ETV Bharat / state

चमोली: विलुप्ति की कगार पर सलधार का तप्त कुंड, संरक्षण की दरकार - विलुप्ति की कगार पर सलधार गर्म पानी का कुंड

सलधार का तप्त कुंड संरक्षण के अभाव में विलुप्त होता जा रहा है. अगर समय रहते कुंड का संरक्षण नहीं किया गया तो यह सिर्फ कहानी-किस्से तक में सिमट रह जाएगा.

chamoli-saladhar-hot-kund
सलधार गर्म पानी का कुंड.
author img

By

Published : Sep 26, 2020, 5:59 PM IST

चमोली: जोशीमठ-मलारी हाईवे पर सलधार का तप्त कुंड अब विलुप्ति की कगार पर पहुंच गया है. इस समय यहां पर बहुत कम गर्म पानी रह गया है. यदि इसके संरक्षण के लिए कोई ठोस पहल नहीं किया गया तो आने वाले समय में यह सिर्फ किस्से कहानियों तक में सिमट कर रह जाएगा.

chamoli-saladhar-hot-kund
सलधार गर्म पानी का कुंड.

जोशीमठ से मलारी बॉर्डर रोड पर 18 किलोमीटर की दूरी पर सलधार तप्त कुंड प्रकृति की देन है. इस प्राकृतिक स्त्रोत से हर मौसम में गर्म पानी मिलता रहता है. इस गर्म कुंड को देखने के लिए बड़ी दूर से सौलानी आते हैं. इसके साथ ही आसपास के ग्रामीण चावल की पोटली बनाकर कुंड में डाल देते हैं और कुछ ही देर में चावल बनकर तैयार हो जाता है. लेकिन, संरक्षण के आभाव में तप्त कुंड अब अस्तित्व खोता जा रहा है.

विलुप्ति की कगार पर सलधार का तप्त कुंड.

ये भी पढ़ें: कोरोना: हरिद्वार महाकुंभ के स्वरूप पर संशय, अंतिम चरण में तैयारियां

संरक्षण का अभाव

सलधार तप्त कुंड प्राकृतिक दृश्य के कारण पर्यटकों के लिए काफी आकर्षण का केंद्र होते हैं. इसके साथ ही चमोली के लिए यह प्राकृतिक धरोहर भी हैं. लेकिन इस कुंड के संरक्षण को लेकर शासन-प्रशासन स्तर से कोई पहल नहीं की गई. यदि समय रहते इसका संरक्षण नहीं किया गया तो यह तप्त कुंड सिर्फ किस्सा-कहानियों तक में सिमट कर रह जाएगा.

मिट्टी ले जाते हैं ग्रामीण

इस तप्त कुंड के पास पाई जाने वाली मिट्टी काफी नर्म होती है और मिट्टी को चेहरे पर लगाने से चेहरे से जु़ड़ी बीमारियां कुछ हद तक खत्म हो जाती है. इसलिए लोग बड़ी संख्या में यहां से मिट्टी भी ले जाते हैं. वहीं, कुंड में पानी धीरे-धीरे कम हो रहा है.

चमोली: जोशीमठ-मलारी हाईवे पर सलधार का तप्त कुंड अब विलुप्ति की कगार पर पहुंच गया है. इस समय यहां पर बहुत कम गर्म पानी रह गया है. यदि इसके संरक्षण के लिए कोई ठोस पहल नहीं किया गया तो आने वाले समय में यह सिर्फ किस्से कहानियों तक में सिमट कर रह जाएगा.

chamoli-saladhar-hot-kund
सलधार गर्म पानी का कुंड.

जोशीमठ से मलारी बॉर्डर रोड पर 18 किलोमीटर की दूरी पर सलधार तप्त कुंड प्रकृति की देन है. इस प्राकृतिक स्त्रोत से हर मौसम में गर्म पानी मिलता रहता है. इस गर्म कुंड को देखने के लिए बड़ी दूर से सौलानी आते हैं. इसके साथ ही आसपास के ग्रामीण चावल की पोटली बनाकर कुंड में डाल देते हैं और कुछ ही देर में चावल बनकर तैयार हो जाता है. लेकिन, संरक्षण के आभाव में तप्त कुंड अब अस्तित्व खोता जा रहा है.

विलुप्ति की कगार पर सलधार का तप्त कुंड.

ये भी पढ़ें: कोरोना: हरिद्वार महाकुंभ के स्वरूप पर संशय, अंतिम चरण में तैयारियां

संरक्षण का अभाव

सलधार तप्त कुंड प्राकृतिक दृश्य के कारण पर्यटकों के लिए काफी आकर्षण का केंद्र होते हैं. इसके साथ ही चमोली के लिए यह प्राकृतिक धरोहर भी हैं. लेकिन इस कुंड के संरक्षण को लेकर शासन-प्रशासन स्तर से कोई पहल नहीं की गई. यदि समय रहते इसका संरक्षण नहीं किया गया तो यह तप्त कुंड सिर्फ किस्सा-कहानियों तक में सिमट कर रह जाएगा.

मिट्टी ले जाते हैं ग्रामीण

इस तप्त कुंड के पास पाई जाने वाली मिट्टी काफी नर्म होती है और मिट्टी को चेहरे पर लगाने से चेहरे से जु़ड़ी बीमारियां कुछ हद तक खत्म हो जाती है. इसलिए लोग बड़ी संख्या में यहां से मिट्टी भी ले जाते हैं. वहीं, कुंड में पानी धीरे-धीरे कम हो रहा है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.