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मानसून के पहले ही नगर निगम के दावों की पोल खुली, कुछ घंटे की बारिश में शहर हुआ पानी-पानी

राजधानी में मानसून के इंजजामों को लेकर नगर निगम के दावे हवा हवाई साबित हो रहे है. पिछले एक महीने से नगर निगम प्रशासन नालों की सफाई के लिए बड़े बड़े दावे कर रही है लेकिन बीती रात आई दो घंटे की बारिश ने नगर निगम की सभी पोल खोल दी.

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Published : Jul 3, 2019, 8:06 AM IST

जल भराव

देहरादून: प्रदेश में मानसून अपनी दस्तक दे चुका है और गनीमत यह है है इस बार मानसून अपने निर्धारित समय से करीब एक महीने की देरी से उत्तराखंड पहुंचा है. अभी मानसून की बारिश की झड़ी भी नहीं लगी है है और नगर निगम के सभी दावे फेल होते हुए नजर आ रहे हैं. अगर बात करें राजधानी देहरादून की तो महज 2 घंटे की बारिश से यह हाल हो गया कि सड़कों के साथ मंदिरों तक में पानी का सैलाब देखने को मिल रहा है.

शहर में कुछ घंटे की बारिश बनी मुसीबत

एक तरफ जहां सरकारें पर्यटन और धर्म नगरी के रूप में उत्तराखंड को विकसित करने की बात करती हैं तो वहीं 1842 से स्थापित प्राचीन भद्रा काली मंदिर का यह हाल है कि हर साल बरसात में मंदिर की दुर्दशा ऐसी हो जाती है मानों यहां नदी बह रही हो.

ऐसे में नगर निगम के सभी दावे साफ दिखते हुए नजर आ रहे है कि चाहे ड्रेनेज सिस्टम हो या नाली की सफाई कितनी सुचारू रूप से चल रही है.
पिछले एक महीने से नगर निगम प्रशासन नालों की सफाई के लिए बड़े बड़े दावे कर रही है लेकिन बीती रात आई दो घंटे की बारिश ने नगर निगम की सभी पोल खोल दी वहीं नगर निगम प्रशासन ने अपने देहरादून के सफाई कर्मचारियों पर काम के प्रति विश्वाश न करके मुरादाबाद से लेबर नालियों को खोलने के लिए बुला रखा है.

यहां के कर्मचारियों को नगर निगम प्रशसन की तरफ से काम नहीं मिल पा रहा है और सफाई कर्मचारी प्रदर्शन कर आंदोलनरत होने की धमकी दे रहे हैं. हालंकि नगर निगम प्रशासन ने बरसात आने से पहले मुरादाबाद से लेबर बुलाकर शहर के सभी नालों को खोल दिया है फिर मंदिरों और सड़कों पर पहली बारिश से पानी भर गया है और अगर इस तरह की तैयारी नगर निगम प्रशसन ने बरसात से पहले की है तो शहरवासियों को बरसात में काफी दिक्क्तों का समाना करना पड़ सकता है.

यह भी पढ़ेंः कैलाश मानसरोवर यात्रा का छठा दल पहुंचा काठगोदाम, कुमाउंनी ढंग से किया स्वागत

देहरादून मेयर सुनील उनियाल गामा ने सफाई देते हुए बताया कि बरसात शुरू हो चुकी है और बरसात आने से पहले मई में ही जिलाधिकारी, नगर आयुक्त और वीसी के साथ बैठक करके तैयारी की थी. नालों को कैसे खोलें उसके लिए मुरादाबाद की लेबर बुला रखी है.

काफी हद तक इस बार नाले खोले हैं फिर भी जहां-जहां शिकायत आ रही है उसका निराकरण किया जा रहा है. साथ ही सुबह भी बरसात के कारण मंदिर में पानी भर गया था. सूचना मिलते ही अधिकारियों को मौके पर भेजा गया था और जहां भी इस तरह की समस्या आती है तो एक हेल्पलाइन नगर निगम के माध्यम जारी किया है. अगर किसी को शिकायत हो तो इस हेल्पलाइन के जरिये सम्पर्क कर सकता है.

देहरादून: प्रदेश में मानसून अपनी दस्तक दे चुका है और गनीमत यह है है इस बार मानसून अपने निर्धारित समय से करीब एक महीने की देरी से उत्तराखंड पहुंचा है. अभी मानसून की बारिश की झड़ी भी नहीं लगी है है और नगर निगम के सभी दावे फेल होते हुए नजर आ रहे हैं. अगर बात करें राजधानी देहरादून की तो महज 2 घंटे की बारिश से यह हाल हो गया कि सड़कों के साथ मंदिरों तक में पानी का सैलाब देखने को मिल रहा है.

शहर में कुछ घंटे की बारिश बनी मुसीबत

एक तरफ जहां सरकारें पर्यटन और धर्म नगरी के रूप में उत्तराखंड को विकसित करने की बात करती हैं तो वहीं 1842 से स्थापित प्राचीन भद्रा काली मंदिर का यह हाल है कि हर साल बरसात में मंदिर की दुर्दशा ऐसी हो जाती है मानों यहां नदी बह रही हो.

