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लोकसभा चुनावों से जुड़ा ये है देवभूमि का सियासी मिथक, जो यहां जीता बना 'सिकंदर'

उत्तराखंड की राजनीति से कई मिथक जुड़े हुए थे, लेकिन हाल में हुये लोकसभा चुनावों ने प्रदेश की तमाम मिथक को तोड़ दिये हैं. प्रदेश के मिथकों में एक मिथक ये भी है कि जिस भी राजनीतिक दल ने प्रदेश की पांचों सीटों पर जीत हासिल की है केंद्र में उसी की सरकार बनती है. जिसके कारण केंद्र में प्रदेश की लोकसभा सीटों का अपना ही अलग प्रभाव है.

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Published : May 29, 2019, 9:34 PM IST

जो यहां जीता बना 'सिकंदर' .

देहरादून: देश भर में लोकसभा चुनाव संपन्न हो गये हैं. जिसमें भाजपा प्रचंड बहुमत हासिल कर सरकार बनाने जा रही है. यूं तो उत्तराखंड में लोकसभा की मात्र 5 सीटें हैं, लेकिन केंद्र में सरकार बनाने में उत्तराखंड की ये 5 लोकसभा की सीटें अहम भूमिका निभाती हैं. ये हम नहीं बल्कि साल 2000 के बाद से अभी तक हुए चारों लोकसभा चुनाव इस बात की तस्दीक कर रहे हैं. आखिर प्रदेश की ये पांच लोकसभा सीटें किस तरह से अहम भूमिका निभाती हैं. देखिए ईटीवी भारत की ये खास रिपोर्ट...

उत्तराखंड की राजनीति से कई मिथक जुड़े हुए थे, लेकिन हाल में हुये लोकसभा चुनावों ने प्रदेश की तमाम मिथक को तोड़ दिये हैं. प्रदेश के मिथकों में एक मिथक ये भी है कि जिस भी राजनीतिक दल ने प्रदेश की पांचों सीटों पर जीत हासिल की है केंद्र में उसी की सरकार बनती है. जिसके कारण केंद्र में प्रदेश की लोकसभा सीटों का अपना ही अलग प्रभाव है.

साल 2004 में हुये लोकसभा चुनाव
साल 2000 में उत्तराखंड राज्य गठन के बाद पहली बार साल 2004 में लोकसभा का चुनाव सम्पन्न हुआ. साल 2014 में प्रदेश की पांचों सीटों पर कांग्रेस, भाजपा समेत तमाम अन्य दलों के कुल 54 प्रत्याशी चुनावी मैदान में थे. साल 2004 में सिर्फ कांग्रेस, भाजपा और समाजवादी पार्टी के ही प्रत्याशी संसद तक पहुंचने में कामयाब हुये थे. इस चुनाव में एक सीट कांग्रेस, तीन सीट भाजपा और एक सीट पर समाजवादी पार्टी ने कब्जा जमाया था. इस समय प्रदेश में पांचों सीटों पर तीन अलग-अलग पार्टियों के प्रत्याशी जीते थे. जिसके बाद कांग्रेस ने अपने सहयोगी दलों के साथ मिलकर केंद्र में सरकार बनाई थी.

2009 में हुये लोकसभा चुनाव
उत्तराखंड राज्य गठन के बाद साल 2009 में दूसरा लोकसभा चुनाव सम्पन्न हुआ था. इस साल प्रदेश की पांचों सीटों पर कांग्रेस, भाजपा समेत तमाम अन्य दलों के कुल 76 प्रत्याशी चुनावी मैदान में थे. साल 2009 में हुए लोकसभा चुनाव में प्रदेश की पांचों सीटों पर कांग्रेस ने जीत दर्ज की थी. जिसके बाद कांग्रेस ने इस बार भी अपने सहयोगी दलों के साथ मिलकर केंद्र में सरकार बनाई.

साल 2014 में हुये लोकसभा चुनाव
साल 2014 में प्रदेश के गठन के बाद तीसरी बार लोकसभा चुनाव हुए. देश का यह 16वां लोकसभा चुनाव था. साल 2014 में प्रदेश की पांचों सीटों पर कांग्रेस, भाजपा समेत तमाम अन्य दलों के कुल 64 उम्मीदवार चुनावी चौसर में थे. साल 2014 में प्रदेश की पांचों सीटों पर भाजपा ने जीत हासिल की. साल 2014 में भाजापा पूर्ण बहुमत से केंद्र में आई और नरेंद्र मोदी देश के प्रधानमंत्री बने. इस समय बीजेपी को पूरे देश में 282 सीटें मिली. जिसके बाद बीजेपी ने केंद्र में सरकार बनाई.

साल 2019 में हुये लोकसभा चुनाव
साल 2019 में देश भर में 17वां लोकसभा चुनाव सम्पन्न हुआ तो राज्य गठन के बाद ये प्रदेश का चौथा लोकसभा चुनाव था. इस बार भी पिछले लोकसभा चुनाव की तरह ही प्रदेश की पांचों लोकसभा सीटों पर भाजपा ने जीत हासिल की. इस बार बीजेपी को पूरे देश में 303 सीटें मिली हैं और एक बार फिर से बीजेपी देश में पूर्ण बहुमत की सरकार बनाने जा रही है.

