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आशा वर्कर्स ने 21 सूत्रीय मांगों को लेकर DM को सौंपा ज्ञापन - चमोली न्यूज

चमोली में आशा वर्कर्स ने गोपेश्वर बस स्टैंड पर एकत्रित होकर डीएम कार्यालय परिसर में प्रदर्शन किया. वहीं, 21 सूत्रीय मांग को लेकर चमोली डीएम को ज्ञापन सौंपा.

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आशा कार्यकत्रियों का विरोध
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Published : Jul 24, 2020, 9:21 PM IST

चमोली: आशा वर्कर्स ने 21 सूत्रीय मांगों को लेकर जिलाधिकारी कार्यालय परिसर में प्रदर्शन किया. इस दौरान आशा कार्यकत्रियों ने डीएम के माध्यम से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ज्ञापन भेजा है. वहीं, आशा वर्कर्स का कहना है कि कोरोना संकट के इस दौर में आशाएं फ्रंटलाइन में काम कर रही है. सरकार से 18 हजार रुपये प्रतिमाह वेतन करने की मांग की है.

आशा वर्कर्स ने गोपेश्वर बस स्टैंड से एकत्रित होकर डीएम कार्यालय परिसर में जमकर प्रदर्शन किया. वहीं, जिला मंत्री सुनीता राणा ने कहा कि आशा वर्कर्स को प्राथमिक चिकित्सा से लेकर कल्याणकारी योजनाओं में सेवा देती हैं. कोरोना के इस संकट काल मे फ्रंटलाइन में रहकर कार्य किया जा रहा हैं. अभी तक उन्हें सम्मानजनक मानदेय नहीं मिल रहा है.

पढ़ें: रामनगर: झिरना रेंज में मिला बाघ के शावक का शव, जांच में जुटा वन विभाग

संगठन की जिलाध्यक्ष पवित्रा बिष्ट ने कहा है कि आशा वर्कर्स फ्रंटलाइन में रहकर कोरोना के इस संकट काल में कार्य कर रही है, लेकिन कोरोना से बचाव को लेकर उनको कोई भी उपकरण नहीं दिए गए है. मार्च माह से अभी तक कोरोना संक्रमण से बचाव के नाम पर आशाओं को एक-एक मास्क दिया गया है. जिस कारण प्रदेश में छह आशाएं कोरोना संक्रमित हुईं हैं. उन्होंने आशाओं का मानदेय 18 हजार रुपए करने की मांग की है.

चमोली: आशा वर्कर्स ने 21 सूत्रीय मांगों को लेकर जिलाधिकारी कार्यालय परिसर में प्रदर्शन किया. इस दौरान आशा कार्यकत्रियों ने डीएम के माध्यम से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ज्ञापन भेजा है. वहीं, आशा वर्कर्स का कहना है कि कोरोना संकट के इस दौर में आशाएं फ्रंटलाइन में काम कर रही है. सरकार से 18 हजार रुपये प्रतिमाह वेतन करने की मांग की है.

आशा वर्कर्स ने गोपेश्वर बस स्टैंड से एकत्रित होकर डीएम कार्यालय परिसर में जमकर प्रदर्शन किया. वहीं, जिला मंत्री सुनीता राणा ने कहा कि आशा वर्कर्स को प्राथमिक चिकित्सा से लेकर कल्याणकारी योजनाओं में सेवा देती हैं. कोरोना के इस संकट काल मे फ्रंटलाइन में रहकर कार्य किया जा रहा हैं. अभी तक उन्हें सम्मानजनक मानदेय नहीं मिल रहा है.

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संगठन की जिलाध्यक्ष पवित्रा बिष्ट ने कहा है कि आशा वर्कर्स फ्रंटलाइन में रहकर कोरोना के इस संकट काल में कार्य कर रही है, लेकिन कोरोना से बचाव को लेकर उनको कोई भी उपकरण नहीं दिए गए है. मार्च माह से अभी तक कोरोना संक्रमण से बचाव के नाम पर आशाओं को एक-एक मास्क दिया गया है. जिस कारण प्रदेश में छह आशाएं कोरोना संक्रमित हुईं हैं. उन्होंने आशाओं का मानदेय 18 हजार रुपए करने की मांग की है.

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