थरालीः उत्तराखंड के पहले अशोक चक्र विजेता शहीद भवानी दत्त जोशी की स्मृति में 'शौर्य महोत्सव' आयोजित किया जा रहा है. थराली के चेपड़ों में आयोजित शौर्य महोत्सव में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बतौर मुख्य अतिथि शिरकत की. उन्होंने शहीद भवानी दत्त जोशी को श्रद्धांजलि अर्पित की. साथ ही शहीद स्मारक पर पौधा रोपकर शहीद को स्मरण किया. इसके अलावा शहीद सैनिकों के परिजनों को सम्मानित भी किया गया. वहीं, सीएम धामी ने करीब 16 करोड़ की योजनाओं की सौगात भी दी.
उत्तराखंड के पहले अशोक चक्र विजेता भवानी दत्त जोशीः दरअसल, चमोली जिले के थराली के चेपड़ों में शहीद भवानी दत्त जोशी स्मृति मेला 'शौर्य महोत्सव' का आगाज हो गया है. यह महोत्सव राज्य के पहले अशोक चक्र विजेता शहीद भवानी दत्त जोशी की स्मृति में आयोजित किया जा रहा है. मेला कमेटी ने सीएम धामी, कैबिनेट मंत्री धन सिंह रावत और थराली विधायक भूपाल राम टम्टा को स्मृति चिन्ह भेंट किया.
16 करोड़ की योजनाओं का किया लोकार्पणः मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने युद्ध के दौरान वीरगति को प्राप्त हुए शहीद सैनिकों के परिजनों को सम्मानित किया. इसके अलावा सीएम धामी ने लोक निर्माण विभाग, शिक्षा विभाग समेत कई विभागों की करीब 16 करोड़ की लागत की योजनाओं का लोकार्पण किया. सीएम धामी ने कहा कि केंद्र सरकार सैनिकों के सम्मान में हर दम खड़ी है. सैनिक और उनके परिवारों के कल्याण के लिए कई सरकारी योजनाएं चलाई जा रही हैं.
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सीएम धामी ने कांग्रेस पर साधा निशानाः वहीं, सीएम धामी ने बिना नाम लिए कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि पहले सीमा पर सैनिकों को दुश्मन की गोलीबारी का जवाब देने के लिए आदेश लेना होता था. जब तक सरकार आदेश देती, तब तक कई जवान शहीद हो जाते थे. लेकिन मोदी सरकार में सेना को खुली छूट मिली है कि दुश्मन की गोली का जवाब गोली से और तोप का जवाब तोप से दिया जाए.
शहीद भवानी दत्त जोशी स्मृति मेला राजकीय मेला घोषितः मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ने कहा कि केंद्र सरकार ने ऑल वेदर रोड परियोजना समेत कई महत्वाकांक्षी योजनाओं को उत्तराखंड में उतारा है. उत्तराखंड में शहीद जवानों के गांव और आंगन की मिट्टी से देहरादून में सैन्य धाम बनाया जा रहा है. वहीं, सीएम धामी ने शहीद भवानी दत्त जोशी स्मृति मेले को राजकीय मेला घोषित करने, थराली सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र को उप जिला अस्पताल बनाने के साथ ही 17 घोषणाएं भी की.
कई आतंकियों को गोलियों से भूना, मरणोपरांत मिला अशोक चक्रः गौर हो कि 5-6 जून की रात को एक महत्वपूर्ण ऑपरेशन के दौरान नायक भवानी दत्त जोशी की कंपनी को एक बिल्डिंग में घुसने का टास्क मिला था. इस बिल्डिंग में आतंकी घुसे हुए थे. ऐसे में नायक भवानी दत्त जोशी गोलियों की बौछारों की परवाह किए बगैर आतंकियों को मार गिराने के आगे बढ़ गए और एक आतंकी की मार गिराया.
इसके बाद उन्होंने दूसरे आतंकी को अपनी बैनट का शिकार बनाया. इस तरह से उन्होंने अपने प्लाटून के आगे बढ़ने के लिए रास्ता बनाया. इस दौरान भवानी दत्त घायल हो गए, लेकिन अपने प्लाटून को सपोर्ट करते रहे. इस दौरान उन्होंने एक आतंकी को भी ढेर कर दिया, लेकिन खुद शहीद हो गए. उनके इस अदम्य साहस के लिए उन्हें भारत सरकार का सर्वोच्च शांति काल का वीरता पुरस्कार अशोक चक्र (मरणोपरांत) दिया गया.