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चोपता का राजकीय आदर्श प्राथमिक विद्यालय बना चर्चा का विषय, ये हैं खूबियां

आजादी से पहले साल 1901 में वजूद में आया चोपता का प्राथमिक विद्यालय आज आदर्श विद्यालय की श्रेणी में शामिल हो गया है. विद्यालय के शिक्षकों की मेहनत ने विद्यालय को मॉर्डन स्वरूप देते हुए एक मिसाल पेश की है.

Narayanbagad Block Primary School
राजकीय आदर्श प्राथमिक विद्यालय
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Published : Sep 21, 2020, 4:57 PM IST

थराली: नारायणबगड़ विकासखंड से 26 किलोमीटर दूर चोपता का राजकीय आदर्श प्राथमिक विद्यालय इस दिनों क्षेत्र में चर्चा का विषय बना हुआ है. इस विद्यालय की फोटो सोशल मीडिया पर शेयर की जा रही हैं. दरअसल, यह सरकारी स्कूल मात्र रंग रोगन से ही सुंदर नहीं दिख रहा है, बल्कि स्कूल को इस स्वरूप तक लाने में यहां के शिक्षकों की 5 वर्षों की मेहनत है. स्कूल को मॉर्डन स्वरूप देने में लगे प्रभारी प्रधानाचार्य नरेंद्र भंडारी और स्कूल के परमानंद सती, गजपाल नेगी एवं अंजलि रतूड़ी ने खूब मेहनत की है. बताया जा रहा है कि यह प्राथमिक विद्यालय आजादी से पूर्व साल 1901 में खुल चुका था, जो कि उत्तरीकडाकोट पट्टी का तात्कालिक शिक्षा का केंद्र भी था.

Narayanbagad Block Primary School
चोपता का राजकीय आदर्श प्राथमिक विद्यालय बना चर्चा का विषय.

शिक्षकों ने शुरू किया विद्यालय कोष

इसी विद्यालय के शिक्षक परमानंद सती बताते हैं कि साल 2004-05 में ही विद्यालय का भवन बनकर तैयार हो चुका था, लेकिन साल 2016 में विद्यालय को आदर्श विद्यालय का दर्जा मिला, लेकिन संसाधन नहीं थे. बस यही से शिक्षकों की टीम ने काम शुरू किया और आज सार्थक परिणाम सबके सामने हैं. सर्वप्रथम शिक्षकों ने स्वयं के दान से विद्यालय कोष की स्थापना की और अभिभावकों को भी इससे जोड़ा.

Narayanbagad Block Primary School
विद्यालय की सोशल मीडिया पर शेयर हो रही हैं फोटो.

केंद्रीय विद्यालय की तर्ज पर शुरू किया ड्रेस कोड

प्राथमिक विद्यालय में केंद्रीय विद्यालय की तर्ज पर ड्रेस कोड शुरू किया. बच्चों को गुणवत्ता युक्त शिक्षा का सिलसिला देने की योजना बनाई गई. योजना के अनुसार यहां बच्चों को इस प्रकार की शिक्षा दी गई कि बच्चे नवोदय विद्यालय और हिम ज्योति जैसे स्कूलों में प्रवेश पा सकें. परिणाम सार्थक रहे. अभी तक 11 बच्चे नवोदय विद्यालय एवं दो बालिकाएं हिमज्योति स्कूल देहरादून में पढ़ रही है.

पढ़ें- बिहार में 9 परियोजनाओं की शुरुआत, पीएम बोले- विकास यात्रा का अहम दिन

यही नहीं विद्यालय की प्रबंध समिति के अध्यक्ष यशवंत रावत का प्रयास था कि वो कुछ ऐसा करें, जिससे शिक्षा विभाग के अधिकारियों एवं सरकार की नजर इस स्कूल पर पड़े, ताकि विद्यालय को सरकारी मदद से और अधिक बेहतर बनाया जा सके.

Narayanbagad Block Primary School
विद्यालय के प्रभारी प्रधानाचार्य नरेंद्र भंडारी की मेहनत लाई रंग.

