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मां को बचाने के लिए उफनती नदी में कूदी बेटी, 20 मिनट तक लहरों से जूझते हुए बचाई जान - उत्तराखंड न्यूज

मां को नदी में डूबता देख बेटी ने अपनी जान की परवाह किए बगैर नदी में छलांग लगाकर जान बचाई. बेटी की इस हिम्मत की चौतरफा तारीफ हो रही है.

चमोली:
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Published : Jun 8, 2020, 12:24 PM IST

Updated : Jun 8, 2020, 1:19 PM IST

चमोली: बेटी मां की परछाई होती है, वे मां का पल्लू पकड़कर हमेशा साथ खड़ी दिखाई देती है. मां की परेशानियां, खुशियां, इच्छाओं को भला एक बेटी से बेहतर कौन जान सकता? जब मां की जान बन आए तो बेटी कैसे पीछे हट सकती है. ऐसी ही एक तस्वीर चमोली जिले से सामने आई है. जहां मां को नदी में डूबता देख बेटी ने अपनी जान की परवाह किए बगैर नदी में छलांग लगा दी और लहरों को मात देते हुए मां को सकुशल बाहर निकला. वहीं बेटी की इस हिम्मत को लोग सलाम कर रहे हैं.

मां को उफनती नदी में डूबता देख बेटी ने अपनी जान की परवाह किए बगैर नदी में छलांग लगाकर जान बचाई. नदी में करीब 20 मिनट तक संघर्ष करने के बाद युवती ने अपनी मां को नदी से बाहर निकाला. मौके पर मौजूद एनटीपीसी जल विद्युत कंपनी के कर्मचारियों और पर्यावरण मित्रों ने तत्काल मामले की सूचना स्थानीय पुलिस को दी. जिसके बाद पुलिस ने महिला को सीएचसी जोशीमठ में भर्ती कराया, जहां महिला की हालत स्थिर बताई जा रही है.

chamoli
रामकली देवी को 108 की मदद से भेजा जा रहा हॉस्पिटल.

पढ़ें- चारधाम यात्रा: चमोली, रुद्रप्रयाग के डीएम करेंगे हक-हकूकधारियों से विचार विमर्श

जानकारी के मुताबिक रविवार को तपोवन में नेपाली मूल की रामकली देवी व उसकी 16 साल बेटी किरण धौलीगंगा नदी के किनारे लकड़ी बीनने गए थे. तभी रामकली का पैर फिसल गया और वह नदी में गिर गई. मां को डूबता देख किरण ने भी नदी में छलांग लगा दी और करीब 20 मिनट के बाद उसने जैसे-तैसे मां को नदी से बाहर निकाला.

प्रत्यक्षदर्शी ओम प्रकाश डोभाल ने बताया कि किरण भी नदी में डूबने से बची थी. लेकिन उसने हिम्मत नहीं हारी और वह अपनी मां को पकड़कर नदी किनारे तक लाई. इस दौरान किरण की मां को कुछ चोटे भी लगी थी.

चमोली: बेटी मां की परछाई होती है, वे मां का पल्लू पकड़कर हमेशा साथ खड़ी दिखाई देती है. मां की परेशानियां, खुशियां, इच्छाओं को भला एक बेटी से बेहतर कौन जान सकता? जब मां की जान बन आए तो बेटी कैसे पीछे हट सकती है. ऐसी ही एक तस्वीर चमोली जिले से सामने आई है. जहां मां को नदी में डूबता देख बेटी ने अपनी जान की परवाह किए बगैर नदी में छलांग लगा दी और लहरों को मात देते हुए मां को सकुशल बाहर निकला. वहीं बेटी की इस हिम्मत को लोग सलाम कर रहे हैं.

मां को उफनती नदी में डूबता देख बेटी ने अपनी जान की परवाह किए बगैर नदी में छलांग लगाकर जान बचाई. नदी में करीब 20 मिनट तक संघर्ष करने के बाद युवती ने अपनी मां को नदी से बाहर निकाला. मौके पर मौजूद एनटीपीसी जल विद्युत कंपनी के कर्मचारियों और पर्यावरण मित्रों ने तत्काल मामले की सूचना स्थानीय पुलिस को दी. जिसके बाद पुलिस ने महिला को सीएचसी जोशीमठ में भर्ती कराया, जहां महिला की हालत स्थिर बताई जा रही है.

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रामकली देवी को 108 की मदद से भेजा जा रहा हॉस्पिटल.

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जानकारी के मुताबिक रविवार को तपोवन में नेपाली मूल की रामकली देवी व उसकी 16 साल बेटी किरण धौलीगंगा नदी के किनारे लकड़ी बीनने गए थे. तभी रामकली का पैर फिसल गया और वह नदी में गिर गई. मां को डूबता देख किरण ने भी नदी में छलांग लगा दी और करीब 20 मिनट के बाद उसने जैसे-तैसे मां को नदी से बाहर निकाला.

प्रत्यक्षदर्शी ओम प्रकाश डोभाल ने बताया कि किरण भी नदी में डूबने से बची थी. लेकिन उसने हिम्मत नहीं हारी और वह अपनी मां को पकड़कर नदी किनारे तक लाई. इस दौरान किरण की मां को कुछ चोटे भी लगी थी.

Last Updated : Jun 8, 2020, 1:19 PM IST
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