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चमोली में बारिश का कहर, पेयजल स्रोत और सार्वजनिक स्नानागार क्षतिग्रस्त

घाट विकासखंड के बिजार गांव में बीती रात हुई तेज बारिश की वजह से गधेरे का पानी और मलबा लोगों के घरों में घुस गया है. साथ ही बारिश की वजह से पेयजल स्रोत और सार्वजनिक स्नानागार क्षतिग्रस्त हो गए.

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Published : Aug 2, 2020, 3:06 PM IST

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चमोली में बारिश का कहर

चमोली: जिले में बीते कई दिनों से लगातार बारिश हो रही है. ऐसे में लोग घरों में कैद होने को मजबूर हैं. वहीं, देर रात घाट विकासखंड के बिजार गांव में हुई मूसलाधार बारिश कहर बन कर बरसी. जिससे पास में ही बह रहा गधेरा उफान पर आ गया. गधेरे में बह कर आए मलबे और पत्थरों की चपेट में आकर गांव का पेयजल स्रोत क्षतिग्रस्त और सार्वजनिक स्नानागार भी जमीदोंज हो गए. ऐसे में लोगों को कहना है कि उफनाए नाले से कई घरों पर खतरा मंडरा रहा है.

चमोली में बारिश का कहर

साल 2016 में घाट क्षेत्र में आई आपदा के दौरान बिजार गांव के पास बहने वाले इस नाले ने विकराल रूप लिया था. उस समय उफनाए नाले की चपेट में आने से पुलिया, पेयजलस्रोत और कुछ घर क्षतिग्रस्त हुए थे. वहीं, इस गांव में देर रात हुई तेज बारिश ने लोगों में एक बार फिर दहशत पैदा कर दी. गधरे के उफान पर आने और पत्थरों की गड़गड़ाट के कारण लोग रात भर सो नहीं पाए. उफान पर आए गधेरे से पेयजल स्रोत और स्नानागार पूरी तरह क्षतिग्रस्त हुए हैं. जबकि, भूमिकटाव के कारण गांव के एक दर्जन से अधिक घर खतरे की जद में आ गए हैं.

ये भी पढ़ें: पिथौरागढ़: आपदा प्रभावित क्षेत्र में हेलीकॉप्टर से किया गया रेस्क्यू

ग्रामीणों ने बताया कि बीते कई सालों से लोग प्रशासन से गांव का विकास और बाढ़ सुरक्षा कार्य किए जाने की गुहार लगा रहे हैं. लेकिन किसी भी जिम्मेदार अधिकारी ने इस दिशा में कोई ध्यान नहीं दिया है. इसी के कारण रात में हुई बारिश की वजह से ग्रामीणों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है.

चमोली: जिले में बीते कई दिनों से लगातार बारिश हो रही है. ऐसे में लोग घरों में कैद होने को मजबूर हैं. वहीं, देर रात घाट विकासखंड के बिजार गांव में हुई मूसलाधार बारिश कहर बन कर बरसी. जिससे पास में ही बह रहा गधेरा उफान पर आ गया. गधेरे में बह कर आए मलबे और पत्थरों की चपेट में आकर गांव का पेयजल स्रोत क्षतिग्रस्त और सार्वजनिक स्नानागार भी जमीदोंज हो गए. ऐसे में लोगों को कहना है कि उफनाए नाले से कई घरों पर खतरा मंडरा रहा है.

चमोली में बारिश का कहर

साल 2016 में घाट क्षेत्र में आई आपदा के दौरान बिजार गांव के पास बहने वाले इस नाले ने विकराल रूप लिया था. उस समय उफनाए नाले की चपेट में आने से पुलिया, पेयजलस्रोत और कुछ घर क्षतिग्रस्त हुए थे. वहीं, इस गांव में देर रात हुई तेज बारिश ने लोगों में एक बार फिर दहशत पैदा कर दी. गधरे के उफान पर आने और पत्थरों की गड़गड़ाट के कारण लोग रात भर सो नहीं पाए. उफान पर आए गधेरे से पेयजल स्रोत और स्नानागार पूरी तरह क्षतिग्रस्त हुए हैं. जबकि, भूमिकटाव के कारण गांव के एक दर्जन से अधिक घर खतरे की जद में आ गए हैं.

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ग्रामीणों ने बताया कि बीते कई सालों से लोग प्रशासन से गांव का विकास और बाढ़ सुरक्षा कार्य किए जाने की गुहार लगा रहे हैं. लेकिन किसी भी जिम्मेदार अधिकारी ने इस दिशा में कोई ध्यान नहीं दिया है. इसी के कारण रात में हुई बारिश की वजह से ग्रामीणों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है.

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