हाल ही में शुरू की गई स्मार्ट क्लासेस

इसके बाद विद्यालय कोष से ही प्रोजेक्टर एवं डिजिटल बोर्ड खरीदकर स्कूल में स्मार्ट क्लासेस की शुरुआत की गई. इसके भी परिणाम सार्थक रहे. पिछले वर्ष विद्यालय के छात्रों का प्रदेश स्तर पर गणित ओलंपियाड, सामान्य ज्ञान एवं निबंध आदि के लिए चयन हुआ है. विद्यालय की प्रगति को देखने के बाद विद्यालय को चुनिंदा विद्यालयों की सूची में स्थान मिला. शिक्षा विभाग की ओर से विद्यालय रूपांतरण हेतु फंड जारी हुआ, अध्यापकों की पूरी टीम ने फंड से स्कूल पर रंग रोगन कराया. इसके लिए आगरा से चित्रकार अनुज कुमार को बुलाया गया.

Narayanbagad Block Primary School
आजादी से साल 1901 में खुला था चोपता का प्राथमिक विद्यालय.

पढ़ें- IPL गर्ल तान्या को बचपन से था क्रिकेट का शौक, पिता का एक्सक्लूसिव इंटरव्यू

शिक्षक बताते हैं कि विद्यालय में प्रतिदिन छह अलग-अलग राज्यों की भाषाओं में प्रार्थना होती है. बच्चों के पास ब्लेजर, टाई, स्पोर्ट्स ड्रेस, आई कार्ड की सुविधा है. सभी कक्षाओं में पंखे लगे हुए हैं. आधुनिक सुविधाओं युक्त किचन, छात्र-छात्राओं के लिए अलग-अलग टॉयलेट, पीने के पानी के टैंक, जिसमें 9 टोटियां लगाई गई हैं. बच्चों को दोपहर भोजन हेतु डाइनिंग टेबल की सुविधा है. वर्तमान में स्कूल में बच्चों को गुणवत्ता युक्त शिक्षा दी जा रही है.

नारायणबगड़ के खंड शिक्षा अधिकारी खुशाल सिंह टोलिया का कहना है कि स्कूल के शिक्षकों ने विद्यालय रूपांतरण फंड का बेहतर उपयोग किया है. दूरस्थ क्षेत्र के आदर्श स्कूलों में यह स्कूल विकासखंड में ही नहीं प्रदेश में भी अव्वल रहेगा. वहां के शिक्षकों की मेहनत प्रेरणास्रोत है. अन्य स्थानों पर भी इस तरह के प्रयोग किए जाने चाहिए.

थराली: नारायणबगड़ विकासखंड से 26 किलोमीटर दूर चोपता का राजकीय आदर्श प्राथमिक विद्यालय इस दिनों क्षेत्र में चर्चा का विषय बना हुआ है. इस विद्यालय की फोटो सोशल मीडिया पर शेयर की जा रही हैं. दरअसल, यह सरकारी स्कूल मात्र रंग रोगन से ही सुंदर नहीं दिख रहा है, बल्कि स्कूल को इस स्वरूप तक लाने में यहां के शिक्षकों की 5 वर्षों की मेहनत है. स्कूल को मॉर्डन स्वरूप देने में लगे प्रभारी प्रधानाचार्य नरेंद्र भंडारी और स्कूल के परमानंद सती, गजपाल नेगी एवं अंजलि रतूड़ी ने खूब मेहनत की है. बताया जा रहा है कि यह प्राथमिक विद्यालय आजादी से पूर्व साल 1901 में खुल चुका था, जो कि उत्तरीकडाकोट पट्टी का तात्कालिक शिक्षा का केंद्र भी था.

Narayanbagad Block Primary School
चोपता का राजकीय आदर्श प्राथमिक विद्यालय बना चर्चा का विषय.

शिक्षकों ने शुरू किया विद्यालय कोष

इसी विद्यालय के शिक्षक परमानंद सती बताते हैं कि साल 2004-05 में ही विद्यालय का भवन बनकर तैयार हो चुका था, लेकिन साल 2016 में विद्यालय को आदर्श विद्यालय का दर्जा मिला, लेकिन संसाधन नहीं थे. बस यही से शिक्षकों की टीम ने काम शुरू किया और आज सार्थक परिणाम सबके सामने हैं. सर्वप्रथम शिक्षकों ने स्वयं के दान से विद्यालय कोष की स्थापना की और अभिभावकों को भी इससे जोड़ा.