देहरादून: देश भर में लोकसभा चुनाव संपन्न हो गये हैं. जिसमें भाजपा प्रचंड बहुमत हासिल कर सरकार बनाने जा रही है. यूं तो उत्तराखंड में लोकसभा की मात्र 5 सीटें हैं, लेकिन केंद्र में सरकार बनाने में उत्तराखंड की ये 5 लोकसभा की सीटें अहम भूमिका निभाती हैं. ये हम नहीं बल्कि साल 2000 के बाद से अभी तक हुए चारों लोकसभा चुनाव इस बात की तस्दीक कर रहे हैं. आखिर प्रदेश की ये पांच लोकसभा सीटें किस तरह से अहम भूमिका निभाती हैं. देखिए ईटीवी भारत की ये खास रिपोर्ट...

उत्तराखंड की राजनीति से कई मिथक जुड़े हुए थे, लेकिन हाल में हुये लोकसभा चुनावों ने प्रदेश की तमाम मिथक को तोड़ दिये हैं. प्रदेश के मिथकों में एक मिथक ये भी है कि जिस भी राजनीतिक दल ने प्रदेश की पांचों सीटों पर जीत हासिल की है केंद्र में उसी की सरकार बनती है. जिसके कारण केंद्र में प्रदेश की लोकसभा सीटों का अपना ही अलग प्रभाव है.

साल 2004 में हुये लोकसभा चुनाव
साल 2000 में उत्तराखंड राज्य गठन के बाद पहली बार साल 2004 में लोकसभा का चुनाव सम्पन्न हुआ. साल 2014 में प्रदेश की पांचों सीटों पर कांग्रेस, भाजपा समेत तमाम अन्य दलों के कुल 54 प्रत्याशी चुनावी मैदान में थे. साल 2004 में सिर्फ कांग्रेस, भाजपा और समाजवादी पार्टी के ही प्रत्याशी संसद तक पहुंचने में कामयाब हुये थे. इस चुनाव में एक सीट कांग्रेस, तीन सीट भाजपा और एक सीट पर समाजवादी पार्टी ने कब्जा जमाया था. इस समय प्रदेश में पांचों सीटों पर तीन अलग-अलग पार्टियों के प्रत्याशी जीते थे. जिसके बाद कांग्रेस ने अपने सहयोगी दलों के साथ मिलकर केंद्र में सरकार बनाई थी.

2009 में हुये लोकसभा चुनाव
उत्तराखंड राज्य गठन के बाद साल 2009 में दूसरा लोकसभा चुनाव सम्पन्न हुआ था. इस साल प्रदेश की पांचों सीटों पर कांग्रेस, भाजपा समेत तमाम अन्य दलों के कुल 76 प्रत्याशी चुनावी मैदान में थे. साल 2009 में हुए लोकसभा चुनाव में प्रदेश की पांचों सीटों पर कांग्रेस ने जीत दर्ज की थी. जिसके बाद कांग्रेस ने इस बार भी अपने सहयोगी दलों के साथ मिलकर केंद्र में सरकार बनाई.

साल 2014 में हुये लोकसभा चुनाव
साल 2014 में प्रदेश के गठन के बाद तीसरी बार लोकसभा चुनाव हुए. देश का यह 16वां लोकसभा चुनाव था. साल 2014 में प्रदेश की पांचों सीटों पर कांग्रेस, भाजपा समेत तमाम अन्य दलों के कुल 64 उम्मीदवार चुनावी चौसर में थे. साल 2014 में प्रदेश की पांचों सीटों पर भाजपा ने जीत हासिल की. साल 2014 में भाजापा पूर्ण बहुमत से केंद्र में आई और नरेंद्र मोदी देश के प्रधानमंत्री बने. इस समय बीजेपी को पूरे देश में 282 सीटें मिली. जिसके बाद बीजेपी ने केंद्र में सरकार बनाई.

साल 2019 में हुये लोकसभा चुनाव
साल 2019 में देश भर में 17वां लोकसभा चुनाव सम्पन्न हुआ तो राज्य गठन के बाद ये प्रदेश का चौथा लोकसभा चुनाव था. इस बार भी पिछले लोकसभा चुनाव की तरह ही प्रदेश की पांचों लोकसभा सीटों पर भाजपा ने जीत हासिल की. इस बार बीजेपी को पूरे देश में 303 सीटें मिली हैं और एक बार फिर से बीजेपी देश में पूर्ण बहुमत की सरकार बनाने जा रही है.

