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नाबालिग को परेशान करने वाले युवक को कोर्ट ने सुनाई तीन साल की सजा, 7 हजार का लगाया अर्थदंड

चमोली के गोपेश्वर स्थित कोर्ट में विशेष सत्र न्यायाधीश ने नाबालिग को परेशान करने वाले युवक को दोषी करार देते हुए तीन साल की सजा और सात हजार का अर्थदंड की सजा सुनाई है.

court in chamoli
गोपेश्वर न्याय भवन.
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Published : Jan 7, 2020, 1:00 AM IST

चमोली: जिला मुख्यालय गोपेश्वर स्थित कोर्ट में विशेष सत्र न्यायाधीश राजेंद्र सिंह ने नाबालिग का पीछा करने और भद्दी गाली देने के आरोप में एक अभियुक्त को तीन साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है. साथ ही दोषी युवक से सात हजार रुपये का अर्थदंड भी वसूलने के आदेश दिए हैं. अर्थदंड जमा न करने पर तीन माह का अतिरिक्त करावास होगी.

बता दें कि इस प्रकार के मामले में पहली बार जिला न्यायालय ने आरोपी को दोषी करार देते हुए दंडित किया है. मामला 9 मई 2018 का है. गैरसैंण थाने के अंतर्गत एक गांव की नाबालिग ने अपने पड़ोस में रहने वाले मनचले युवक पर उसका पीछा करने और भद्दी गाली देने की रिपोर्ट दर्ज करवाई थी.

पीड़िता ने बताया कि एक साल पहले भी दोषी युवक उसे परेशान किया करता था. युवक ने उसके सोशल अकाउंट से भी छेड़छाड़ कर भद्दी गालियां लिखी थी. इसके बाद पीड़िता के पिता ने थाने में युवक के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई, पुलिस ने थाने में बाकायदा माफीनामा लिखवाकर आरोपी युवक को छोड़ दिया गया था, लेकिन इसके बाद भी वो पीड़िता को परेशान करता रहा.

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पीड़िता ने बताया कि साल 2018 के मई माह में वो अपने फुफुरे भाई की शादी में गई थी. दोषी युवक भी बिना बुलाए उस शादी में पहुंच गया और उसे परेशान करने लगा. जब वो अपने गांव पहुंची तो आरोपी भी उसके पीछे-पीछे उनके गांव में पहुंच गया. पीड़िता के परिजनों ने इसकी शिकायत युवक के माता-पिता से की, जिस पर आरोपी के परिजनों ने उनके खिलाफ कार्रवाई करने की बात कही. नाबालिग के पिता ने नौ मई को थाना गैरसैंण में युवक के खिलाफ तहरीर दी, जिस पर 11 मई 2018 को मुकदमा दर्ज कर लिया गया.

सोमवार को विशेष सत्र न्यायाधीश राजेंद्र सिंह की अदालत ने मामले में युवक को दोषी करार देते हुए तीन साल के कठोर कारावास और सात हजार रुपये के अर्थदंड की सजा सुनाई. अभियोजन पक्ष की ओर से विशेष लोक अभियोजक मोहन पंत ने पैरवी की.

चमोली: जिला मुख्यालय गोपेश्वर स्थित कोर्ट में विशेष सत्र न्यायाधीश राजेंद्र सिंह ने नाबालिग का पीछा करने और भद्दी गाली देने के आरोप में एक अभियुक्त को तीन साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है. साथ ही दोषी युवक से सात हजार रुपये का अर्थदंड भी वसूलने के आदेश दिए हैं. अर्थदंड जमा न करने पर तीन माह का अतिरिक्त करावास होगी.

बता दें कि इस प्रकार के मामले में पहली बार जिला न्यायालय ने आरोपी को दोषी करार देते हुए दंडित किया है. मामला 9 मई 2018 का है. गैरसैंण थाने के अंतर्गत एक गांव की नाबालिग ने अपने पड़ोस में रहने वाले मनचले युवक पर उसका पीछा करने और भद्दी गाली देने की रिपोर्ट दर्ज करवाई थी.