ऐसे में नगर निगम के सभी दावे साफ दिखते हुए नजर आ रहे है कि चाहे ड्रेनेज सिस्टम हो या नाली की सफाई कितनी सुचारू रूप से चल रही है.
पिछले एक महीने से नगर निगम प्रशासन नालों की सफाई के लिए बड़े बड़े दावे कर रही है लेकिन बीती रात आई दो घंटे की बारिश ने नगर निगम की सभी पोल खोल दी वहीं नगर निगम प्रशासन ने अपने देहरादून के सफाई कर्मचारियों पर काम के प्रति विश्वाश न करके मुरादाबाद से लेबर नालियों को खोलने के लिए बुला रखा है.

यहां के कर्मचारियों को नगर निगम प्रशसन की तरफ से काम नहीं मिल पा रहा है और सफाई कर्मचारी प्रदर्शन कर आंदोलनरत होने की धमकी दे रहे हैं. हालंकि नगर निगम प्रशासन ने बरसात आने से पहले मुरादाबाद से लेबर बुलाकर शहर के सभी नालों को खोल दिया है फिर मंदिरों और सड़कों पर पहली बारिश से पानी भर गया है और अगर इस तरह की तैयारी नगर निगम प्रशसन ने बरसात से पहले की है तो शहरवासियों को बरसात में काफी दिक्क्तों का समाना करना पड़ सकता है.

यह भी पढ़ेंः कैलाश मानसरोवर यात्रा का छठा दल पहुंचा काठगोदाम, कुमाउंनी ढंग से किया स्वागत

देहरादून मेयर सुनील उनियाल गामा ने सफाई देते हुए बताया कि बरसात शुरू हो चुकी है और बरसात आने से पहले मई में ही जिलाधिकारी, नगर आयुक्त और वीसी के साथ बैठक करके तैयारी की थी. नालों को कैसे खोलें उसके लिए मुरादाबाद की लेबर बुला रखी है.

काफी हद तक इस बार नाले खोले हैं फिर भी जहां-जहां शिकायत आ रही है उसका निराकरण किया जा रहा है. साथ ही सुबह भी बरसात के कारण मंदिर में पानी भर गया था. सूचना मिलते ही अधिकारियों को मौके पर भेजा गया था और जहां भी इस तरह की समस्या आती है तो एक हेल्पलाइन नगर निगम के माध्यम जारी किया है. अगर किसी को शिकायत हो तो इस हेल्पलाइन के जरिये सम्पर्क कर सकता है.

Intro:प्रदेश में मानसून अपनी दस्तक दे चुका है और गनीमत यह है है इस बार मानसून अपने निर्धारित समय से करीब एक महीने की देरी से उत्तराखंड पहुंचा अभी मानसून की बारिश की झड़ी भी नही लगी है है और नगर निगम के सभी दावे फेल होते हुए नजर आ रहे है अगर बात करे राजधानी देहरादून की तो मजह 2 घंटे की बारिश से यह हाल हो गया कि सड़को के साथ मंदिरों तक मैं पानी का सैलाब देखने को मिल रहा है एक तरफ जहां सरकारे पर्यटन और धर्म नगरी के रूप में उत्तराखंड को विकसित करने की बात करती है तो वहीं 1842 से स्थापित प्राचीन भद्रा काली मंदिर का यह हाल है कि हर साल बरसात में मंदिर की दुर्दशा ऐसी हो जाती है मानो यहां नदी बह रही हो ऐसे में नगर निगम के सभी दावे साफ दिखते हुए नजर आ रहे है कि चाहे ड्रेनेज सिस्टम हो या नाली की सफाई कितनी सुचारू रूप से चल रही है!
Body:पिछले एक महीने से नगर निगम प्रशासन नालो की सफाई के लिए बड़े बड़े दावे कर रही है लेकिन कल रात आई दो घंटे की बारिश ने नगर निगम की सभी पोल खोल दी!वही नगर निगम प्रशासन ने अपने देहरादून के सफाई कर्मचारियों पर काम के प्रति विश्वाश न करके मुरादाबाद से लेबर नालियों को खोलने के लिए बुला रखा है!और यहां के कर्मचारियों को नगर निगम प्रशसन की तरफ से काम नहीं मिल पा रहा है और सफाई कर्मचारी प्रदर्शन कर आंदोलनरत होने की धमकी दे रहे है!हालंकि नगर निगम प्रशासन ने बरसात आने से पहले मुरादाबाद से लेबर बुला कर शहर के सभी नालो को खोल दिया है फिर मंदिरो और सड़को पर पहली बारिश से पानी भर गया है!और अगर इस तरह की नगर निगम प्रशसन ने बरसात से पहले की है तो शहर वासियो को बरसात में काफी दिक्क्तों का समाना करना पड़ सकता है!
Conclusion:देहरादून मेयर सुनील उनियाल गामा ने सफाई देते हुए बताया कि बरसात शुरू हो चुकी है।और बरसात आने से पहले मई में ही जिलाधिकारी,नगर आयुक्त ओर वीसी के साथ बैठक करके तैयारी की थी।और जो नालो की समस्या को कैसे खोले उसके लिए हमने मुरादाबाद की लेबर बुला रखी हैं और काफी हद तक इस बार नाले खोले है।फिर भी जहाँ जहाँ शिकायत आ रही है उसका निर्धारण किया जा रहा है।साथ सुबह भी बरसात के कारण मंदिर में पानी भर गया था।ओर सूचना मिलते ही अधिकारियों को मौके पर भेजा गया था।और जहा भी इस तरह की समस्या आती है तो एक हेल्पलाइन नगर निगम के माध्यम से खोली है।और अगर किसी को शिकायत हो तो इस हेल्पलाइन के जरिये अपना समाधान करा सकता है।

बाइट-सुनील उनियाल गामा(मेयर)
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