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देश का नाम रोशन करने वाले खिलाड़ियों का ऐसा है हाल, आर्म लाइसेंस के लिए खा रहे दर-दर की ठोंकरें - dehradun news

निशानेबाजी प्रतियोगिताओं में बेहतरीन प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों को आर्म्स लाइसेंस लेने के लिए लंबा इंतजार करना पड़ता है. राज्य सरकार को खिलाड़ियों के लिए कोई ऐसी नई नीति बनानी चाहिए.

निशानेबाज खिलाड़ी
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Published : Apr 28, 2019, 10:52 PM IST

Updated : Apr 28, 2019, 11:58 PM IST

देहरादूनः खेल चाहे कोई भी हो प्रदेश के खिलाड़ी आज देशभर में अपना नाम रोशन कर रहे हैं. बात राष्ट्रीय निशानेबाजी प्रतियोगिता की करें तो इस प्रतियोगिता में प्रदेश के 5 निशानेबाजों ने पदक अपने नाम कर राष्ट्रीय स्तर पर प्रदेश का नाम रोशन किया है.

निशानेबाज खिलाड़ी आर्म लाइसेंस के लिए अधिकारियों के चक्कर काट रहे हैं.

प्रदेश के अंकुर गोयल का नाम प्रदेश के ऐसे ही निशानेबाजों में शुमार है. जिन्होंने इंजीनियरिंग छोड़ निशानेबाजी को अपना कैरियर चुना. वर्तमान में अंकुर का चयन भारतीय शूटिंग टीम में हो चुका है. राष्ट्रीय निशानेबाजी प्रतियोगिता में अंकुर अब तक 2 पदक जीत चुके हैं.

यही कारण है कि साल 2018 में अंकुर को उत्तराखंड के सर्वश्रेष्ठ निशानेबाज के पुरस्कार से सम्मानित किया गया. वहीं ईटीवी भारत से बात करते हुए निशानेबाज अंकुर गोयल के कोच अरुण सिंह ने प्रदेश सरकार पर निशानेबाज खिलाड़ियों की अनदेखी का भी आरोप लगाया.

कोच अरुण सिंह की मानें तो प्रदेश के खिलाड़ी निशानेबाजी प्रतियोगिताओं में बेहतरीन प्रदर्शन कर रहे हैं, लेकिन आज भी प्रदेश के खिलाड़ियों को आर्म्स लाइसेंस लेने के लिए लंबा इंतजार करना पड़ता है.


राज्य सरकार को राष्ट्रीय स्तर के निशानेबाज खिलाड़ियों के लिए कोई ऐसी नई नीति बनानी चाहिए जिससे कि इन खिलाड़ियों को आर्म लाइसेंस लेने में दिक्कतें पेश न आए. वर्तमान में प्रदेश में जिस तरह आर्म लाइसेंस लेने के लिए खिलाड़ियों को दर-दर भटकना पड़ रहा है, उसकी वजह से खिलाड़ी निशानेबाजी में ध्यान नहीं दे पा रहे हैं.

इसके अलावा कोच अरुण सिंह के अनुसार प्रदेश सरकार को निशानेबाज खिलाड़ियों के लिए सरकारी नौकरी की भी उचित व्यवस्था करनी चाहिए, जिससे कि निशानेबाज खिलाड़ियों का भविष्य सुरक्षित हो सके.

यह भी पढ़ेंः मसूरी में अतिक्रमणकारियों पर कसा शिकंजा, लोगों की SDM के साथ हुई नोकझोंक

वर्तमान में पुलिस महकमे में ही प्रदेश के कुछ गिने-चुने निशानेबाज खिलाड़ी ही कार्यरत हैं.

देहरादूनः खेल चाहे कोई भी हो प्रदेश के खिलाड़ी आज देशभर में अपना नाम रोशन कर रहे हैं. बात राष्ट्रीय निशानेबाजी प्रतियोगिता की करें तो इस प्रतियोगिता में प्रदेश के 5 निशानेबाजों ने पदक अपने नाम कर राष्ट्रीय स्तर पर प्रदेश का नाम रोशन किया है.

निशानेबाज खिलाड़ी आर्म लाइसेंस के लिए अधिकारियों के चक्कर काट रहे हैं.

प्रदेश के अंकुर गोयल का नाम प्रदेश के ऐसे ही निशानेबाजों में शुमार है. जिन्होंने इंजीनियरिंग छोड़ निशानेबाजी को अपना कैरियर चुना. वर्तमान में अंकुर का चयन भारतीय शूटिंग टीम में हो चुका है. राष्ट्रीय निशानेबाजी प्रतियोगिता में अंकुर अब तक 2 पदक जीत चुके हैं.