पीड़िता ने बताया कि एक साल पहले भी दोषी युवक उसे परेशान किया करता था. युवक ने उसके सोशल अकाउंट से भी छेड़छाड़ कर भद्दी गालियां लिखी थी. इसके बाद पीड़िता के पिता ने थाने में युवक के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई, पुलिस ने थाने में बाकायदा माफीनामा लिखवाकर आरोपी युवक को छोड़ दिया गया था, लेकिन इसके बाद भी वो पीड़िता को परेशान करता रहा.

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पीड़िता ने बताया कि साल 2018 के मई माह में वो अपने फुफुरे भाई की शादी में गई थी. दोषी युवक भी बिना बुलाए उस शादी में पहुंच गया और उसे परेशान करने लगा. जब वो अपने गांव पहुंची तो आरोपी भी उसके पीछे-पीछे उनके गांव में पहुंच गया. पीड़िता के परिजनों ने इसकी शिकायत युवक के माता-पिता से की, जिस पर आरोपी के परिजनों ने उनके खिलाफ कार्रवाई करने की बात कही. नाबालिग के पिता ने नौ मई को थाना गैरसैंण में युवक के खिलाफ तहरीर दी, जिस पर 11 मई 2018 को मुकदमा दर्ज कर लिया गया.

सोमवार को विशेष सत्र न्यायाधीश राजेंद्र सिंह की अदालत ने मामले में युवक को दोषी करार देते हुए तीन साल के कठोर कारावास और सात हजार रुपये के अर्थदंड की सजा सुनाई. अभियोजन पक्ष की ओर से विशेष लोक अभियोजक मोहन पंत ने पैरवी की.

Intro:
चमोली के जिला मुख्यालय गोपेश्वर स्थित विशेष सत्र न्यायाधीश राजेंद्र सिंह की अदालत ने नाबालिग का पीछा करने और उसे भद्दी गाली देने के आरोप में एक अभियुक्त को तीन साल का कठोर कारावास की सजा सुनाई है। और साथ ही सात हजार रुपये का अर्थदंड भी वसूला है। अर्थदंड जमा न करने पर तीन माह के अतिरिक्त करावास की सजा सुनाई गई।  

खबर ड्राई है कोर्ट की फोटो।
Body:बता दे कि इस प्रकार के मामले में पहली बार जिले में न्यायालय ने आरोपी को दोषी मानते हुए दंडित किया है। मामला नौ मई वर्ष 2018 का है। गैरसैंण थाने के अंतर्गत एक गांव की नाबालिग ने अपने पड़ोस के एक गांव के मनचले युवक पर उसका पीछा करने और भद्दी गाली देने की रिपोर्ट दर्ज की। पीडि़ता ने कहा कि एक वर्ष पूर्व भी आरोपी की ओर से उसे परेशान किया गया। उसके फेसबुक अकाउंट से भी छेड़छाड़ कर भद्दी गालियां लिखी गई। जब पीडि़ता के पिता ने थाने में युवक के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की तो उसने थाने में बाकायदा माफीनामा लिख कर दिया। लेकिन इसके बाद भी वह पीडि़ता को परेशान करता रहा। पीडि़ता ने कहा कि वर्ष 2018 के मई माह में ही वह अपने फुफुरे भाई की शादी में गई थी। आरोपी मनचला युवक भी बिना बुलाए उस शादी में पहुंच गया और उसे परेशान करने लगा। जब वह अपने गांव पहुंची तो आरोपी भी उसके पीछे-पीछे उनके गांव में पहुंच गया। पीडि़ता के परिजनों ने इसकी शिकायत युवक के माता-पिता से की। जिस पर आरोपी के परिजनों ने उसके खिलाफ कार्रवाई करने की बात कही। जिसके बाद नाबालिग के पिता ने नौ मई को थाना गैरसैंण में आरोपी युवक के खिलाफ तहरीर दी। जिस पर ग्यारह मई 2018 को मुकदमा दर्ज किया गया था।Conclusion:
सोमवार को विशेष सत्र न्यायाधीश राजेंद्र सिंह की अदालत ने मामले में युवक को दोषी पाते हुए तीन साल के कठोर कारावास और सात हजार रुपये के अर्थदंड की सजा सुनाई। अभियोजन पक्ष की ओर से विशेष लोक अभियोजक मोहन पंत ने पैरवी की। आरोपी अभी तक जमानत पर था। 
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