चमोली: उत्तराखंड राज्य गठन को 19 साल से अधिक का समय हो गया है, बावजूद इसके अभी तक उत्तराखंड राज्य अपनी स्थायी राजधानी घोषित नहीं कर पाई है. हालांकि समय-समय पर राजधानी की मांग उठती रही है कि गैरसैण को उत्तराखंड की स्थायी राजधानी घोषित की जाए.
इसी क्रम में गैरसैंण में चल रहे विधानसभा बजट सत्र के दौरान उत्तराखंड क्रांति दल के नेताओं ने विधानसभा का घेराव किया. हालांकि, पुलिस प्रशासन ने भराड़ीसैण स्थित विधानसभा परिसर से करीब छह किलोमीटर पहले ही बैरिकेडिंग लगाकर उत्तराखंड क्रांति दल के नेताओं को रोक दिया, जहां यूकेडी के नेताओं ने जमकर प्रदर्शन किया.
यही नहीं यूकेडी कार्यकर्ताओं ने न सिर्फ जमकर प्रदर्शन किया, बल्कि सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए गैरसैंण को उत्तराखंड की स्थायी राजधानी बनाने की मांग की.
पार्टी के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष त्रिवेंद्र सिंह पंवार ने कहा कि उत्तराखंड सरकार प्रदेश की जनता का अनादर कर रही है, क्योंकि कौशिक समिति की रायशुमारी करने के बाद शत-प्रतिशत फैसला गैरसैण के पक्ष में आया था. लेकिन, इस बात को कई साल हो गए हैं, बावजूद इसके अभी तक सरकार गैरसैंण को स्थायी राजधानी नहीं बना पाई है. इसके साथ ही यूकेडी के कार्यकर्ताओं ने सरकार से मांग की कि इस बजट सत्र में राज्य सरकार गैरसैंण को पूर्णकालिक राजधानी घोषित करें.
गैरसैण के भराड़ीसैंण स्थित विधानसभा भवन में राज्यपाल के अभिभाषण के साथ उत्तराखंड विधानसभा बजट सत्र का शुभारंभ आज से हो गया है. वहीं, दूसरी ओर विधानसभा सत्र का विरोध कर काले झंडे दिखाते हुए विधानसभा का घेराव करने जा रहे जनरल ओबीसी एम्प्लॉयज फेडरेशन के कर्मचारियों और गैरसैंण स्थायी राजधानी की मांग कर काले झंडे दिखा रहे उत्तराखंड क्रांति दल के कार्यकर्ताओं को पुलिस ने दीवालीखाल बैरियर पर ही रोक दिया है. इस दौरान पुलिस और आंदोलनकारियों में नोक-झोंक भी हुई.
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गैरसैंण को स्थायी राजधानी बनाने की मांग करते हुए यूकेडी के कार्यकर्ता सुबह से ही सत्र का विरोध करते हुए विधानसभा परिसर में घुसने का प्रयास कर रहे थे, लेकिन दीवालीखाल में पुलिस द्वारा सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त किए जाने पर आंदोलनकारियों को दीवालीखाल में ही रोक दिया गया है.
इसी तरह पदोन्नति में आरक्षण का विरोध कर रहे जनरल ओबीसी एम्प्लॉयज फेडरेशन के कर्मचारियों को भी पुलिस ने दीवालीखाल बैरियर से आगे नहीं घुसने दिया. जिसके बाद प्रदेश सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए सभी आंदोलकारी दीवालीखाल से भराड़ीसैंण जाने वाली सड़क पर ही धरने पर बैठ गए हैं.