चमोली: जिला प्रशासन ने भगवान बदरीनाथ परिसर में हिमकाल में रहने वाले तपस्वी साधुओं को वहां रहने के अनुमति जारी कर दी है. जिसमे से इस वर्ष शीतकाल के दौरान 12 साधुओं को चमोली प्रशासन की तरफ से धाम में तप करने की अनुमति मिली है. 21 साधुओं के प्रार्थना पत्र अभी चमोली जिला प्रशासन के पास लंबित हैं. शीतकाल के लिए तप की अनुमति के लिए आवदेन करने वाले साधुओं को प्रशासन की तरफ से मेडिकल जांच करवाने के लिए कहा गया है.
बता दें बदरीनाथ धाम के कपाट बंद होने बाद धाम की सुरक्षा में तैनात पुलिस के जवानों और माणा में आईटीबीपी, सेना के जवानों के अलावा कोई नही रहता. कपाट बंद होने के बाद प्रशासन की अनुमति से कुछ साधु भी धाम में शीतकाल के दौरान तपस्या करते हैं. शीतकाल के लिए तप की अनुमति जारी करने से पूर्व प्रशासन के द्वारा धाम में तपस्या के लिए आवेदन करने वाले साधुओं के पहचान सम्बन्धित दस्तावेज और एलआईयू की जांच भी करवाई जाती है. जिसके बाद ही स्वास्थ्य परीक्षण के बाद साधुओं को धाम में तप करने की अनुमति प्रदान की जाती है.
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बदरीनाथ धाम में शीतकाल के दौरान चारों तरफ 8 से लेकर 10 फ़ीट तक बर्फ जमी रहती है. इसी बर्फ के बीच शांति में साधु धाम तप करते हैं. प्रतिवर्ष साधुओं को शीतकाल के लिए धाम में तप करने की अनुमति लेनी होती है. भगवान बदरी विशाल के कपाट बंद होने के बाद बगैर ज़िला प्रशासन की अनुमति के हनुमान चट्टी से आगे सेना और आईटीबीपी को छोड़कर किसी को भी आगे नहीं जाने दिया जाता है.