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चंद्र ग्रहण के चलते 16 जुलाई को बंद रहेंगे बदरीनाथ धाम के कपाट

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Published : Jul 14, 2019, 3:07 AM IST

Updated : Jul 14, 2019, 4:12 PM IST

चंद्र ग्रहण के मद्देनजर आगामी 16 जुलाई की शाम 4 बजकर 37 मिनट से भगवान बदरीविशाल के कपाट पूरी तरह बंद कर दिए जाएंगे. जो 17 जुलाई सुबह 6 बजे अभिषेक और पूजा अर्चना के साथ फिर से खोले जाएंगे.

badrinath dham

चमोलीः आगामी 16 जुलाई को चंद्र ग्रहण लगने जा रहा है. जिसका असर भारत में भी देखने को मिलेगा. ग्रहण रात के एक बजकर 37 मिनट से सुबह 4 बजकर 32 मिनट कर भारत में स्पर्श करेगा. इसी को देखते हुए 16 जुलाई की शाम 4 बजकर 37 मिनट से भगवान बदरीविशाल के कपाट पूरी तरह बंद कर दिए जाएंगे. जो 17 जुलाई सुबह 6 बजे अभिषेक और पूजा अर्चना के साथ फिर से खोले जाएंगे.

चंद्र ग्रहण के चलते 16 जुलाई को बंद रहेंगे बदरीनाथ धाम के कपाट.

बदरीनाथ धाम के धर्माधिकारी भुवन चंद्र उनियाल ने बताया कि चंद्रग्रहण होने से 9 घंटे पहले सूतक लग जाता है. जिसके चलते भगवान बदरीनाथ की सभी पूजायें सूतक लगने से पहले संपन्न कर ली जाएंगी. 17 जुलाई की सुबह 6 बजे भगवान बदरीनाथ के मंदिर समेत परिसर की साफ सफाई की जाएगी. जिसके बाद कपाट खुलने पर भगवान बदरीनाथ की अभिषेक और पूजा प्रारंभ की जाएगी. साथ ही आम श्रद्धालु भगवान बदरीविशाल के दर्शन कर सकेंगे.

भृगु ज्योतिष एवं मंत्र साधना केंद्र नंदप्रयाग के पंडित शंभू प्रसाद पांडे ने बताया कि 16 जुलाई को शाम 4 बजकर 37 मिनट पर ग्रहण का सूतक प्रारंभ हो जाएगा और 17 जुलाई की सुबह 4 बजकर 32 मिनट पर चंद्रग्रहण का पृथ्वी से मोक्ष हो जाएगा. उन्होंने बताया कि सूतक लगने के बाद भोजन और जलग्रहण नहीं करना चाहिए.

ये भी पढ़ेंः निरीक्षक और उप निरीक्षकों के हुए तबादले, यहां देखें पूरी लिस्ट

हालांकि, बच्चे, बुजुर्ग और बीमार व्यक्ति भोजन में हरी दूब (कुसा) के पत्तों को डालकर भोजन कर सकते है. साथ ही गर्भवती महिलाओं को ग्रहण के दौरान चंद्रग्रहण के दर्शन नहीं करने चाहिए. यह चंद्रग्रहण भारत के साथ अलग-अलग समय में अमेरिका, पेरु, कोलंबिया आदि देशों में भी दिखाई देगा.

साथ ही उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि चंद्रग्रहण से मवेशियों में खुरपका रोग होने की संभावनाएं बढ़ सकती है. ग्रहण के बाद सूती वस्त्रों में भी बढ़ोतरी होने की संभावनाएं हैं. भारत में ग्रहण का कष्टकारी प्रभाव रहेगा. यह ग्रहण तुला राशि, कुंभ राशि और मीन राशि के जातकों के लिए फलदायी रहेगा, लेकिन अन्य 9 राशियों के लिए चंद्रग्रहण फलदायी साबित नहीं हो पायेगा.

चमोलीः आगामी 16 जुलाई को चंद्र ग्रहण लगने जा रहा है. जिसका असर भारत में भी देखने को मिलेगा. ग्रहण रात के एक बजकर 37 मिनट से सुबह 4 बजकर 32 मिनट कर भारत में स्पर्श करेगा. इसी को देखते हुए 16 जुलाई की शाम 4 बजकर 37 मिनट से भगवान बदरीविशाल के कपाट पूरी तरह बंद कर दिए जाएंगे. जो 17 जुलाई सुबह 6 बजे अभिषेक और पूजा अर्चना के साथ फिर से खोले जाएंगे.

चंद्र ग्रहण के चलते 16 जुलाई को बंद रहेंगे बदरीनाथ धाम के कपाट.

बदरीनाथ धाम के धर्माधिकारी भुवन चंद्र उनियाल ने बताया कि चंद्रग्रहण होने से 9 घंटे पहले सूतक लग जाता है. जिसके चलते भगवान बदरीनाथ की सभी पूजायें सूतक लगने से पहले संपन्न कर ली जाएंगी. 17 जुलाई की सुबह 6 बजे भगवान बदरीनाथ के मंदिर समेत परिसर की साफ सफाई की जाएगी. जिसके बाद कपाट खुलने पर भगवान बदरीनाथ की अभिषेक और पूजा प्रारंभ की जाएगी. साथ ही आम श्रद्धालु भगवान बदरीविशाल के दर्शन कर सकेंगे.

