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18 मई को खुलेंगे बदरी विशाल के कपाट, नरेंद्रनगर राजदरबार में तय हुई तिथि

18 मई सुबह 4 बजकर 15 मिनट पर बदरीधाम के कपाट श्रद्धालुओं के लिए खोले जाएंगे.

badrinath dham
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Published : Feb 16, 2021, 12:30 PM IST

Updated : Feb 16, 2021, 3:50 PM IST

देहरादून: आगामी चारधाम यात्रा की तैयारियां जोरों-शोरों से शुरू हो गई हैं. जहां एक ओर यमुनोत्री और गंगोत्री धाम के कपाट अक्षय तृतीया के दिन खोले जाएंगे, तो वहीं बदरीनाथ धाम के कपाट खोले जाने की तिथि तय कर दी गई है. आज बसंत पंचमी के अवसर पर बदरी विशाल के कपाट खुलने की तिथि की घोषणा हो गई है. तय की गई तिथि के अनुसार 18 मई को सुबह 4:15 बजे धाम के कपाट पूरे विधि विधान से खोले जाएंगे. इसके साथ ही 29 अप्रैल से तेल कलश (गाड़ू घड़ा) की यात्रा निकाली जाएगी.

18 मई को खुलेंगे बदरी विशाल के कपाट.

बता दें कि उत्तराखंड के चारों धामों के कपाट खुलने की अलग-अलग व्यवस्था है. इसी क्रम में बसंत पंचमी के अवसर पर नरेंद्रनगर राजदरबार में समारोह का आयोजन किया गया, जिसमें बदरी विशाल के कपाट खोले जाने को लेकर तीर्थ पुरोहितों ने बैठकर राय मशवरा किया और फिर पंचांग देखकर एक मुहूर्त तय किया गया. इसके बाद टिहरी नरेश और महारानी की मौजूदगी में नरेंद्रनगर राजदरबार में कपाट खुलने और महाभिषेक के लिए तिलों का तेल निकालने की तिथि घोषित की गई.

badrinath dham.
नरेंद्र नगर राजदरबार में तय हुई तिथि.

गौर हो कि वसंत पंचमी पर्व पर ही प्राचीनकाल से बदरीनाथ धाम के कपाट खोलने की तिथि घोषित करने की परंपरा रही है. नए साल के पंचांग का पूजन कर टिहरी महाराजा को भेंट किया जाता है. ज्योतिषी पंचांग देखकर नरेंद्रनगर में भगवान बदरीविशाल के कपाट खोलने की तिथि निकाली जाती है.

बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने की प्रक्रियाएं शुरू हो गई हैं. इसके तहत सोमवार को डिम्मर गांव के लक्ष्मी-नारायण मंदिर में गाड़ू घड़ा की वैदिक मंत्रोचारों के साथ पूजा की गई. धर्माचार्यों ने ब्रह्ममुहूर्त में विष्णु शहस्त्रनाम और नामावलियों से श्री लक्ष्मी नारायण और गाडू घड़ा की पूजा कर भगवान को बाल भोग लगाया. इसके बाद गाड़ू घड़ा यात्रा नरेंद्रनगर राजदरबार के लिए रवाना हुई.

पढ़ेंः रुद्रप्रयागः पर्यावरण संरक्षण के लिए 40 लोगों को हरितदूत प्रकृति सेवा सम्मान

बदरीनाथ धाम के पुजारियों की अगवानी में गाडू घड़ा के साथ श्री लक्ष्मी नारायण मंदिर की परिक्रमा की गई और इसके बाद गाड़ू घड़ा यात्रा नरेंद्रनगर राजदरबार के लिए रवाना हुई. कलश यात्रा ने सोमवार को ऋषिकेश में रात्रि प्रवास किया और मंगलवार (16 फरवरी) को वसंत पंचमी पर्व पर कलश यात्रा नरेंद्रनगर पहुंची.

वहीं, केदारनाथ धाम के कपाट खुलने की तिथि ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ में 11 मार्च शिवरात्रि के अवसर पर तय होगी, जबकि गंगोत्री व यमुनोत्री धाम के कपाट परंपरागत रूप से अक्षय तृतीया के दिन खुलते हैं. तीर्थ पुरोहितों द्वारा नव संवत्सर के दिन शीतकालीन प्रवास मुखबा में गंगोत्री धाम और शीतकालीन प्रवास खरसाली में यमुना जयंती पर यमुनोत्री धाम के कपाट खुलने का समय तय किया जाता है.

