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उत्तराखंड बजट सत्र में छाया रहा कूड़ा निस्तारण का मुद्दा, शहरी विकास मंत्री ने दी सफाई

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Published : Feb 20, 2019, 9:54 PM IST

नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश ने सदन में कहा कि कूड़ा निस्तारण को लेकर सरकार की स्थिति बहुत खराब है. हर इलाके में ट्रंचिंग ग्राउंड और सफाई व्यवस्था के लिए कोई काम नहीं किया गया है.

उत्तराखंड बजट सत्र में छाया रहा कूड़ा निस्तारण का मुद्दा

देहरादून: उत्तराखंडबजट सत्र के छठवेंदिन सदन में नगर और पहाड़ी क्षेत्रों में कूड़ा निस्तारण को लेकर जमकर बहस हुई. ट्रंचिंग ग्राउंड को लेकर विपक्ष के साथ-साथ सत्तापक्ष भी इस मुद्दे पर शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक को घेरता नजर आया. नेता प्रतिपक्ष का आरोप है कि अधिकतर इलाकों में सरकार ट्रंचिंग ग्राउंड के लिए भूमि ही उपलब्ध नहीं करवा पाई है.

उत्तराखंड बजट सत्र में छाया रहा कूड़ा निस्तारण का मुद्दा
बुधवार को जहां सदन में बीजेपी विधायक धन सिंह नेगी ने देहरादून के शीशमबाड़ा में बने कूड़ा निस्तारण केंद्र से उठने वाली दुर्गंध की समस्या सामने रखी. वहीं, विधायक सहदेव पुंडीर ने शीशमबाड़ा ट्रंचिंग ग्राउंड के लिए एक समिति गठित कर जांच कराने की मांग की.

पढ़ें-आसाराम को नैनीताल हाई कोर्ट से बड़ा झटका, ऋषिकेश में बने आश्रम को हटाने के आदेश

वहीं, नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश ने सदन में कहा कि कूड़ा निस्तारण को लेकर सरकार की स्थिति बहुत खराब है. हर इलाके में ट्रंचिंग ग्राउंड और सफाई व्यवस्था के लिए कोई काम नहीं किया गया है. सरकार एक तरफ जहां स्वच्छता अभियान के तहत सफाई रखने की बात कर रही है. लेकिन, अभी तक सरकार ने इस दिशा में ऐसा कुछ नहीं किया है.

इसके जवाब में शहरी विकास मंत्री ने कहा कि हमने इन 2 साल के कार्यकाल में बहुत काम किये हैं. हालांकि, 24 निकाय ऐसे हैं जिसमें ट्रंचिंग ग्राउंड के लिए भूमि उपलब्ध नहीं हो पाई है. उन्होंने कहा कि सभी जिलाधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि जल्द ही ट्रंचिंग के लिए भूमि उपलब्ध कराई जाए. मंत्री कौशिक ने कहा कि कैबिनेट बैठक में वेस्ट-टू-एनर्जी की नीति लायी गई है. जिसके तहत सभी ट्रंचिंग ग्राउंड में 24 घंटे कूड़ा निस्तारण का काम चलेगा.

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उन्होंने कहा कि शीशमबाड़ा ट्रंचिंग ग्राउंड मानकों के आधार पर ही बना है. क्योंकि, जहां भी ट्रंचिंग ग्राउंड बनता है. वह मानकों के आधार पर ही बनता है और यदि ट्रंचिंग ग्राउंड में दुर्गंध की समस्या आती है तो इसके लिये निर्देशित किया जाएगा कि ग्राउंड में ज्यादा कूड़ा इकठ्ठा ना होने दिया जाए और 24 घंटे में के भीतर कूड़े का निस्तारण कर लिया जाए.

देहरादून: उत्तराखंडबजट सत्र के छठवेंदिन सदन में नगर और पहाड़ी क्षेत्रों में कूड़ा निस्तारण को लेकर जमकर बहस हुई. ट्रंचिंग ग्राउंड को लेकर विपक्ष के साथ-साथ सत्तापक्ष भी इस मुद्दे पर शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक को घेरता नजर आया. नेता प्रतिपक्ष का आरोप है कि अधिकतर इलाकों में सरकार ट्रंचिंग ग्राउंड के लिए भूमि ही उपलब्ध नहीं करवा पाई है.

उत्तराखंड बजट सत्र में छाया रहा कूड़ा निस्तारण का मुद्दा
बुधवार को जहां सदन में बीजेपी विधायक धन सिंह नेगी ने देहरादून के शीशमबाड़ा में बने कूड़ा निस्तारण केंद्र से उठने वाली दुर्गंध की समस्या सामने रखी. वहीं, विधायक सहदेव पुंडीर ने शीशमबाड़ा ट्रंचिंग ग्राउंड के लिए एक समिति गठित कर जांच कराने की मांग की.

