देहरादून: हिंदुत्व का दम भरने वाली त्रिवेंद्र सरकार अब बाजारों में मीट बेचने जा रही है. ये मीट बकरी और भेड़ का होगा. सबसे बड़ी ये है कि सरकार इस मीट की ब्रांडिंग देवभूमि की पहचान हिमालय के नाम से करने जा रही है. यानी अब जल्द ही आपको बाजारों में भेड़-बकरियों का मीट 'हिमालयन मीट' के नाम से मिलेगा. बाजारों में मीट का कारोबार शुरू करने वाली ये वही त्रिवेंद्र सरकार है जिसने सत्ता में आते ही कई स्लाटर हाउस बंद करवा दिये थे. साथ ही सरकारी कार्यक्रमों में परोसे जाने वाले व्यंजनों में सरकार ने मीट को पूरी तरह से प्रतिबंधित कर दिया था.
इसी कड़ी में उत्तराखंड सरकार उधम सिंह नगर में मीट उत्पादन को आधुनिक ढंग से विकसित करने जा रही है. जिससे राज्य सरकार मीट उत्पाद कर राज्य स्तर पर खुद की ब्रांडिंग करती नजर आएगी. सरकार की इस पहल की जानकारी पशुपालन सचिव मीनाक्षी सुंदरम ने दी. राज्य सरकार द्वारा बेचा जाने वाला ये मीट बाजार में 'हिमालयन मीट' नाम से बेचा जायेगा. सरकार का दावा है कि इस मीट की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान दिया जाएगा. जिससे उपभोक्ताओं को सीधा लाभ मिलेगा.
बता दें कि राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम ने राज्य के कृषि सेक्टर के लिए 3300 करोड़ रुपए का पैकेज दिया है. इस पैकेज में पशुपालन सेक्टर को भी बढ़ावा दिया जाना है. इसके साथ ही भेड़-बकरी पालकों के लिए अलग से त्रिस्तरीय सरकारी ढांचा गठित किया गया है. जिसमें लगभग 10 हजार भेड़-बकरी पालकों को संगठित किया गया है. इसके साथ ही प्रदेश के स्लॉटर हाउसों को आधुनिक ढंग से विकसित किया जाएगा.जिससे भेड़-बकरी पालकों को मुनाफा होगा.
जानकारी देते हुए पशुपालन सचिव मीनाक्षी सुंदरम ने बताया कि भेड़-बकरी के सेक्टर में जो मीट प्रोड्यूस होता हैं उसमें प्रोड्यूसर और प्रोडक्शन दोनों असंगठित क्षेत्र है. सरकार ने इसे संगठित करने का काम किया है. जिसके लिए प्रदेश के स्लॉटर हाउस को आधुनिक ढंग से विकसित किया जाएगा. स्लॉटर हाउस और मीट के बाजारीकरण पर लिए गये इस फैसले से सरकार को कितना लाभ होगा ये तो आने वाली समय ही बताएगा,लेकिन इतना जरूर है कि सरकार के इस फैसले से प्रदेश की राजनीति जरूर गरमाएगी.