भृगु ज्योतिष एवं मंत्र साधना केंद्र नंदप्रयाग के पंडित शंभू प्रसाद पांडे ने बताया कि 16 जुलाई को शाम 4 बजकर 37 मिनट पर ग्रहण का सूतक प्रारंभ हो जाएगा और 17 जुलाई की सुबह 4 बजकर 32 मिनट पर चंद्रग्रहण का पृथ्वी से मोक्ष हो जाएगा. उन्होंने बताया कि सूतक लगने के बाद भोजन और जलग्रहण नहीं करना चाहिए.

ये भी पढ़ेंः निरीक्षक और उप निरीक्षकों के हुए तबादले, यहां देखें पूरी लिस्ट

हालांकि, बच्चे, बुजुर्ग और बीमार व्यक्ति भोजन में हरी दूब (कुसा) के पत्तों को डालकर भोजन कर सकते है. साथ ही गर्भवती महिलाओं को ग्रहण के दौरान चंद्रग्रहण के दर्शन नहीं करने चाहिए. यह चंद्रग्रहण भारत के साथ अलग-अलग समय में अमेरिका, पेरु, कोलंबिया आदि देशों में भी दिखाई देगा.

साथ ही उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि चंद्रग्रहण से मवेशियों में खुरपका रोग होने की संभावनाएं बढ़ सकती है. ग्रहण के बाद सूती वस्त्रों में भी बढ़ोतरी होने की संभावनाएं हैं. भारत में ग्रहण का कष्टकारी प्रभाव रहेगा. यह ग्रहण तुला राशि, कुंभ राशि और मीन राशि के जातकों के लिए फलदायी रहेगा, लेकिन अन्य 9 राशियों के लिए चंद्रग्रहण फलदायी साबित नहीं हो पायेगा.

Intro:16 जुलाई को रात एक बजकर 37 मिनट से प्रातः 4:00 बजकर 32 मिनट तक चंद्रग्रहण का भारत में स्पर्श है । जिसका असर भारत में भी देखने को मिलेगा। ग्रहण से पहले लगने वाले सूतक के कारण ग्रहण के 9 घंटे पहले यानी 16 जुलाई को शाम 4:00 बजकर 37 मिनट को भगवान बद्रीविशाल के कपाट पूरी तरह बंद कर दिए जाएंगे।


Body:बद्रीनाथ धाम के धर्माधिकारी भुवन चंद्र उनियाल ने बताया कि चंद्रग्रहण होने से 9 घंटे पहले सूतक लग जाता है। जिसके चलते भगवान बदरीनाथ की सभी पूजाये सूतक लगने से पहले सम्पन्न कर ली जाएंगी ।17 जुलाई को सुबह 6:00 बजे भगवान बद्रीनाथ के मंदिर सहित परिसर की साफ सफाई के बाद कपाट खुलने पर भगवान बद्रीनाथ की अभिषेक पूजा प्रारंभ की जाएगी।जिसके बाद आम श्रदालू भगवान बद्रीविशाल के दर्शन कर पाएंगे।


Conclusion:भृगु ज्योतिष एव मंत्र साधना केंद्र (नंदप्रयाग)के पंडित शंभू प्रसाद पांडे ने बताया की 17 जुलाई सुबह 4:00 बजकर 32 मिनट पर चंद्रग्रहण का पृथ्वी से मोक्ष हो जाएगा। उन्होंने बताया कि 16 जुलाई को सांय 4 बजकर 37 मिनट पर ग्रहण का सूतक प्रारंभ हो जाएगा।सूतक लगने के बाद भोजन एवं जलग्रहण नहीं करना चाहिए।हालांकि बच्चे ,बुजुर्ग ,और बीमार व्यक्ति भोजन में हरी दूब(कुसा)के पत्तो को डालकर भोजन कर सकते है। साथ ही गर्भवती महिलाओं को ग्रहण के दौरान चंद्रग्रहण के दर्शन नहीं करने चाहिए। यह चन्द्रग्रहण भारत के साथ साथ अलग अलग समय मे अमेरिका ,पेरु, कोलंबिया आदि देशों में भी दिखाई देगा।

साथ ही उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि चंद्रग्रहण से मवेशियों में खुरपका रोग होने की संभावनाएं बढ़ सकती है।और ग्रहण के बाद सूती वस्त्रों में भी बढ़ोतरी होने की संभावनाएं है । भारत में ग्रहण का कष्टकारी प्रभाव रहेगा। यह ग्रहण तुला राशि कुंभ राशि मीन राशि के जातको के लिए फलदाई रहेगा।लेकिन अन्यत्र 9 राशियों के लिए यह चंद्रग्रहण फलदाई साबित नही हो पायेगा।
Last Updated : Jul 14, 2019, 4:12 PM IST
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