यही कारण है कि साल 2018 में अंकुर को उत्तराखंड के सर्वश्रेष्ठ निशानेबाज के पुरस्कार से सम्मानित किया गया. वहीं ईटीवी भारत से बात करते हुए निशानेबाज अंकुर गोयल के कोच अरुण सिंह ने प्रदेश सरकार पर निशानेबाज खिलाड़ियों की अनदेखी का भी आरोप लगाया.

कोच अरुण सिंह की मानें तो प्रदेश के खिलाड़ी निशानेबाजी प्रतियोगिताओं में बेहतरीन प्रदर्शन कर रहे हैं, लेकिन आज भी प्रदेश के खिलाड़ियों को आर्म्स लाइसेंस लेने के लिए लंबा इंतजार करना पड़ता है.


राज्य सरकार को राष्ट्रीय स्तर के निशानेबाज खिलाड़ियों के लिए कोई ऐसी नई नीति बनानी चाहिए जिससे कि इन खिलाड़ियों को आर्म लाइसेंस लेने में दिक्कतें पेश न आए. वर्तमान में प्रदेश में जिस तरह आर्म लाइसेंस लेने के लिए खिलाड़ियों को दर-दर भटकना पड़ रहा है, उसकी वजह से खिलाड़ी निशानेबाजी में ध्यान नहीं दे पा रहे हैं.

इसके अलावा कोच अरुण सिंह के अनुसार प्रदेश सरकार को निशानेबाज खिलाड़ियों के लिए सरकारी नौकरी की भी उचित व्यवस्था करनी चाहिए, जिससे कि निशानेबाज खिलाड़ियों का भविष्य सुरक्षित हो सके.

यह भी पढ़ेंः मसूरी में अतिक्रमणकारियों पर कसा शिकंजा, लोगों की SDM के साथ हुई नोकझोंक

वर्तमान में पुलिस महकमे में ही प्रदेश के कुछ गिने-चुने निशानेबाज खिलाड़ी ही कार्यरत हैं.

Intro:देहरादून- खेल चाहे कोई भी हो प्रदेश के खिलाड़ी आज देशभर में अपना नाम रोशन कर रहे हैं बात राष्ट्रीय निशानेबाजी प्रतियोगिता की करें तो इस प्रतियोगिता में प्रदेश के 5 निशानेबाजों ने पदक अपने नाम कर राष्ट्रीय स्तर में प्रदेश का नाम रोशन किया है।




Body: प्रदेश के अंकुर गोयल का नाम प्रदेश के ऐसे ही निशानेबाजों में शुमार है । जिन्होंने इंजीनियरिंग छोड़ निशानेबाजी को अपना कैरियर चुना । वर्तमान में अंकुर का चयन भारतीय शूटिंग टीम में हो चुका है। राष्ट्रीय निशानेबाजी प्रतियोगिता में अंकुर तब तक 2 पदक जीत चुके हैं । यही कारण है कि साल 2018 में अंकुर को उत्तराखंड के सर्वश्रेष्ठ निशानेबाज के पुरस्कार से सम्मानित किया गया ।

बाइट- अंकुर गोयल निशानेबाज़



Conclusion:वहीं ईटीवी भारत से बात करते हुए निशानेबाज़ अंकुर गोयल के कोच अरुण सिंह ने प्रदेश सरकार पर निशानेबाज खिलाड़ियों की अनदेखी का भी आरोप लगाया । कोच अरुण सिंह की माने तो प्रदेश के खिलाड़ी निशानेबाजी प्रतियोगिताओं में बेहतरीन प्रदर्शन कर रहे हैं । लेकिन आज भी प्रदेश के खिलाड़ियों को आर्म्स लाइसेंस लेने के लिए लंबा इंतजार करना पड़ता है । राज्य सरकार को राष्ट्रीय स्तर के निशानेबाज खिलाड़ियों के लिए कोई ऐसी नई नीति बनानी चाहिए जिससे कि इन खिलाड़ियों को आर्म लाइसेंस लेने में दिक्कतें पेश न आए । वर्तमान में प्रदेश में जिस तरह आर्म लाइसेंस लेने के लिए खिलाड़ियों को दर-दर भटकना पड़ा है उसकी वजह से खिलाड़ी निशानेबाजी में ध्यान नहीं दे पा रहे हैं।

इसके अलावा कोच अरुण सिंह के अनुसार प्रदेश सरकार को निशानेबाज खिलाड़ियों के लिए सरकारी नौकरी की भी उचित व्यवस्था करनी चाहिए । जिससे कि निशानेबाज खिलाड़ियों का भविष्य भी सुरक्षित हो सके। वर्तमान में पुलिस महकमे में ही प्रदेश के कुछ गिनेचुने निशानेबाज खिलाड़ी ही कार्यरत हैं ।

बाइट- अरुण सिंह कोच निशानेबाज़ी
Last Updated : Apr 28, 2019, 11:58 PM IST
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