थराली: धारबारम-गैरबारम मोटरमार्ग पर 5 करोड़ की लागत से बने मोटरपुल निर्माण में अनियमिता के आरोप लगाए गए हैं. वहीं, पूर्व विधायक डॉ. जीतराम ने पुल निर्माण कार्य में सरकारी धन का दुरुपयोग होने की बात कही है. विधायक का कहना है कि पुल निर्माण में विभागीय ठेकेदार द्वारा अनियमिता बरती गई है वरना लोकार्पण के महज तीसरे ही महीने में कार्यदायी संस्था लोक निर्माण विभाग को पुल की आरसीसी तुड़वाकर मरम्मत करने की जरूरत न पड़ती.
शनिवार को त्रिवेंद्र सरकार को आड़े हाथों लेते हुए पूर्व विधायक डॉ. जीतराम ने कहा कि अगर सरकार वाकई जीरो टॉलरेंस की नीति पर चल रही है तो पुल निर्माण में बरती गई अनियमितताओं को लेकर उच्च स्तरीय जांच की जाए. मीडिया से मुखातिब होते हुए विधायक ने कहा कि पुल की जांच के लिए उन्होंने उपजिलाधिकारी थराली के माध्यम से मुख्यमंत्री को पत्र भी भेजा है.
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पूर्व विधायक ने कार्यदायी संस्था और लोक निर्माण विभाग थराली पर आरोप लगाते हुए कहा कि विभाग की खराब मॉनिटरिंग का नतीजा क्षेत्र की जनता को भुगतना पड़ रहा है .उन्होंने कहा कि ऊपर से लेकर नीचे तक पुल की लागत से सिर्फ बंदरबांट हुई है. धरातल पर 5 करोड़ कहां खर्च हुए ये बड़ा सवाल है, क्योंकि 5 करोड़ खर्च करने के बाद 3 माह बाद ही ऐसे पुल की मरम्मत करने की नौबत नहीं आती .
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बता दें कि धारबारम-गैरबारम मोटरमार्ग पर बने मोटरपुल का लोकार्पण 14 नवम्बर 2019 को विधायक मुन्नीदेवी शाह और मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने किया था. लोकार्पण के महज दो माह बाद ही पुल की अप्रोच साइट में धंसाव आने की सूचना ग्रामीणों ने विभाग को दी. लोक निर्माण विभाग की टीम आनन-फानन में जब पुल पर पहुंची तो पुल के बीचोंबीच सीमेंट का घोल पोतकर वापस लौट गई. वहीं, जब इस मामले में ग्रामीणों द्वारा दोबारा शिकायत की गई और मामला मीडिया में उछलने के बाद विभाग ने ठेकेदार को आरसीसी तुड़वाकर दोबारा मरम्मत कार्य करने के लिए कहा. वहीं. ग्रामीणों की मानें तो अभी भी ये कार्य संतोषजनक नहीं हुआ है.