देहरादून: लोकसभा चुनाव आचार संहिता के दौरान बीते 4 अप्रैल 2019 को हुई करोड़ों की लूटपाट की घटना ने पूरे राज्य को हिलाकर रख दिया था. इस मामले में पुलिस अधिकारी और कर्मचारी आरोपी बनाए गए थे. गौरतलब है कि निर्वाचन आयोग की स्टेटिक टीम बनकर देहरादून के राजपुर रोड पर एक प्रॉपर्टी डीलर से करोड़ों रुपयों की लूटकांड को अंजाम दिया गया था.
घटना में शामिल चौथे आरोपी सिपाही हिमांशु को भी शनिवार को देहरादून कोर्ट से जमानत मिल गई. इससे पहले दरोगा दिनेश नेगी, सिपाही मनोज अधिकारी सहित कांग्रेसी नेता अनुपम शर्मा को जमानत मिल चुकी है. इस मामले में लूटी गई रकम की बरामदगी न होने के चलते चारों आरोपियों को कोर्ट से जमानत के रूप में राहत मिली है.
चुनाव आयोग की स्टेटिक टीम बनकर करोड़ों की लूटकांड को अंजाम देने के मामले में गिरफ्तार दो पुलिसकर्मी सहित कांग्रेसी नेता अनुपम शर्मा को सबूतों के अभाव में जमानत मिल चुकी है. घटना में लूटी गई करोड़ों की रकम एसटीएफ की टीम अब तक बरामद नहीं कर पाई है, जिसके चलते इस मामले के चौथे आरोपी सिपाही हिमांशु को भी जमानत मिल गई है.
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उधर उत्तराखंड पुलिस की वर्दी पर इस लूटकांड से लगे दाग को निष्पक्ष रूप जांच पड़ताल कर हल्का करने में जुटी स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) टीम की विवेचना पर भी अब सवाल खड़े हो रहे हैं. सबसे बड़ा सवाल यह है कि घटना में लूटी गई करोड़ों की रकम आखिर कहां हैं?
रकम बरामदगी न होने के चलते आरोपी कानूनी प्रक्रिया के तहत राहत पाते जा रहे हैं. दूसरी ओर पुलिस आलाधिकारियों के मुताबिक आरोपियों पर आगामी समय में सख्त कार्रवाई अमल में होगी.
आईजी की गाड़ी का हुआ था इस्तेमाल
गढ़वाल आईजी की गाड़ी का इस्तेमाल कर इस चर्चित पुलिस लूट कांड को अंजाम देने के बाद पुलिस महकमे में इस बात को लेकर खलबली मची हुई है कि आखिर आरोपी पुलिसकर्मियों के साथ आगे क्या होने वाला है. हालांकि पुलिस मुख्यालय में तैनात आला अधिकारियों के मुताबिक इस मामले में एसटीएफ निष्पक्ष रूप से जांच कर आरोपियों के खिलाफ सख्त से सख्त कानूनी कार्रवाई में जुटी हुई है.
इस लूटकांड को अंजाम देने वाले तीनों पुलिसकर्मी सहित कांग्रेस नेता को जमानत मिलने के बाद इस बात का अंदेशा जताया जा रहा है कि मामला आने वाले दिनों में कहीं ना कहीं ठंडे बस्ते पर नजर आएगा.
हालांकि पुलिस मुख्यालय आला अधिकारियों के मुताबिक रकम बरामदगी न होने की सूरत में भी जांच टीम के पास ऐसे अहम सबूत हैं, जिसके आधार पर आरोपियों के खिलाफ कोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर आने वाले दिनों में पुलिसकर्मियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई विभाग की ओर से की जा सकती है.