नई दिल्ली/चमोली: पहाड़ी प्रदेश उत्तराखंड के ऐतिहासिक शहर जोशीमठ में आई आपदा के बाद से प्रभावित परिवार प्रदर्शन कर रहे हैं. प्रदर्शन कर रहे लोगों की मांग है कि उनको स्थायी पुनर्वास और सही मुआवजा दिया जाए. जोशीमठ शहर में ये प्रदर्शन एक महीने से चल रहा है. वहीं, इस प्रदर्शन की गूंज दिल्ली में भी सुनाई दे रही है. दिल्ली में रहने वाले उत्तराखंडवासियों ने जंतर-मंतर पर धरना देकर जोशीमठ की समस्या पर चिंता जाहिर की.
शनिवार सुबह 11 बजे से उत्तराखंडवासी दिल्ली जंतर-मंतर पर बैठे हैं. ये धरना रविवार 5 फरवरी शाम 4 बजे तक चलेगा. इन दो दिनों में जोशीमठ की आवाज को दिल्ली में उठाया जाएगा. बता दें कि, जोशीमठ में पिछले एक महीने से प्रदर्शन चल रहा है. स्थानीय लोग रैलियों और जुलूस की शक्ल में अपनी आवाज उठा रहे हैं.
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वहीं, जोशीमठ में चल रहे आंदोलन के नेता अतुल सती ने दिल्ली में आवाज बुलंद करने वाले लोगों का धन्यवाद दिया है. उनका कहना है कि इस वक्त जो भी व्यक्ति जोशीमठ के लोगों का साथ दे रहा है, वो उसका समर्थन करते हैं. उन्होंने देशभर से ऐसी आवाज उठाने की अपील भी की.
अतुल सती कहते हैं कि जोशीमठ में पिछले एक-डेढ़ साल से लोग सरकार से गुहार लगा रहे थे. जब सरकार की ओर से सुनवाई नहीं हुई तो लोगों ने आंदोलन का रास्ता अपनाया, यही कारण है कि यहां जमीनी स्तर पर थोड़ा काम हुआ है. लेकिन बड़े स्तर पर जो पुनर्वास, विस्थापन, और मुआवजे का सवाल है इसका अभी हल नहीं हुआ है. इसको लेकर आंदोलन जारी है.
अतुल सती ने बताया कि इसके अलावा आंदोलन हिमालय को बचाने के लिए भी है. पहाड़ों पर जो जनविरोधी विकास का मॉडल खड़ा किया जा रहा है, वो जल-जंगल-जमीन पर हमला है और इसको लेकर हिमालयी राज्यों के लोगों के मन में छटपटाहट है.