ETV Bharat / state

चमोली समेत कई जिलों में भूकंप के झटके, तीव्रता 4.6 - 4.6 मैग्नीट्यूड का भूकंप

चमोली के जोशीमठ सुबह 5.58 बजे यह भूकंप महसूस किया गया, जिसकी तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 4.6 मापी गई है. चमोली के साथ ही रुद्रप्रयाग, बागेश्वर और उधम सिंह नगर में भी इसका असर देखा गया.

earthquake in joshimath chamoli
earthquake in joshimath chamoli
author img

By

Published : Sep 11, 2021, 6:24 AM IST

Updated : Sep 11, 2021, 12:39 PM IST

चमोली: उत्तराखंड में एक बार फिर भूकंप के झटके महसूस किये गए हैं. इस बार भूकंप का केंद्र चमोली जिले का जोशीमठ था. वहीं, सुबह 5.58 बजे यह भूकंप महसूस किया गया. जिसके तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 4.6 मापी गई है. ऐसे में सुबह भूकंप के झटके महसूस होते ही इलाके में हड़कंप मच गया. कई लोग खौफ से अपने घरों से बाहर निकल आए. उधर, रुद्रप्रयाग, बागेश्वर और उधम सिंह नगर में भी इसका असर देखा गया.

बता दें कि उत्तराखंड अपनी विषम भौगोलिक परिस्थितियों के चलते आपदा से जूझता रहा है. भूकंप के लिहाज से उत्तराखंड को बहुत संवदेनशील माना गया है. प्रदेश में छोटे भूकंप आते रहते हैं. प्रदेश को जोन चार और पांच में रखा गया है. वहीं, सुबह भूकंप के झटके महसूस होते ही इलाके में हड़कंप मच गया. कई लोग खौफ से अपने घरों से बाहर निकल आए. इस भूकंप से कोई जानमाल का नुकसान नहीं हुआ है जबकि, भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 4.6 मैग्नीट्यूड मापी गई.

क्यों आता है भूकंप?

पृथ्वी के अंदर 7 प्लेट्स हैं, जो लगातार घूमती रहती हैं. जहां ये प्लेट्स ज्यादा टकराती हैं, वह जोन फॉल्ट लाइन कहलाता है. बार-बार टकराने से प्लेट्स के कोने मुड़ते हैं. जब ज्यादा दबाव बनता है तो प्लेट्स टूटने लगती हैं. नीचे की ऊर्जा बाहर आने का रास्ता खोजती हैं और डिस्टर्बेंस के बाद भूकंप आता है.

भूंकप के केंद्र और तीव्रता का मतलब?

भूकंप का केंद्र उस स्थान को कहते हैं जिसके ठीक नीचे प्लेटों में हलचल से भूगर्भीय ऊर्जा निकलती है. इस स्थान पर भूकंप का कंपन ज्यादा होता है. कंपन की आवृत्ति ज्यों-ज्यों दूर होती जाती हैं, इसका प्रभाव कम होता जाता है.

वहीं, फिर भी यदि रिक्टर स्केल पर 7 या इससे अधिक की तीव्रता वाला भूकंप है तो आसपास के 40 किमी के दायरे में झटका तेज होता है. लेकिन यह इस बात पर भी निर्भर करता है कि भूकंपीय आवृत्ति ऊपर की तरफ है या दायरे में. यदि कंपन की आवृत्ति ऊपर को है तो कम क्षेत्र प्रभावित होगा.

पढ़ें- उत्तराखंड वासी रहें सावधान: मानसून के बाद आ सकता है भूकंप, जानें इस रिपोर्ट में

कैसे मापी जाती है भूकंप की तीव्रता?

