चमोली: बीते 8 दिनों से आपदा प्रभावित क्षेत्र रैणी गांव के पास कांग्रेसी कार्यकर्ताओं के द्वारा संचालित किए जा रहे भंडारे को प्रशासन द्वारा हटाये जाने के विरोध में बदरीनाथ के पूर्व विधायक राजेंद्र भंडारी कांग्रेस कार्यकर्ताओं के साथ सड़क पर ही बैठ गए. उन्होंने कहा कि सरकार के दबाव में प्रशासन के द्वारा कांग्रेसी कार्यकर्ताओं को पीड़ित लोगों की मदद करने से रोका जा रहा है.
आपदा के बाद बीते 8 फरवरी से कांग्रेस कार्यकर्ताओं द्वारा निरंतर आपदा प्रभावित क्षेत्र रैणी गांव में भंडारा चलाया जा रहा था. कार्यकर्ताओं द्वारा भंडारे से दाल, चावल, चाय, पानी और बिस्कुट रेस्क्यू काम में लगे लोगों को दिया जा रहा था. एनडीआरएफ़, एसडीआरएफ, सेना सहित बीआरओ के कर्मचारी और मजदूर भी भंडारे का लाभ ले रहे थे.
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बीते दिनों भी भंडारे को लेकर चमोली प्रशासन और भंडारा संचालकों के बीच नोंकझोक हुई थी. लेकिन बाद में मामला शांत हो गया था. सोमवार को प्रशासन द्वारा कांग्रेसी कार्यकर्ताओं को भंडारा स्थल से 200 मीटर दूर ही रोक दिया गया. जिसके बाद पूर्व मंत्री राजेन्द्र भंडारी अपने कार्यकर्ताओं के साथ सड़क पर ही धरने पर ही बैठ गए.
राजेन्द्र भंडारी का कहना है कि सत्ता के दबाव में प्रशासन द्वारा कांग्रेसी कार्यकर्ताओ को भंडारे का संचालन नहीं करने दिया जा रहा है. वहीं, तहसीलदार जोशीमठ प्रदीप नेगी का कहना है कि चमोली प्रशासन के द्वारा राहत शिविर शुरू कर दिया गया है. जिसमें खाने पीने की सभी वस्तुएं राहत बचाव में जुटे कर्मियों को दी जा रही है.