पढ़ें-आसाराम को नैनीताल हाई कोर्ट से बड़ा झटका, ऋषिकेश में बने आश्रम को हटाने के आदेश

वहीं, नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश ने सदन में कहा कि कूड़ा निस्तारण को लेकर सरकार की स्थिति बहुत खराब है. हर इलाके में ट्रंचिंग ग्राउंड और सफाई व्यवस्था के लिए कोई काम नहीं किया गया है. सरकार एक तरफ जहां स्वच्छता अभियान के तहत सफाई रखने की बात कर रही है. लेकिन, अभी तक सरकार ने इस दिशा में ऐसा कुछ नहीं किया है.

इसके जवाब में शहरी विकास मंत्री ने कहा कि हमने इन 2 साल के कार्यकाल में बहुत काम किये हैं. हालांकि, 24 निकाय ऐसे हैं जिसमें ट्रंचिंग ग्राउंड के लिए भूमि उपलब्ध नहीं हो पाई है. उन्होंने कहा कि सभी जिलाधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि जल्द ही ट्रंचिंग के लिए भूमि उपलब्ध कराई जाए. मंत्री कौशिक ने कहा कि कैबिनेट बैठक में वेस्ट-टू-एनर्जी की नीति लायी गई है. जिसके तहत सभी ट्रंचिंग ग्राउंड में 24 घंटे कूड़ा निस्तारण का काम चलेगा.

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उन्होंने कहा कि शीशमबाड़ा ट्रंचिंग ग्राउंड मानकों के आधार पर ही बना है. क्योंकि, जहां भी ट्रंचिंग ग्राउंड बनता है. वह मानकों के आधार पर ही बनता है और यदि ट्रंचिंग ग्राउंड में दुर्गंध की समस्या आती है तो इसके लिये निर्देशित किया जाएगा कि ग्राउंड में ज्यादा कूड़ा इकठ्ठा ना होने दिया जाए और 24 घंटे में के भीतर कूड़े का निस्तारण कर लिया जाए.

Intro:बजट सत्र के छठे दिन सदन में प्रश्नकाल के दौरान भाजपा विधायक धन सिंह नेगी ने कूड़ा निस्तारण किस समस्या को लेकर सवाल किया। इसके साथ ही सवाल किया कि पहाड़ी क्षेत्रों में कूड़ा निस्तारण करने के लिए किस तरह से सरकार ट्रेचिंग ग्राउंड तैयार कर रही है और इसके लिए धनराशि कब तक स्वीकृत हो जाएगी। वहीं कूड़ा निस्तारण मामले पर सत्ता पक्ष के साथ साथ विपक्ष भी मंत्री मदन कौशिक को घिरते नजर आई।


Body:इसके साथ ही भाजपा विधायक सहदेव पुंडीर ने देहरादून के शीशमबाड़ा में बने कूड़ा निस्तारण केंद्र से बदबू आने की समस्या का उठाया और शीशमबाड़ा ट्रैचिंग ग्राउंड का समिति गठन कर जांच करने की मांग की। इसके साथ ही नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश ने भी सदन के भीतर सरकार से जवाब मांगा की कब तक सरकार कूड़ा निस्तारण की समस्या का समाधान कर देगी।

शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक ने बताया कि जल्दी कूड़ा निस्तारण की समस्या का समाधान हो जाएगा। और हमने इन 2 साल के कार्यकाल में बहुत काम किये है। और 24 निकाय ऐसे है जिसमे ट्रैचिंग ग्राउंड के लिए भूमि उपलब्ध नहीं हो पाई है और वहां के जिला अधिकारीयो को निर्देश दिया गया कि जल्दी वहां के लिए भूमि उपलब्ध कराई जाए। इसके लिए पिछली कैबिनेट में वेस्ट टू एनर्जी नीति लायी गई है। जिसके तहत सभी ट्रैचिंग ग्राउंड में 24 घंटे कूड़ा निस्तारण का काम चलेगा। इसके साथ ही इन कूड़ा निस्तारण से एनर्जी उत्पन्न होगी।

शीशमबाड़ा टचिंग ग्राउंड मानकों का आधार है क्योंकि जो भी ट्रैचिंग ग्राउंड बनता वह मानकों के आधार बनता है और यदि मानकों के अनुसार बनने के बाद भी बदबू की समस्या आती है। तो इसके लिये निर्देश दिया गया है कि ज्यादा कूड़ा इकठ्ठा ना होने दे और 24 घण्टे कूड़ा निस्तारण करे।

बाइट - मदन कौशिक (शहरी विकास मंत्री)

वही नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश ने बताया कि सरकार की स्थिति बहुत खराब है, हर इलाके में ट्रैचिंग ग्राउंड और सफाई व्यवस्था के लिए कोई काम नहीं किया गया है। सरकार एक तरफ जहां स्वच्छता अभियान के तहत सफाई रखने की बात कर रही है लेकिन अभी तक ऐसा कुछ नहीं किया। ट्रैचिंग ग्राउंड को लेकर सरकार ने अभी तक कोई नियम और कोई डायरेक्शन नहीं बनाया है बस सरकार जनता को धोखा देना चाहती है।

बाइट - इंदिरा हृदयेश (नेता प्रतिपक्ष)





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