चमोली: जोशीमठ में भू धंसाव का दायरा लगातार बढ़ता जा रहा है. कई घरों पर मोटी मोटी दरारें आ चुकी हैं. लोग अपने घरों को खाली कर सुरक्षित स्थानों की तलाश में भटक रहे हैं. सर्दी का मौसम और भू धंसाव से मकानों के ढहने का खतरा लोगों के लिये आफत बना हुआ है. जोशीमठ नगर के पूरे 9 वार्डों के मकान भू धंसाव ने प्रभावित हैं. रोजाना गहरी होती दरारें लोगों की चिंता बढ़ा रही हैं.
जोशीमठ की पूर्व नगरपालिका अध्यक्ष माधवी सती का घर भी पूरी तरह भू धंसाव की चपेट में है. ऐसे ही नगर क्षेत्र के 574 मकान हैं, जिनपर दो इंच मोटी दरारें आ गईं हैं. माधवी सेमवाल बताती हैं कि लेकिन उनके पास क्षत्रिग्रस्त मकान में रहने के अलावा कोई दूसरा विकल्प भी नहीं हैं. कुछ दिन पहले डीएम चमोली ने प्रभावित क्षेत्र का दौरा किया गया, लेकिन अभी तक कोई निष्कर्ष नहीं निकल पाया है, जिससे जोशीमठ के लोग नगर के भविष्य को लेकर चिंतित हैं.
प्रभावित ठाकुर सिंह राणा कहते हैं कि मकानों में दरारें पड़ने से वो काफी परेशान हैं. उन्होंने मकान बनाने में जिंदगी भर की कमाई लगा दी लेकिन आज वो बेघर होने की कगार पर हैं. जोशीमठ के 574 परिवार से भी ज्यादा लोग बेघर हो चुके हैं. ऐसे में उनके सामने बड़ी समस्या है कि वो आखिर अपनी रात कहां बिताएं.
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नगरपालिका अध्यक्ष जोशीमठ शैलेंद्र पंवार ने बताया कि नगर क्षेत्र के 576 घरों के 3000 से अधिक लोग प्रभावित हैं. पालिका की ओर से सभी घरों का सर्वेक्षण करवा जा रहा है. कई लोगों के अपने घरों को भी छोड़ दिया गया है, जिनके विस्थापन की मांग को लेकर जोशीमठ से एक शिष्टमंडल मुख्यमंत्री से मुलाकात करने के लिये देहरादून जा रहा है.