देहरादून: आगामी चारधाम यात्रा की तैयारियां जोरों-शोरों से शुरू हो गई हैं. जहां एक ओर यमुनोत्री और गंगोत्री धाम के कपाट अक्षय तृतीया के दिन खोले जाएंगे, तो वहीं बदरीनाथ धाम के कपाट खोले जाने की तिथि तय कर दी गई है. आज बसंत पंचमी के अवसर पर बदरी विशाल के कपाट खुलने की तिथि की घोषणा हो गई है. तय की गई तिथि के अनुसार 18 मई को सुबह 4:15 बजे धाम के कपाट पूरे विधि विधान से खोले जाएंगे. इसके साथ ही 29 अप्रैल से तेल कलश (गाड़ू घड़ा) की यात्रा निकाली जाएगी.

18 मई को खुलेंगे बदरी विशाल के कपाट.

बता दें कि उत्तराखंड के चारों धामों के कपाट खुलने की अलग-अलग व्यवस्था है. इसी क्रम में बसंत पंचमी के अवसर पर नरेंद्रनगर राजदरबार में समारोह का आयोजन किया गया, जिसमें बदरी विशाल के कपाट खोले जाने को लेकर तीर्थ पुरोहितों ने बैठकर राय मशवरा किया और फिर पंचांग देखकर एक मुहूर्त तय किया गया. इसके बाद टिहरी नरेश और महारानी की मौजूदगी में नरेंद्रनगर राजदरबार में कपाट खुलने और महाभिषेक के लिए तिलों का तेल निकालने की तिथि घोषित की गई.

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नरेंद्र नगर राजदरबार में तय हुई तिथि.

गौर हो कि वसंत पंचमी पर्व पर ही प्राचीनकाल से बदरीनाथ धाम के कपाट खोलने की तिथि घोषित करने की परंपरा रही है. नए साल के पंचांग का पूजन कर टिहरी महाराजा को भेंट किया जाता है. ज्योतिषी पंचांग देखकर नरेंद्रनगर में भगवान बदरीविशाल के कपाट खोलने की तिथि निकाली जाती है.

बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने की प्रक्रियाएं शुरू हो गई हैं. इसके तहत सोमवार को डिम्मर गांव के लक्ष्मी-नारायण मंदिर में गाड़ू घड़ा की वैदिक मंत्रोचारों के साथ पूजा की गई. धर्माचार्यों ने ब्रह्ममुहूर्त में विष्णु शहस्त्रनाम और नामावलियों से श्री लक्ष्मी नारायण और गाडू घड़ा की पूजा कर भगवान को बाल भोग लगाया. इसके बाद गाड़ू घड़ा यात्रा नरेंद्रनगर राजदरबार के लिए रवाना हुई.

पढ़ेंः रुद्रप्रयागः पर्यावरण संरक्षण के लिए 40 लोगों को हरितदूत प्रकृति सेवा सम्मान

बदरीनाथ धाम के पुजारियों की अगवानी में गाडू घड़ा के साथ श्री लक्ष्मी नारायण मंदिर की परिक्रमा की गई और इसके बाद गाड़ू घड़ा यात्रा नरेंद्रनगर राजदरबार के लिए रवाना हुई. कलश यात्रा ने सोमवार को ऋषिकेश में रात्रि प्रवास किया और मंगलवार (16 फरवरी) को वसंत पंचमी पर्व पर कलश यात्रा नरेंद्रनगर पहुंची.

वहीं, केदारनाथ धाम के कपाट खुलने की तिथि ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ में 11 मार्च शिवरात्रि के अवसर पर तय होगी, जबकि गंगोत्री व यमुनोत्री धाम के कपाट परंपरागत रूप से अक्षय तृतीया के दिन खुलते हैं. तीर्थ पुरोहितों द्वारा नव संवत्सर के दिन शीतकालीन प्रवास मुखबा में गंगोत्री धाम और शीतकालीन प्रवास खरसाली में यमुना जयंती पर यमुनोत्री धाम के कपाट खुलने का समय तय किया जाता है.

Last Updated : Feb 16, 2021, 3:50 PM IST
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