला सरकारी होमस्टे जिलासू में 'बाखली' नाम से बनकर तैयार हो गया है. स्थानीय स्वयं सहायता समूह को होमस्टे संचालन की जिम्मेदारी दी गई है. जिससे स्थानीय लोगों को भी रोजगार मिल रहा है.
होमस्टे योजना के तहत चमोली जनपद में बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग के पास स्थित जिलासू में चमोली जिले का पहाड़ी शैली में पहला सरकारी होमस्टे बनकर तैयार हो चुका है. इसके संचालन की जिम्मेदारी एकीकृत आजीविका परियोजना से जुड़े मां चंडिका स्वायत्त सहकारिता समूह को दी गई है. अभी तक यहां आठ यात्री पहुंच चुके हैं. डीएम की पहल पर ही जिले में 'बाखली'(एक लंबी कतार में पहाड़ी शैली में बने घर) नाम से सरकारी होमस्टे की शुरूआत की गई है. आगे चलकर इस योजना के तहत हजारों लोगों को रोजगार मिलेगा.
यहां आने वाले पर्यटक जिलासू, लंगासू और उसके आसपास परंपरागत पहाड़ी खेती से भी रूबरू होंगे. साथ ही ग्रोथ सेंटर से स्थानीय उत्पादों की खरीददारी कर सकेंगे. होमस्टे में पर्यटकों के लिए पहाड़ी व्यंजनों का खास मैन्यू तैयार किया गया है. यहां पर पर्यटक मंडुवे की रोटी, चैसा, फाणु, स्थानीय दाल, सब्जियों और तिल की चटनी आदि पहाड़ी व्यंजनों का लुत्फ उठा सकते हैं.
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जिलाधिकारी ने बताया कि बाखली होमस्टे बनकर तैयार हो चुका है. जिसमें दो कमरों में चार लोगों के रुकने की व्यवस्था की गई है. इसके साथ ही जिलासू में ही आयुर्वेदा विलेज बनाने की भी योजना है. जिसको लेकर कार्य चल रहा है.
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बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग-कर्णप्रयाग से लगभग आठ किलोमीटर नंदप्रयाग की ओर नदी किनारे बसा जिलासू एक सुंदर गांव है. यहां पर अलकनंदा नदी का सुंदर विहंगम नजारा दिखता है. जिला प्रशासन द्वारा यहां पर रिवर बिच का भी सौंदर्यीकरण किया जा रहा है.