भूकंप की जांच रिक्टर स्केल से होती है. इसे रिक्टर मैग्नीट्यूड टेस्ट स्केल कहा जाता है. रिक्टर स्केल पर भूकंप को 1 से 9 तक के आधार पर मापा जाता है. भूकंप को इसके केंद्र यानी एपीसेंटर से मापा जाता है. भूकंप के दौरान धरती के भीतर से जो ऊर्जा निकलती है, उसकी तीव्रता को इससे मापा जाता है. इसी तीव्रता से भूकंप के झटके की भयावहता का अंदाजा होता है.

चमोली: उत्तराखंड में एक बार फिर भूकंप के झटके महसूस किये गए हैं. इस बार भूकंप का केंद्र चमोली जिले का जोशीमठ था. वहीं, सुबह 5.58 बजे यह भूकंप महसूस किया गया. जिसके तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 4.6 मापी गई है. ऐसे में सुबह भूकंप के झटके महसूस होते ही इलाके में हड़कंप मच गया. कई लोग खौफ से अपने घरों से बाहर निकल आए. उधर, रुद्रप्रयाग, बागेश्वर और उधम सिंह नगर में भी इसका असर देखा गया.

बता दें कि उत्तराखंड अपनी विषम भौगोलिक परिस्थितियों के चलते आपदा से जूझता रहा है. भूकंप के लिहाज से उत्तराखंड को बहुत संवदेनशील माना गया है. प्रदेश में छोटे भूकंप आते रहते हैं. प्रदेश को जोन चार और पांच में रखा गया है. वहीं, सुबह भूकंप के झटके महसूस होते ही इलाके में हड़कंप मच गया. कई लोग खौफ से अपने घरों से बाहर निकल आए. इस भूकंप से कोई जानमाल का नुकसान नहीं हुआ है जबकि, भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 4.6 मैग्नीट्यूड मापी गई.

क्यों आता है भूकंप?

पृथ्वी के अंदर 7 प्लेट्स हैं, जो लगातार घूमती रहती हैं. जहां ये प्लेट्स ज्यादा टकराती हैं, वह जोन फॉल्ट लाइन कहलाता है. बार-बार टकराने से प्लेट्स के कोने मुड़ते हैं. जब ज्यादा दबाव बनता है तो प्लेट्स टूटने लगती हैं. नीचे की ऊर्जा बाहर आने का रास्ता खोजती हैं और डिस्टर्बेंस के बाद भूकंप आता है.

भूंकप के केंद्र और तीव्रता का मतलब?

भूकंप का केंद्र उस स्थान को कहते हैं जिसके ठीक नीचे प्लेटों में हलचल से भूगर्भीय ऊर्जा निकलती है. इस स्थान पर भूकंप का कंपन ज्यादा होता है. कंपन की आवृत्ति ज्यों-ज्यों दूर होती जाती हैं, इसका प्रभाव कम होता जाता है.

वहीं, फिर भी यदि रिक्टर स्केल पर 7 या इससे अधिक की तीव्रता वाला भूकंप है तो आसपास के 40 किमी के दायरे में झटका तेज होता है. लेकिन यह इस बात पर भी निर्भर करता है कि भूकंपीय आवृत्ति ऊपर की तरफ है या दायरे में. यदि कंपन की आवृत्ति ऊपर को है तो कम क्षेत्र प्रभावित होगा.

पढ़ें- उत्तराखंड वासी रहें सावधान: मानसून के बाद आ सकता है भूकंप, जानें इस रिपोर्ट में

कैसे मापी जाती है भूकंप की तीव्रता?

भूकंप की जांच रिक्टर स्केल से होती है. इसे रिक्टर मैग्नीट्यूड टेस्ट स्केल कहा जाता है. रिक्टर स्केल पर भूकंप को 1 से 9 तक के आधार पर मापा जाता है. भूकंप को इसके केंद्र यानी एपीसेंटर से मापा जाता है. भूकंप के दौरान धरती के भीतर से जो ऊर्जा निकलती है, उसकी तीव्रता को इससे मापा जाता है. इसी तीव्रता से भूकंप के झटके की भयावहता का अंदाजा होता है.

Last Updated : Sep 11, 2021, 12:39 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.