चमोली: वैश्विक महामारी कोरोना से देशभर में हाहाकार मचा हुआ है. वहीं, चमोली स्थित सिखों के पवित्र धाम गुरुद्वारा श्री हेमकुंड साहिब यात्रा पर संकट मंडराने लगा है. अप्रैल महीने के पहले हफ्ते से ही भारतीय सेना के इंजीनियर कोर के जवान यात्रा मार्ग से बर्फ हटाने का काम शुरू कर देते थे. लेकिन लॉकडाउन की वजह से इस बार अभी तक यात्रा पथ से बर्फ हटाने की तारीख भी मुकर्रर नहीं हो पाई है.
दरअसल, हेमकुंड साहिब गुरुद्वारे के आस-पास इन दिनों 22 फीट से अधिक ऊंची बर्फ की चादर जमी हुई है. उधर हेमकुंड यात्रा के पहले पड़ाव घांघरिया पर भी 4 से 5 फीट तक बर्फ की मोटी चादर बिछी हुई है, जहां पैदल रास्तों से लेकर हेलीपैड तक बर्फ ही बर्फ है. बर्फ की स्थिति को देखते हुए यात्रा कभी 25 मई तो कभी 1 जून से शुरू हो जाती थी.
ये भी पढ़ें: कोरोना LIVE : 24 घंटे में रिकॉर्ड 40 मौतें, 1035 नए रोगी
सेना के इंजीनियर कोर के जवानों को यात्रा मार्ग से बर्फ हटाकर श्रदालुओं के खोला जाता था. इस कार्य में करीब 45 दिनों का समय लगता था. लेकिन इस बार कोरोना महामारी के चलते हेमकुंड साहिब की यात्रा अधर में लटकी है. कोरोना के चलते यात्रा को लेकर अभी तक कोई भी एडवाइजरी जारी नहीं की गई है.
ये भी पढ़ें: लॉकडाउनः पिरान कलियर का लंगर मिटा रहा 1200 लोगों की भूख
वहीं, हेमकुंड साहिब ट्रस्ट के उपाध्यक्ष नरेंद्र जीत सिंह बिंद्रा ने बताया, हर साल बर्फ हटाने का काम अप्रैल महीने से शुरू हो जाता था. लेकिन इस बार कोरोना के प्रकोप के चलते लाकडाउन किया गया है, जिसकी वजह से बर्फ हटाने के लिए न तो अभी तक सेना के जवान पहुंच पाए हैं और न ही ट्रस्ट के सेवादार. उनका कहना है, कि इस यात्रा को सफल बनाने के लिए वो पूरे प्रयास करेंगे. उपाध्यक्ष का कहना है कि हेमकुंड यात्रा की तैयारियों को लेकर सरकार के निर्देशों का इंतजार है.