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राहुल गांधी की जनसभा में नहीं दिखी उम्मीद के अनुरूप भीड़, कुर्सियां रहीं खाली

परेड ग्रांउड में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की रैली में उम्मीद के अनुरूप भीड़ नहीं पहुंची.इस रैली ने कांग्रेसियों की चिंता बढ़ा दी है.कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के लिए यह दौरा काफी अहम माना जा रहा था. लोकसभा चुनाव 2019 के प्रचार अभियान के तहत राहुल गांधी का यह पहला दौरा था.

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Published : Mar 16, 2019, 2:23 PM IST

राहुल गांधी की जनसभा

देहरादूनः राजधानी के परेड ग्रांउड में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की रैली में उम्मीद के अनुरूप भीड़ नहीं पहुंची. रैली के पहले कांग्रेसी नेताओं ने बडे़-बड़े दावे किए थे. भीड़ के कम पहुंचने से कांग्रेसियों के दावों की पोल खुल गई. रैली को सफल बनाने के लिए कांग्रेसियों ने पूरी ताकत झोंक दी थी. करीब 10 दिनों से इस संबंध में तैयारियां चल रहीं थीं. परेड ग्रांउड में खाली कुर्सियां दिखने से कांग्रेसी नेताओं की सांसें अटकी रहीं. यहां अनेक लोगों को यह भी नहीं पता था कि किसकी रैली में वे आए हैं. पूछने पर वे राहुल गांधी के बजाए अन्य किसी किसी नेता का नाम ले रहे थे.

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के लिए यह दौरा काफी अहम माना जा रहा था. लोकसभा चुनाव 2019 के प्रचार अभियान के तहत राहुल गांधी का यह पहला दौरा था. राहुल गांधी ने देहरादून से प्रचार अभियान शुरु करने का निर्णय लिया था. ऐसे में इस रैली ने कांग्रेसियों की चिंता बढ़ा दी है.

राहुल गांधी की रैली में उम्मीद के अनुरूप भीड़ नहीं पहुंची

राहुल गांधी की जनसभा को सफल बनाने के लिए स्वयं प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह, नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश से लेकर राज्य के तमाम बड़े कांग्रेसी नेताओं ने पूरे राज्य में बैठक व सभाएं लीं थीं. राहुल गांधी की जनसभा को सफल बनाने के लिए राज्य के कांग्रेसी नेताओं ने कोई कसर नहीं छोड़ी थी. सभा स्थल पर बड़ी संख्या में खाली पड़ी कुर्सियां ने नेताओं के दावे हवा में उड़ा दिए.

देहरादूनः राजधानी के परेड ग्रांउड में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की रैली में उम्मीद के अनुरूप भीड़ नहीं पहुंची. रैली के पहले कांग्रेसी नेताओं ने बडे़-बड़े दावे किए थे. भीड़ के कम पहुंचने से कांग्रेसियों के दावों की पोल खुल गई. रैली को सफल बनाने के लिए कांग्रेसियों ने पूरी ताकत झोंक दी थी. करीब 10 दिनों से इस संबंध में तैयारियां चल रहीं थीं. परेड ग्रांउड में खाली कुर्सियां दिखने से कांग्रेसी नेताओं की सांसें अटकी रहीं. यहां अनेक लोगों को यह भी नहीं पता था कि किसकी रैली में वे आए हैं. पूछने पर वे राहुल गांधी के बजाए अन्य किसी किसी नेता का नाम ले रहे थे.

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के लिए यह दौरा काफी अहम माना जा रहा था. लोकसभा चुनाव 2019 के प्रचार अभियान के तहत राहुल गांधी का यह पहला दौरा था. राहुल गांधी ने देहरादून से प्रचार अभियान शुरु करने का निर्णय लिया था. ऐसे में इस रैली ने कांग्रेसियों की चिंता बढ़ा दी है.