Narayanbagad Block Primary School
विद्यालय की सोशल मीडिया पर शेयर हो रही हैं फोटो.

केंद्रीय विद्यालय की तर्ज पर शुरू किया ड्रेस कोड

प्राथमिक विद्यालय में केंद्रीय विद्यालय की तर्ज पर ड्रेस कोड शुरू किया. बच्चों को गुणवत्ता युक्त शिक्षा का सिलसिला देने की योजना बनाई गई. योजना के अनुसार यहां बच्चों को इस प्रकार की शिक्षा दी गई कि बच्चे नवोदय विद्यालय और हिम ज्योति जैसे स्कूलों में प्रवेश पा सकें. परिणाम सार्थक रहे. अभी तक 11 बच्चे नवोदय विद्यालय एवं दो बालिकाएं हिमज्योति स्कूल देहरादून में पढ़ रही है.

पढ़ें- बिहार में 9 परियोजनाओं की शुरुआत, पीएम बोले- विकास यात्रा का अहम दिन

यही नहीं विद्यालय की प्रबंध समिति के अध्यक्ष यशवंत रावत का प्रयास था कि वो कुछ ऐसा करें, जिससे शिक्षा विभाग के अधिकारियों एवं सरकार की नजर इस स्कूल पर पड़े, ताकि विद्यालय को सरकारी मदद से और अधिक बेहतर बनाया जा सके.

Narayanbagad Block Primary School
विद्यालय के प्रभारी प्रधानाचार्य नरेंद्र भंडारी की मेहनत लाई रंग.

हाल ही में शुरू की गई स्मार्ट क्लासेस

इसके बाद विद्यालय कोष से ही प्रोजेक्टर एवं डिजिटल बोर्ड खरीदकर स्कूल में स्मार्ट क्लासेस की शुरुआत की गई. इसके भी परिणाम सार्थक रहे. पिछले वर्ष विद्यालय के छात्रों का प्रदेश स्तर पर गणित ओलंपियाड, सामान्य ज्ञान एवं निबंध आदि के लिए चयन हुआ है. विद्यालय की प्रगति को देखने के बाद विद्यालय को चुनिंदा विद्यालयों की सूची में स्थान मिला. शिक्षा विभाग की ओर से विद्यालय रूपांतरण हेतु फंड जारी हुआ, अध्यापकों की पूरी टीम ने फंड से स्कूल पर रंग रोगन कराया. इसके लिए आगरा से चित्रकार अनुज कुमार को बुलाया गया.

Narayanbagad Block Primary School
आजादी से साल 1901 में खुला था चोपता का प्राथमिक विद्यालय.

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शिक्षक बताते हैं कि विद्यालय में प्रतिदिन छह अलग-अलग राज्यों की भाषाओं में प्रार्थना होती है. बच्चों के पास ब्लेजर, टाई, स्पोर्ट्स ड्रेस, आई कार्ड की सुविधा है. सभी कक्षाओं में पंखे लगे हुए हैं. आधुनिक सुविधाओं युक्त किचन, छात्र-छात्राओं के लिए अलग-अलग टॉयलेट, पीने के पानी के टैंक, जिसमें 9 टोटियां लगाई गई हैं. बच्चों को दोपहर भोजन हेतु डाइनिंग टेबल की सुविधा है. वर्तमान में स्कूल में बच्चों को गुणवत्ता युक्त शिक्षा दी जा रही है.

नारायणबगड़ के खंड शिक्षा अधिकारी खुशाल सिंह टोलिया का कहना है कि स्कूल के शिक्षकों ने विद्यालय रूपांतरण फंड का बेहतर उपयोग किया है. दूरस्थ क्षेत्र के आदर्श स्कूलों में यह स्कूल विकासखंड में ही नहीं प्रदेश में भी अव्वल रहेगा. वहां के शिक्षकों की मेहनत प्रेरणास्रोत है. अन्य स्थानों पर भी इस तरह के प्रयोग किए जाने चाहिए.

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