चमोली: इस साल बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने की धार्मिक परंपरा अनुसार शुरुआत हो गई है. नरेंद्र नगर स्थित राजमहल में राजघराने के परिवार के सदस्यों और मंदिर समिति के सदस्यों की मौजूदगी में बसंत पंचमी के दिन यानी 29 जनवरी को शुभमुहूर्त में भगवान बदरीनाथ के कपाट खुलने की तिथि घोषित की जाएगी.
पुरानी परंपराओं के अनुसार सोमवार को योगध्यान बदरी मंदिर पांडुकेश्वर से टिहरी जनपद स्थित नरेंद्र नगर राजदरबार के लिए गाड़ू घड़े (अभिषेक तेल कलश) की पूजा अर्चना के बाद शोभा यात्रा ने प्रस्थान किया. इस गाड़ू घड़े में 29 जनवरी को बसंत पंचमी के दिन टिहरी दरबार में तिथि घोषित होने के साथ-साथ राजघराने की सुहागिनों द्वारा तिलों का तेल पिरोया जाएगा. राजघराने की सुहागिनों द्वारा पिरोये गए तेल से कपाट खुलने के बाद छह माह तक भगवान बदरीनाथ की मूर्ति का रोज इसी तेल से अभिषेक किया जाएगा. सोमवार को पांडुकेश्वर में गाड़ू घड़ा प्रस्थान के साथ ही इस साल की यात्रा का शुभारंभ हो चुका है.
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बदरीनाथ मंदिर की तिथि बसंत पंचमी के दिन घोषित होने के बाद सुहागिन महिलाएं गाडू घड़े में राजमहल से तेल भरेंगी. जिसके बाद चमोली में स्थित डिम्मर गांव के डिमरी ब्राह्मण भव्य शोभायात्रा के साथ विभिन्न पड़ावों से होते हुए गाडू घड़े को कपाट खुलने से पहले बदरीनाथ धाम लेकर पहुंचेंगे.