ETV Bharat / state

स्लॉटर हाउस पर यू-टर्न: बाजारों में 'हिमालयन' नाम से बिकेगा मीट, सरकार करेगी ब्रांडिंग

सरकार उधम सिंह नगर में मीट उत्पादन को आधुनिक ढंग से विकसित करने जा रही है. जिससे राज्य सरकार मीट उत्पाद कर राज्य स्तर पर खुद की ब्रांडिंग करती नजर आएगी. सरकार की इस पहल की जानकारी पशुपालन सचिव मीनाक्षी सुंदरम ने दी.

स्लॉटर हाउस पर यू-टर्न
author img

By

Published : Mar 9, 2019, 6:22 PM IST

देहरादून: हिंदुत्व का दम भरने वाली त्रिवेंद्र सरकार अब बाजारों में मीट बेचने जा रही है. ये मीट बकरी और भेड़ का होगा. सबसे बड़ी ये है कि सरकार इस मीट की ब्रांडिंग देवभूमि की पहचान हिमालय के नाम से करने जा रही है. यानी अब जल्द ही आपको बाजारों में भेड़-बकरियों का मीट 'हिमालयन मीट' के नाम से मिलेगा. बाजारों में मीट का कारोबार शुरू करने वाली ये वही त्रिवेंद्र सरकार है जिसने सत्ता में आते ही कई स्लाटर हाउस बंद करवा दिये थे. साथ ही सरकारी कार्यक्रमों में परोसे जाने वाले व्यंजनों में सरकार ने मीट को पूरी तरह से प्रतिबंधित कर दिया था.


इसी कड़ी में उत्तराखंड सरकार उधम सिंह नगर में मीट उत्पादन को आधुनिक ढंग से विकसित करने जा रही है. जिससे राज्य सरकार मीट उत्पाद कर राज्य स्तर पर खुद की ब्रांडिंग करती नजर आएगी. सरकार की इस पहल की जानकारी पशुपालन सचिव मीनाक्षी सुंदरम ने दी. राज्य सरकार द्वारा बेचा जाने वाला ये मीट बाजार में 'हिमालयन मीट' नाम से बेचा जायेगा. सरकार का दावा है कि इस मीट की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान दिया जाएगा. जिससे उपभोक्ताओं को सीधा लाभ मिलेगा.


बता दें कि राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम ने राज्य के कृषि सेक्टर के लिए 3300 करोड़ रुपए का पैकेज दिया है. इस पैकेज में पशुपालन सेक्टर को भी बढ़ावा दिया जाना है. इसके साथ ही भेड़-बकरी पालकों के लिए अलग से त्रिस्तरीय सरकारी ढांचा गठित किया गया है. जिसमें लगभग 10 हजार भेड़-बकरी पालकों को संगठित किया गया है. इसके साथ ही प्रदेश के स्लॉटर हाउसों को आधुनिक ढंग से विकसित किया जाएगा.जिससे भेड़-बकरी पालकों को मुनाफा होगा.


जानकारी देते हुए पशुपालन सचिव मीनाक्षी सुंदरम ने बताया कि भेड़-बकरी के सेक्टर में जो मीट प्रोड्यूस होता हैं उसमें प्रोड्यूसर और प्रोडक्शन दोनों असंगठित क्षेत्र है. सरकार ने इसे संगठित करने का काम किया है. जिसके लिए प्रदेश के स्लॉटर हाउस को आधुनिक ढंग से विकसित किया जाएगा. स्लॉटर हाउस और मीट के बाजारीकरण पर लिए गये इस फैसले से सरकार को कितना लाभ होगा ये तो आने वाली समय ही बताएगा,लेकिन इतना जरूर है कि सरकार के इस फैसले से प्रदेश की राजनीति जरूर गरमाएगी.

देहरादून: हिंदुत्व का दम भरने वाली त्रिवेंद्र सरकार अब बाजारों में मीट बेचने जा रही है. ये मीट बकरी और भेड़ का होगा. सबसे बड़ी ये है कि सरकार इस मीट की ब्रांडिंग देवभूमि की पहचान हिमालय के नाम से करने जा रही है. यानी अब जल्द ही आपको बाजारों में भेड़-बकरियों का मीट 'हिमालयन मीट' के नाम से मिलेगा. बाजारों में मीट का कारोबार शुरू करने वाली ये वही त्रिवेंद्र सरकार है जिसने सत्ता में आते ही कई स्लाटर हाउस बंद करवा दिये थे. साथ ही सरकारी कार्यक्रमों में परोसे जाने वाले व्यंजनों में सरकार ने मीट को पूरी तरह से प्रतिबंधित कर दिया था.