राहुल गांधी की रैली में उम्मीद के अनुरूप भीड़ नहीं पहुंची

राहुल गांधी की जनसभा को सफल बनाने के लिए स्वयं प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह, नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश से लेकर राज्य के तमाम बड़े कांग्रेसी नेताओं ने पूरे राज्य में बैठक व सभाएं लीं थीं. राहुल गांधी की जनसभा को सफल बनाने के लिए राज्य के कांग्रेसी नेताओं ने कोई कसर नहीं छोड़ी थी. सभा स्थल पर बड़ी संख्या में खाली पड़ी कुर्सियां ने नेताओं के दावे हवा में उड़ा दिए.

Intro:Uk_kotdwara 16 march2019 sad ke Adesho ki awelhna

एंकर- 8 जनवरी को जसोधरपुर सिडकुल स्थित पी एल प्राइवेट लिमिटेड फैक्ट्री में हुए ब्लास्ट के दौरान दो लोगों की मौत और 2 लोगों के घायल होने के कारण तत्कालीन उप जिला अधिकारी के द्वारा सहायक श्रम आयुक्त और तहसीलदार को जांच के आदेश दिए थे जांच में फैक्ट्री में श्रम कानूनों की उल्लंघन के कई मामले सामने आए थे जिसमें कि तत्कालीन उप जिलाधिकारी ने उक्त फैक्ट्री को अग्रिम आदेश तक बंद रहने के लिए कोटद्वार कोतवाली को निर्देशित किया था लेकिन फैक्ट्री मालिक की राजनीति पहुंचे और पुलिस की सांठगांठ से बिना उपजिलाधिकारी के आदेश से फैक्ट्री को वर्तमान में सुचारू रूप से चालू करवा दिया गया , जिसका खुलासा सूचना के अधिकार में हुआ,

चालू फैक्ट्री के संबंध में उपजिलाधिकारी को नहीं है जानकारी, जांच के दौरान फैक्ट्री मालिक के राजनीति पहुंच होने के कारण दो उपजिलाधिकारी सहित सहायक श्रम आयुक्त तक का हुआ है हस्तांतरण, श्रम आयुक्त और तहसीलदार ने फैक्ट्री में श्रम कानून के तहत कई खामियां मिलने की जांच रिपोर्ट सौंपी थी उप जिलाधिकारी कोटद्वार को, जांच रिपोर्ट के बाद पीएल प्राइवेट लिमिटेड पर लटक सकता था ताला जिसके ख़ौफ से फैक्ट्री प्रबंधक मैं अपनी राजनीति पहुंच दिखाकर जांच में व्यवधान के लिए कई अधिकारियों का करवा दिया था ट्रांसफर।



Body:वीओ1- गत 8 जनवरी को मंगलवार शाम को जसोधरपुर स्थित पीएल प्राईवेट लिमिटेड फैक्ट्री में अचानक धमाका हो गया जिसमें बिजनौर जनपद के रानू 24 पुत्र विजेंदर व बिहार के अररिया जनपद के ग्राम सिसौना निवासी 26 वर्षीय अफरोज उर्फ नानू पुत्र बदरुद्दीन की मौके पर मौत हो गई थी, जबकि शादाब और सुनील बुरी तरह इस घटना में घायल हो गए थे,

जिसके बाद उपजिलाधिकारी कोटद्वार ने मौके पर पहुंचकर तहसीलदार और श्रम आयुक्त वह पुलिस को जांच के आदेश जारी किये थे और अग्रिम आदेशों तक फैक्ट्री को पूर्ण रूप से बंद रखने की आदेश भी जारी किए थे, धमाके के बाद सभी अधिकारियों ने अपनी जांच रिपोर्ट उपजिलाधिकारी को प्रेषित की थी जिसमें कि कई खामियां पाई गई थी लेकिन फैक्ट्री मालिक की राजनीति पहुंचाने के कारण जांच में व्यवधान पहुंचाने के लिए और कार्यवाही से बचने के लिए उप जिलाधिकारी से लेकर सहायक श्रमायुक्त तक के ट्रांसफर करवा दिए गए।

