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बरसाती नाले के उफान पर आने से डरे ग्रामीण, बारिश में खुले आसमान से नीचे गुजारी पूरी रात

चमोली जिले के एक गांव में बारिश की वजह से बरसाती नाला उफान पर आ गया. नाले की आवाज से ग्रामीण इतना डर गए कि उन्होंने गांव छोड़कर सुरक्षित स्थानों पर शरण ली. पूरी रात ग्रामीणों ने खुले आसमान के नीचे रात गुजारी.

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Published : Aug 3, 2022, 6:43 PM IST

चमोली: उत्तराखंड में इन दिनों बारिश के रूप में कुदरत का कहर देखने को मिल रहा है. भारी बारिश की वजह से जगह-जगह आपदा जैसे हालात बने हुए हैं. बारिश के कारण चमोली के नंदानगर विकासखंड के बिजार गांव के ठीक ऊपर बहने वाले बरसाती नाला उफान पर आ गया था, जिससे ग्रामीण काफी डर गए थे और सुरक्षित स्थानों पर चले गए थे. ग्रामीणों ने डर के मारे बारिश में पूरी रात खुले आसमान के नीचे गुजारी.

ग्रामीणों ने बताया कि बारिश थमने के बाद सुबह करीब 4 बजे जब नाले का बहाव कम हुआ, तब जाकर ग्रामीणों ने राहत की सांस ली और वो अपने घरों में वापस गए. बता दें कि बिजार गांव के ठीक ऊपर दो साल पहले पीएमजीएसवाई ने सड़क कटिंग का कार्य किया गया था. ग्रामीणों का आरोप है कि सड़क कटिंग का मलबा निर्धारित डंपिंग जोन में न डालकर सीधे डूना नाले में उड़ेला गया. तभी से हल्की सी भी बारिश होने पर सड़क का मलबा नाले में बहकर आता हैं, जिससे नाले में बड़ी खाई भी बन गई हैं. कई घर भी नाले की चपेट में आने से क्षतिग्रस्त हुए हैं.
पढ़ें- सूरी देहरादून मार्ग पर पेड़ गिरने से यातायात हुआ बाधित, एक घंटे बाद खुला रास्ता

ग्रामीणों ने मुताबिक नाला गांव के शीर्ष भाग पर है, इसीलिए गांव के ऊपर खतरा मंडर रहा है. बिजार गांव निवासी देवेंद्र डूंगरियाल ने बताया कि खीम सिंह, कुंवर सिंह और भीम सिंह के घर नाले की चपेट में आने से क्षतिग्रस्त हुए हैं. यह कभी भी ढ़ह सकते हैं. उन्होंने प्रशासन से विस्थापन की मांग उठाई हैं.

चमोली: उत्तराखंड में इन दिनों बारिश के रूप में कुदरत का कहर देखने को मिल रहा है. भारी बारिश की वजह से जगह-जगह आपदा जैसे हालात बने हुए हैं. बारिश के कारण चमोली के नंदानगर विकासखंड के बिजार गांव के ठीक ऊपर बहने वाले बरसाती नाला उफान पर आ गया था, जिससे ग्रामीण काफी डर गए थे और सुरक्षित स्थानों पर चले गए थे. ग्रामीणों ने डर के मारे बारिश में पूरी रात खुले आसमान के नीचे गुजारी.

ग्रामीणों ने बताया कि बारिश थमने के बाद सुबह करीब 4 बजे जब नाले का बहाव कम हुआ, तब जाकर ग्रामीणों ने राहत की सांस ली और वो अपने घरों में वापस गए. बता दें कि बिजार गांव के ठीक ऊपर दो साल पहले पीएमजीएसवाई ने सड़क कटिंग का कार्य किया गया था. ग्रामीणों का आरोप है कि सड़क कटिंग का मलबा निर्धारित डंपिंग जोन में न डालकर सीधे डूना नाले में उड़ेला गया. तभी से हल्की सी भी बारिश होने पर सड़क का मलबा नाले में बहकर आता हैं, जिससे नाले में बड़ी खाई भी बन गई हैं. कई घर भी नाले की चपेट में आने से क्षतिग्रस्त हुए हैं.
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ग्रामीणों ने मुताबिक नाला गांव के शीर्ष भाग पर है, इसीलिए गांव के ऊपर खतरा मंडर रहा है. बिजार गांव निवासी देवेंद्र डूंगरियाल ने बताया कि खीम सिंह, कुंवर सिंह और भीम सिंह के घर नाले की चपेट में आने से क्षतिग्रस्त हुए हैं. यह कभी भी ढ़ह सकते हैं. उन्होंने प्रशासन से विस्थापन की मांग उठाई हैं.

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