इसी कड़ी में उत्तराखंड सरकार उधम सिंह नगर में मीट उत्पादन को आधुनिक ढंग से विकसित करने जा रही है. जिससे राज्य सरकार मीट उत्पाद कर राज्य स्तर पर खुद की ब्रांडिंग करती नजर आएगी. सरकार की इस पहल की जानकारी पशुपालन सचिव मीनाक्षी सुंदरम ने दी. राज्य सरकार द्वारा बेचा जाने वाला ये मीट बाजार में 'हिमालयन मीट' नाम से बेचा जायेगा. सरकार का दावा है कि इस मीट की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान दिया जाएगा. जिससे उपभोक्ताओं को सीधा लाभ मिलेगा.


बता दें कि राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम ने राज्य के कृषि सेक्टर के लिए 3300 करोड़ रुपए का पैकेज दिया है. इस पैकेज में पशुपालन सेक्टर को भी बढ़ावा दिया जाना है. इसके साथ ही भेड़-बकरी पालकों के लिए अलग से त्रिस्तरीय सरकारी ढांचा गठित किया गया है. जिसमें लगभग 10 हजार भेड़-बकरी पालकों को संगठित किया गया है. इसके साथ ही प्रदेश के स्लॉटर हाउसों को आधुनिक ढंग से विकसित किया जाएगा.जिससे भेड़-बकरी पालकों को मुनाफा होगा.


जानकारी देते हुए पशुपालन सचिव मीनाक्षी सुंदरम ने बताया कि भेड़-बकरी के सेक्टर में जो मीट प्रोड्यूस होता हैं उसमें प्रोड्यूसर और प्रोडक्शन दोनों असंगठित क्षेत्र है. सरकार ने इसे संगठित करने का काम किया है. जिसके लिए प्रदेश के स्लॉटर हाउस को आधुनिक ढंग से विकसित किया जाएगा. स्लॉटर हाउस और मीट के बाजारीकरण पर लिए गये इस फैसले से सरकार को कितना लाभ होगा ये तो आने वाली समय ही बताएगा,लेकिन इतना जरूर है कि सरकार के इस फैसले से प्रदेश की राजनीति जरूर गरमाएगी.

Intro:नोट फीड FTP से भेजी गई है (UK_DDN_9 Mar 2019_Meet Utpad)

हिंदुत्व की पैरवी करने वाली त्रिवेंद्र सरकार अब बाजार में मीट बेचने जा रही है यह मीट, बकरी और भेड़ का होगा। खास बात और विवादित बात यह है कि इस मीट की ब्रांडिंग सरकार देवभूमि की पहचान हिमालय के नाम से करने जा रही है। यानी बाजार में जल्द ही उत्तराखंड की भेड़-बकरियों का मीट आपको "हिमालयन मीट" नाम से मिलेगा। यह वही त्रिवेंद्र सरकार है जिसने आते ही, तमाम स्लॉटर हाउस को ना केवल बंद कर दिया था बल्कि अपने तमाम कार्यक्रमों में खाने में परोसे जाने वाले व्यंजनों में भी मीट को पूरी तरह से प्रतिबंधित कर दिया था। सरकार के इस फैसले से सरकार को कितना फायदा होगा। यह तो बाद की बात है लेकिन इतना जरूर है कि सरकार के इस फैसले के विरोध में जल्द ही स्वर सुनाई देने लगेंगे।




Body:उत्तराखंड सरकार, प्रदेश के जिला उधमसिंहनगर में मीट उत्पादन को आधुनिक ढंग से विकसित करने जा रही है। इसके साथ ही राज्य सरकार मीट उत्पाद कर राज्य स्तर पर खुद की ब्रांडिंग करेगा। और मीट को बाजार में "हिमालयन मीट" नाम से बेचा जायेगा। सरकार का दावा है कि इस मीट की क़्वालिटी पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। और इससे उत्पादकों के साथ ही उपभोक्ताओं को भी फायदा होगा। जिसकी जानकारी पशुपालन सचिव मीनाक्षी सुंदरम ने दी है।

आपको बता दे कि राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम ने राज्य के कृषि सेक्टर के लिए 3300 करोड़ का पैकेज दिया है इस पैकेज में पशुपालन सेक्टर को भी बढ़ावा दिया जाना है। इसके साथ ही भेड़-बकरी पालकों के लिए अलग से त्रिस्तरीय सरकारी ढांचा गठित किया गया है। जिसमे लगभग 10 हज़ार भेड़-बकरी पालकों को संगठित किया गया है। और प्रदेश में मीट उस बात को आधुनिक ढंग से विकसित किया जाएगा, जिससे भेड़ बकरी पालकों को अच्छा मुनाफा होगा।

ज्यादा जानकारी देते हुए पशुपालन सचिव मीनाक्षी सुंदरम ने बताया कि भेड़-बकरी के सेक्टर में जो मीट प्रोड्यूस होता हैं। उसमे प्रोड्यूसर और प्रोडक्शन साइड दोनों तरफ से असंगठित छेत्र है इसके लिए शासन में संगठित करने का काम किया है और इसके लिए कॉरपोरेट साइट बनाया है।


Conclusion:
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.