सूचना के अधिकार में पता चला कि तत्कालीन उप जिला अधिकारी कमलेश मेहता ने कोटद्वार कोतवाली को अग्रिम आदेशों तक फैक्ट्री को बंद रखने के आदेश जारी किए थे लेकिन खोलने की कोई भी आदेश नहीं जारी किए थे

फैक्ट्री में इन नियम कानूनी का हुवा था उल्लंघन -

न्यूनतम वेतन अधिनियम 1948, वेतन भुगतान अधिनियम 1936, औद्योगिक नियोजन (स्थाई आदेश)अधिनियम 1946 एवं नियमावली 1946, संविदा श्रम अधिनियम 1970, कारखाना अधिनियम 1948, बोनस भुगतान अधिनियम 2015, अंतराज्यीय प्रवास कर्मकार अधिनियम 1979 नियमावली 1983 व अनुतोषिक भुगतान अधिनियम 1972 अधिनियम का उल्लंघन किया गया था,

साथ ही कर्मचारियों के लिए सुरक्षा किट, फर्स्ट एड बॉक्स,दुर्घटना की स्थिति में प्रबंधक द्वारा कोई संतोषजनक उत्तर न देना, पीएफ व ई एस आई सी की सुविधा ना कर्मचारियों को देना, कंपनी में कोई भी तकनीकी दक्ष डिप्लोमा होल्डर नहीं होना जैसी कई खामियां जांच में पाई गई थी


Conclusion:वीओ2- वहीं सूचना के अधिकार में मांगी गई सूचना में पाया गया कि तत्कालीन उप जिलाधिकारी महोदय ने तहसीलदार कोटद्वार की जांच आख्या पर फैक्ट्री को अग्रिम आदेश तक बंद करने के आदेश दिए थे उसके बाद सहायक श्रम आयुक्त की टीम के द्वारा भी जांच की गई और जांच में पाया गया कि इस फैक्टरी के द्वारा कई नियम कानूनों का उल्लंघन किया गया है वह चलाने जाए जाने योग्य नहीं है सूचना के अधिकार में पायी गयीं प्रतिलिपि में वह आदेश कहीं भी नहीं है कि जिससे की फैक्ट्री को सुचारू रूप से चालू करवा दिया जाए वर्तमान में फैक्ट्री चलाई जा रही है जो कि अवैधानिक है यह फैक्ट्री कैसे चल रही है थानाध्यक्ष महोदय बताएंगे क्योंकि बंद करने के आदेश उपजिलाधिकारी के द्वारा थाना अध्यक्ष कोटद्वार को जारी किए गए थे

बाइट मुजीब नैथानी सूचना मांगने वाला व्यक्ति

वीओ 3- वही पूरे मामले पर उपजिलाधिकारी मनीष कुमार का कहना है कि फैक्ट्री के संबंध में मेरे द्वारा पूरा पत्रावली देखी गई है उस में पाया गया कि तत्कालीन उप जिला अधिकारी कमलेश मेहता के द्वारा प्रभारी निरीक्षक को अग्रिम आदेशों तक फैक्ट्री को बंद करने के आदेश जारी किए गए थे मेरे द्वारा इसका परीक्षण किया जाएगा क्योंकि यह विभाग श्रम विभाग के अधीन है पोलूशन कंट्रोल विभाग का मामला है उनके स्तर पर ही कार्रवाई की जानी चाहिए थी मेरे द्वारा यह भी देखा जाएगा कि कि वर्तमान में उपजिलाधिकारी के आदेशों का अनुपालन कराने योग्य इस स्तर पर है या नहीं

बाइट मनीष कुमार उपजिलाधिकारी कोटद्वार।

पी टू सी विकाश वर्मा
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