चमोली: पर्वतीय क्षेत्रों में भालू के हमले थमने का नाम नहीं ले रहे हैं. जोशीमठ नगर क्षेत्र में अलग-अलग जगह पर भालुओं ने 5 लोगों को हमला कर घायल कर दिया. हमले में पांचों व्यक्ति बुरी तरह घायल हो गए. सूचना के बाद वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची. जिसके बाद घायलों को उपचार के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र जोशीमठ लाया गया. प्राथमिक उपचार के बाद तीन घायल व्यक्तियों को हायर सेंटर रेफर किया गया है, जबकि दो घायलों का सीएचसी जोशीमठ में ही उपचार चल रहा है.
मिली जानकारी के मुताबिक रविवार शाम 6:30 बजे जोशीमठ नगर क्षेत्र के परसारी गांव में खेतों में काम कर रहे विनेश सिंह को भालू ने हमला कर घायल कर दिया. किसी तरह विनेश सिंह की पत्नी ने शोर मचाकर भालू को भगाया. घटना स्थल पर पहुंचे ग्रामीणों और वन विभाग की टीम ने विनेश को उपचार के लिए सीएचसी जोशीमठ लाया गया, जहां प्राथमिक उपचार के बाद डॉक्टरों ने उसे हायर सेंटर रेफर कर दिया.
वहीं भालू ने तीसरी घटना जोशीमठ नगर क्षेत्र के सिंगधार की है. वन विभाग की टीम द्वारा भालू को चुनार गांव से भगाये जाने के बाद भालू सिंगधार की तरफ भाग गया. जहां देर रात एक बुजुर्ग पर भालू ने हमला कर बुरी तरह घायल कर दिया. किसी तरह बुजुर्ग की पत्नी के शोर मचाने पर भालू मौके से भागा. जिसके बाद बुजुर्ग को भी सीएचसी जोशीमठ में उपचार के लिए भर्ती कराया गया है. वन विभाग की टीम देर रात से ही नगर क्षेत्र से भालू को भगाने में जुटी हुई है.
घटनास्थल पर मौजूद नंदादेवी राष्ट्रीय पार्क के वन क्षेत्राधिकारी बी.एल आर्य ने बताया कि जोशीमठ क्षेत्र में भालू के हमले में दो स्थानीय, एक नेपाली मजदूर व दो साधुओं सहित कुल 5 लोगों को घायल किया है. वन विभाग के द्वारा सभी घायलों को उपचार के लिए त्वरित सहायता हेतु आर्थिक मदद के चेक दिये गए हैं. उन्होंने बताया कि संभवत: भालू का बच्चा खो गया होगा और वह अपने बच्चे के खोने से व्याकुल होकर ढूंढखोज में आबादी क्षेत्रों में आया होगा. वन विभाग के द्वारा पुलिस की मदद लेकर देर रात से ही भालू को आबादी क्षेत्र से बाहर भगाये जाने का प्रयास किया जा रहा है.
वहीं स्थानीय लोगों ने सीएचसी जोशीमठ की स्वास्थ्य सुविधाओं पर भी सवाल खड़े किए हैं. स्थानीय लोगों का कहना है कि सीएचसी जोशीमठ में रात के समय पूरा स्टाफ ड्यूटी पर तैनात नहीं रहता है. देर रात को भालू के हमले के बाद घायल बुजुर्ग को उपचार के लिए जब सीएचसी जोशीमठ लाया गया तो बुजुर्ग पर टांके लगने के लिए घंटों इंतजार करना पड़ा. जिससे लोगों में खासा रोष है.