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वन भूमि पर कब्जा जमाने के लिए काटे गए 50 हरे पेड़, एक महीने बाद भी अधिकारियों ने नहीं ली सुध

चमोली जनपद के वाण गांव के ही कुछ ग्रामीणों के द्वारा वन भूमि पर कब्जा जमाने के लिए 50 से अधिक हरे पेड़ काट दिए. जिसके एक माह बाद मामले पर उप वन संरक्षक अमित कंवर की तरफ से वन विभाग के देवाल रेंज के अधिकारियों से पेड़ काटे जाने की रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा गया है.

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Published : Jul 5, 2019, 2:56 PM IST

Updated : Jul 5, 2019, 10:42 PM IST

वन भूमि पर कब्जा जमाने के लिए काटे गए 50 हरे पेड.

चमोली: बदरीनाथ वन प्रभाग की सीमा के अंतर्गत देवाल विकासखंड के वाण गांव में 50 से अधिक हरे पेड़ काटने का मामला सामने आया है. जानकारी के मुताबिक ये पेड़ वाण गांव के ही कुछ ग्रामीणों के द्वारा वन भूमि पर कब्जा जमाने के लिए काटे गए हैं. एक माह पूर्व 50 से अधिक हरे पेड़ काटे जाने के बावजूद भी वन महकमा आंखें मूंदकर बैठा हुआ है. वहीं उप वन संरक्षक अमित कंवर ने मामले की रिपोर्ट तलब की है.

जानकारी के अनुसार मामला एक माह पुराना बताया जा रहा है. जहां लाटू देवता मंदिर के आसपास 50 पेड़ों को काट दिया गया. इसमें इमारती लकड़ियों, बुरांस आदि के पेड़ शामिल थे. मामले को लेकर वन क्षेत्राधिकारी त्रिलोक बिष्ट से बात की गई तो उन्होंने बताया कि वाण गांव में पेड़ काटे जाने का मामला संज्ञान में नहीं है. जबकि वाण गांव में पेड़ों की कटान को एक माह से अधिक समय बीत चुका है.

गांव के कुछ ग्रामीणों का कहना है कि वन विभाग के अधिकारी कभी गांव का दौरा नहीं करते हैं. जबकि पेड़ काटे जाने की सूचना गांव के वन विभाग द्वारा नियुक्त चौकीदार और वन उप निरीक्षक को भी थी. लेकिन ना तो उनके द्वारा कोई कार्रवाई की गई और ना ही उच्चाधिकारियों को सूचित किया गया.

ये भी पढ़े: पहाड़ी खिसकने से यमुनोत्री हाईवे पर आया मलबा, घंटों जाम में फंसे रहे यात्री

वहीं पूरे मामले पर बदरीनाथ वन प्रभाग के उप वन संरक्षक अमित कंवर का कहना है कि मामला संज्ञान में आने के बाद देवाल क्षेत्र में तैनात वन विभाग के कर्मचारियों को तत्काल मौके पर भेजा गया है. साथ ही वाण गांव में काटे गए पेड़ों की रिपोर्ट मंगवाई गई है. जिसके बाद हरे पेड़ काटने पर दोषी पाए जाने वाले लोगों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी.

चमोली: बदरीनाथ वन प्रभाग की सीमा के अंतर्गत देवाल विकासखंड के वाण गांव में 50 से अधिक हरे पेड़ काटने का मामला सामने आया है. जानकारी के मुताबिक ये पेड़ वाण गांव के ही कुछ ग्रामीणों के द्वारा वन भूमि पर कब्जा जमाने के लिए काटे गए हैं. एक माह पूर्व 50 से अधिक हरे पेड़ काटे जाने के बावजूद भी वन महकमा आंखें मूंदकर बैठा हुआ है. वहीं उप वन संरक्षक अमित कंवर ने मामले की रिपोर्ट तलब की है.

