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10 मई को विधि-विधान के साथ खुलेंगे भविष्य बदरी के कपाट - भविष्य बदरी

भविष्य बदरी मंदिर के पुजारी सुशील डिमरी ने बताया कि निर्धारित तिथि को बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने के साथ-साथ भविष्य बदरी मंदिर के कपाट भी विधि-विधान से खुल जाएंगे. धार्मिक परम्पराओं के अनुसार इस दिन मंदिर में पूजा अनुष्ठान का धूमधाम से आयोजन किया जाता है.

future Badri
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Published : Feb 11, 2019, 9:05 AM IST

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चमोली: जहां 10 मई को बदरीनाथ के कपाट खुलने की तारीख तय हुई है. वहीं इसी दिन भविष्य बदरी के कपाट भी खोले जाएंगे. बता दें कि बदरीनाथ धाम और भविष्य बदरी मंदिर के कपाट एक ही तिथि और समय पर खोले जाते हैं. माना जाता है कि बदरीनाथ धाम का मार्ग बंद हो जाने के बाद भविष्य बदरी मंदिर में ही बद्रीविशाल भगवान की पूजा की जाएगी.

पढ़ें- त्रिवेंद्र सरकार से कैसा बजट चाहती है आम जनता, देखें देहरादून से ग्राउंड रिपोर्ट

भविष्य बदरी मंदिर के पुजारी सुशील डिमरी ने बताया कि निर्धारित तिथि को बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने के साथ-साथ भविष्य बदरी मंदिर के कपाट भी विधि-विधान से खुल जाएंगे. धार्मिक परम्पराओं के अनुसार इस दिन मंदिर में पूजा अनुष्ठान का धूमधाम से आयोजन किया जाता है.

भविष्य बदरी मंदिर में भगवान विष्णु की शालिग्राम मूर्ति के साथ-साथ उनकी पूरी पंचायत की भी पूजा की जाती है. पौराणिक धार्मिक मान्यताओं के अनुसार भविष्य में नर और नारायण पर्वत आपस में मिल जाएंगे. जिससे बदरीनाथ धाम जाने का मार्ग बंद हो जाएगा. जिसके बाद भगवान बद्रीविशाल की पूजा भविष्य बदरी मंदिर में ही की जाएगी.

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चमोली: जहां 10 मई को बदरीनाथ के कपाट खुलने की तारीख तय हुई है. वहीं इसी दिन भविष्य बदरी के कपाट भी खोले जाएंगे. बता दें कि बदरीनाथ धाम और भविष्य बदरी मंदिर के कपाट एक ही तिथि और समय पर खोले जाते हैं. माना जाता है कि बदरीनाथ धाम का मार्ग बंद हो जाने के बाद भविष्य बदरी मंदिर में ही बद्रीविशाल भगवान की पूजा की जाएगी.

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भविष्य बदरी मंदिर के पुजारी सुशील डिमरी ने बताया कि निर्धारित तिथि को बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने के साथ-साथ भविष्य बदरी मंदिर के कपाट भी विधि-विधान से खुल जाएंगे. धार्मिक परम्पराओं के अनुसार इस दिन मंदिर में पूजा अनुष्ठान का धूमधाम से आयोजन किया जाता है.

भविष्य बदरी मंदिर में भगवान विष्णु की शालिग्राम मूर्ति के साथ-साथ उनकी पूरी पंचायत की भी पूजा की जाती है. पौराणिक धार्मिक मान्यताओं के अनुसार भविष्य में नर और नारायण पर्वत आपस में मिल जाएंगे. जिससे बदरीनाथ धाम जाने का मार्ग बंद हो जाएगा. जिसके बाद भगवान बद्रीविशाल की पूजा भविष्य बदरी मंदिर में ही की जाएगी.

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चमोली: जहां 10 मई को बदरीनाथ के कपाट खुलने की तारीख तय हुई है. वहीं इसी दिन भविष्य बदरी के कपाट भी खोले जाएंगे. बता दें कि बदरीनाथ धाम और भविष्य बदरी मंदिर के कपाट एक ही तिथि और समय पर खोले जाते हैं. माना जाता है कि बदरीनाथ धाम का मार्ग बंद हो जाने के बाद भविष्य बदरी मंदिर में ही बद्रीविशाल भगवान की पूजा की जाएगी. 

भविष्य बदरी मंदिर के पुजारी सुशील डिमरी ने बताया कि निर्धारित तिथि को बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने के साथ-साथ भविष्य बदरी मंदिर के कपाट भी विधि-विधान से खुल जाएंगे. धार्मिक परम्पराओं के अनुसार इस दिन मंदिर में पूजा अनुष्ठान का धूमधाम से आयोजन किया जाता है.

भविष्य बदरी मंदिर में भगवान विष्णु की शालिग्राम मूर्ति के साथ-साथ उनकी पूरी पंचायत की भी पूजा की जाती है. पौराणिक धार्मिक मान्यताओं के अनुसार भविष्य में नर और नारायण पर्वत आपस में मिल जाएंगे. जिससे बदरीनाथ धाम जाने का मार्ग बंद हो जाएगा. जिसके बाद भगवान बद्रीविशाल की पूजा भविष्य बदरी मंदिर में ही की जाएगी.


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