चमोली: बायो मेडिकल कचरा प्रबंधन के लिए प्रभावी व्यवस्था बनाने को लेकर शनिवार को जिलाधिकारी स्वाति एस भदौरिया ने जिला स्तरीय कमेटी की बैठक ली. जिसमें अस्पतालों, नर्सिंग होम, क्लीनिकों और घरों से निकलने वाले बायो मेडिकल कचरे के निस्तारण के मुद्दे पर चर्चा की गई.
चमोली जिलाधिकारी भदौरिया ने कहा कि बायो मेडिकल कचरे का वैज्ञानिक तरीकों से निस्तारण करना समय की जरूरत है. बायो मेडिकल वेस्ट को निर्धारित समय में ट्रीटमेंट के लिए रुड़की तक पहुंचाने में स्वास्थ्य विभाग की समस्याओं को देखते हुए जिलाधिकारी ने इसका स्थायी समाधान करने पर जोर दिया.
उन्होंने कहा कि स्थानीय स्तर बायो मेडिकल वेस्ट का ट्रीटमेंट प्लांट स्थापित करने के लिए उनके पास कई प्रस्ताव हैं. आसपास जिलों के साथ मिलकर इस प्लांट को स्थापित करने का प्रयास किया जा सकता है. ताकि निर्धारित 48 घंटों में हानिकारक बायो मेडिकल वेस्ट का निस्तारण हो सके और पर्यावरण को इससे बचाया जा सके.
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बैठक में समिति के सदस्यों को बायो वेस्ट मेडिकल के उचित प्रबंधन हेतु अपने सुझाव देने को कहा गया. इस दौरान जिलाधिकारी ने ईएचआई इंटरनेशनल के माध्यम से जिला अस्पताल सहित सभी सामुदायिक और प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर बायो मेडिकल वेस्ट के निस्तारण हेतु दिए गए प्रशिक्षण के बारे में भी जानकारी ली.
ईएचआई इंटरनेशनल के विशेषज्ञ डॉ. मनमोहन खोसला ने बताया कि चमोली जनपद में जिला अस्पताल सहित सभी सीएचसी व पीएचसी में तैनात 427 स्टॉफ को बायो मेडिकल कचरे के प्रबंधन व उसे रखने के नियमों व उसके निस्तारण करने हेतु 23 अक्टूबर से 10 नवंबर तक प्रशिक्षण दिया गया. जिसमें 61 चिकित्सक, 71 पैरामेडिकल, 31 नर्सिंग और 264 स्पोर्टिंग स्टाफ प्रशिक्षित किए गए हैं. इस दौरान उन्होंने बायो मेडिकल वेस्ट के उचित प्रबंधन हेतु अपने सुझाव भी समिति के समक्ष रखे.