जानकारी के अनुसार मामला एक माह पुराना बताया जा रहा है. जहां लाटू देवता मंदिर के आसपास 50 पेड़ों को काट दिया गया. इसमें इमारती लकड़ियों, बुरांस आदि के पेड़ शामिल थे. मामले को लेकर वन क्षेत्राधिकारी त्रिलोक बिष्ट से बात की गई तो उन्होंने बताया कि वाण गांव में पेड़ काटे जाने का मामला संज्ञान में नहीं है. जबकि वाण गांव में पेड़ों की कटान को एक माह से अधिक समय बीत चुका है.

गांव के कुछ ग्रामीणों का कहना है कि वन विभाग के अधिकारी कभी गांव का दौरा नहीं करते हैं. जबकि पेड़ काटे जाने की सूचना गांव के वन विभाग द्वारा नियुक्त चौकीदार और वन उप निरीक्षक को भी थी. लेकिन ना तो उनके द्वारा कोई कार्रवाई की गई और ना ही उच्चाधिकारियों को सूचित किया गया.

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वहीं पूरे मामले पर बदरीनाथ वन प्रभाग के उप वन संरक्षक अमित कंवर का कहना है कि मामला संज्ञान में आने के बाद देवाल क्षेत्र में तैनात वन विभाग के कर्मचारियों को तत्काल मौके पर भेजा गया है. साथ ही वाण गांव में काटे गए पेड़ों की रिपोर्ट मंगवाई गई है. जिसके बाद हरे पेड़ काटने पर दोषी पाए जाने वाले लोगों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी.

Intro:चमोली जनपद में स्थित बदरीनाथ बन प्रभाग के सीमान्तर्गत देवाल विकासखंड के वाण गांव में 50 से अधिक हरे पेड़ काटने का मामला सामने आया है ।जानकारी के मुताबिक यह पेड़ वाण गांव के ही कुछ ग्रामीणों के द्वारा वन भूमि पर कब्जा जमाने के लिए काटे गए है।एक माह पूर्व 50 से अधिक हरे पेड काटे जाने के बावजूद भी वन महकमा आंखे मूंदकर बैठा हुआ है ।मामले पर उप वन संरक्षक बदरीनाथ अमित कंवर की तरफ से वन विभाग के देवाल रेंज के अधिकारियों से पेड़ काटे जाने की रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा गया है । विस्वल मेल से भेजे है।


Body:मामला एक माह पुराना बताया जा रहा है ,देवाल विकासखंड स्थित वाण गांव का जंगल बद्रीनाथ वन प्रभाग के अंतर्गत आता है ।यंहा पर लाटू देवता मंदिर के आसपास ईमारती लकड़ियों के पेड़ों ,बुरांस, सुराई,सहित अन्य 50 से अधिक पेड़ो को बगैर वन विभाग को सूचना दिए काटा गया है ।मामले को लेकर वन क्षेत्राधिकारी त्रिलोक बिष्ट से बात की गई तो उन्होंने बताया कि वाण गांव में पेड काटे जाने का मामला संज्ञान में नही है ।जबकि वाण गांव में पेड़ो की कटान को एक माह से अधिक समय बीत चुका है।


Conclusion:गांव के कुछ ग्रामीणों की माने तो उनका कहना है कि वन विभाग के अधिकारी कभी गांव का दौरा करते ही नही है ,जबकि पेड़ काटे जाने की सूचना गांव के वन विभाग द्वारा नियुक्त चौकीदार और वन उप निरीक्षक को भी थी ,लेकिन ना तो उनके द्वारा कोई कार्यवाही की गई और न ही उच्चाधिकारियों को सूचित किया गया। वंही पूरे मामले पर बदरीनाथ वन प्रभाग के उप वन संरक्षक अमित कंवर का कहना है कि मामला संज्ञान में आने के बाद देवाल क्षेत्र में तैनात वन विभाग के कर्मचारियों को तत्काल मौके पर भेजा गया है,साथ ही वाण गांव में काटे गए पेड़ो की रिपोर्ट मंगवाई गई है,जिसके बाद पेड़ हरे पेड़ काटने पर दोषी पाए जाने वाले लोगो पर कड़ी कार्यवाही की जाएगी।
Last Updated : Jul 5, 2019, 10:42 PM IST
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