चमोली: उत्तराखंड के पहाड़ी जिलों में एक तरफ कुदरत की मार तो दूसरी ओर डॉक्टरों की कमी ने ग्रामीणों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं. थराली विधायक मुन्नी देवी ने सोमवार को जब आपदा प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया तो सच्चाई उनके सामने आई. बांजबगड़ गांव में डॉक्टरों की टीम नहीं पहुंचने पर विधायक मुन्नी देवी ने ग्रामीणों के साथ मिलकर स्वास्थ्य विभाग के खिलाफ प्रदर्शन किया.
इतना ही नहीं उन्होंने मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत और विशेष कार्यधिकारी को फोन कर सीएमओ चमोली को सस्पेंड करने की मांग की. साथ ही उन्होंने कहा कि यदि तत्काल सीएमओ को सस्पेंड नहीं किया गया तो आंदोलन करेंगी.
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बता दें कि चमोली जिले में घाट विकास खंड के लांखी गांव और बांजबगड़ गांव में तड़के चार बजे के आसपास बादल फटा था. इस दौरान दोनों गांवों में 6 लोगों की मौत हो गई थी. मरने वालों में तीन बच्चे हैं. वहीं कई लोग घायल हो गए थे. घटना की सूचना मिलने पर एसडीआरएफ और पुलिस की टीम मौके पर पहुंचकर थी. एसडीआरएफ ने रेस्क्यू अभियान चलाकर मलबे में दबे घायलों और शवों को बाहर निकाला. सभी शवों को बांजबगड़ पंचायत घर में रखवाया गया था.
दोपहर 12 बजे तक भी जिला मुख्यालय गोपेश्वर से डॉक्टरों की टीम बांजबगड़ गांव नहीं पहुंची तो गुस्साई बीजेपी विधायक मुन्नी देवी ने ग्रामीणों के साथ मिलकर सड़क पर स्वास्थ्य विभाग के खिलाफ प्रदर्शन किया. सीएम से बात करने और प्रदर्शन करने के बाद करीब 3 बजे डॉक्टरों की टीम बांजबगड़ पहुंची, जहां उन्होंने शवों का पोस्टमार्टम किया.
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थराली विधानसभा विधायक मुन्नी देवी ने कहा कि सीएमओ को सुबह ही घटना के बारे में बता दिया गया था, लेकिन सीएमओ की ओर से आपदा राहत कार्यो में लापरवाही बरती गई है. डॉक्टरों की टीम को समय से घटनास्थल पर नहीं भेजा गया.