Intro:लोकसभा चुनाव 2019 संपन्न हो गया है और इस लोकसभा चुनाव में भाजपा प्रचंड बहुमत हासिल कर नवनिर्वाचित प्रधानमंत्री को शपथ दिलाने की तैयारी में जुट गई है। यू तो उत्तराखंड राज्य में लोकसभा की मात्र 5 सीटें है लेकिन केंद्र में सरकार बनाने में उत्तराखंड की ये 5 लोकसभा की सीटें अहम भूमिका निभाती है। ये हम नही बल्कि साल 2000 के बाद से अभी तक हुए चारो लोकसभा चुनाव इस बात की, खुद तस्दीक कर रहे हैं। आखिर प्रदेश की ये पांच लोकसभा सीटें किस तरह से अहम भूमिका निभाती है। देखिए ईटीवी भारत की ये खाश राजनीतिक विश्लेषण रिपोर्ट......


Body:उत्तराखंड राज्य की राजनीति से कई मिथक जुड़े हुए थे, लेकिन हाल ही में हुई लोकसभा चुनाव 2019 ने प्रदेश की तमाम मिथक को तोड़ दी है। हालांकि प्रदेश के इन्ही मिथकों में एक मिथक और भी शामिल है। जिसे मिथक कहे या फिर मात्र संगोय, जिसमे माना जाता है कि उत्तराखंड राज्य गठन के बाद ही प्रदेश की पांचो लोकसभा सीटों का केंद्र में अपना ही अलग प्रभाव रहा है। जिसकी वजह यह है कि राज्य में अभी हुए चारो लोकसभा चुनावों में जब-जब ये पांचो सीटें जिस पार्टी के पाली में गयी है केंद्र में उस पार्टी की ही सरकार बनी है। 


साल 2004 में हुई लोकसभा चुनाव.....

साल 2000 में उत्तराखंड राज्य गठन के बाद पहली बार साल 2004 में लोकसभा का चुनाव उत्तराखंड में सम्पन्न हुआ। और उस दौरान प्रदेश की पांचो सीटों पर कांग्रेस, भाजपा समेत तमाम अन्य दलों के कुल 54 प्रत्याशी चुनावी अखाड़े में कूदे थे। लेकिन साल 2004 में सिर्फ कांग्रेस,भाजपा और समाजवादी पार्टी के ही प्रत्यशी सांसद चुने गए थे। इस चुनाव में एक सीट कांग्रेस, तीन सीट भाजपा और एक सीट समाजवादी पार्टी के खाते में आयी थी। पांचो सीटों पर तीन अलग-अलग पार्टियों के प्रत्याशी जीते थे, और केंद्र में सरकार बनाने के लिए कांग्रेस ने अपने सहयोगी दलों के साथ मिलकर संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन की सरकार बनाए में कामयाब हुई थीं। 


साल 2009 में हुई लोकसभा चुनाव........

जहा एक तरफ साल 2009 देश का 15वां लोकसभा चुनाव सम्पन्न हुआ था, तो वही उत्तराखंड राज्य का गठन के बाद दूसरा लोकसभा चुनाव सम्पन्न हुआ था। और उस दौरान प्रदेश की पांचो सीटों पर कांग्रेस, भाजपा समेत तमाम अन्य दलों के कुल 76 प्रत्याशी चुनावी अखाड़े में कूदे थे। लेकिन साल 2009 में हुए लोकसभा चुनाव में सिर्फ कांग्रेस के ही पांचो प्रत्यशी सांसद चुने गए थे। और केंद्र में सहयोगी दलों के साथ गठबंधन कर यूपीए ने सरकार बनाई। 


साल 2014 में हुई लोकसभा चुनाव.....

साल 2014 में प्रदेश के गठन के बाद तीसरी बार लोकसभा चुनाव सम्पन्न हुआ था तो वही देश का 16 वां लोकसभा चुनाव सम्पन्न हुआ। और उस दौरान प्रदेश की पांचो सीटों पर कांग्रेस, भाजपा समेत तमाम अन्य दलों के कुल 64 उम्मीदवार चुनाव में खड़े हुए थे। लेकिन प्रदेश की पांचो सीटों पर भाजपा के ही प्रत्याशी चुने गए थे। और केंद्र में भी भाजपा कुल 282 सीटें लेकर आयी थी। जिसके बाद बहुमत से ही भाजपा ने अपना सरकार बनाया था। 


साल 2019 में हुई लोकसभा चुनाव......

साल 2019 में देश भर में 17 वां लोकसभा चुनाव सम्पन्न हुआ तो वही उत्तराखंड राज्य की गठन के बाद प्रदेश में चौथा लोकसभा चुनाव हुआ। इस बार भी पिछले लोकसभा चुनाव की तरह ही प्रदेश के पांचो सीट पर भाजपा, कांग्रेस समेत अन्य दलों के कुल 52 प्रत्याशियों ने चुनाव लड़ा। और साल 2014 में हुए लोकसभा की तरह ही भाजपा ने इस बार भी पांचो सीटों पर काबिज हो गयी। और इस बार फिर भाजपा लोकसभा चुनाव 2014 से भी ज्यादा साइट लेकर आयी है। और केंद्र में सरकार बनाने जा रही है। 



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