देहरादून: टिहरी झील में सी-प्लेन उतारने को लेकर बुधवार को सचिवालय में भारत सरकार के सिविल एविएशन डिपार्टमेंट, एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया और उत्तराखंड राज्य के सिविल एविएशन डिपार्टमेंट के बीच एमओयू साइन किया गया. सरकार की इस पहल के बाद उत्तराखंड में सी-प्लेन के लिए भारत सरकार से एमओयू साइन करने वाला पहला राज्य बन गया है. इसके साथ ही नैनीसैनी-पिथौरागढ़ हवाई पट्टी पर सेवाओं के सफल संचालन के लिए भी सीएनएस-एटीएम एमओयू पर भी हस्ताक्षर किए गए.
मामले पर जानकारी देते हुए पर्यटन सचिव दिलीप जावलकर ने बताया कि सी-प्लेन उतारने के संबंध में भारत सरकार ने पहले ही गाइडलाइन जारी कर दी हैं. इसके लिए भारत सरकार अभी टेंडरिंग करने की तैयारी में है. साथ ही उन्होंने बताया कि इसमें मुख्य रूप से तीन पार्टियां हैं पहली पार्टी भारत सरकार का सिविल एवियशन डिपार्टमेंट है जिसके द्वारा टेंडरिंग की जाएगी. दूसरी पार्टी एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया है जिसके द्वारा स्पेसिफिकेशन दिए जाएंगे. जैसे किस प्रकार का हेली ड्रोम होना चाहिए, इसका संचालन किस तरह से किया जाएगा? इसे संचालित कैसे किया जाए? ये सब जानकारी देगी. इसके अलावा तीसरी पार्टी उत्तराखंड सरकार का सिविल एविएशन डिपार्टमेंट है. सी-प्लेन को लेकर इन तीनों पार्टियों के बीच त्रिस्तरीय करार किया गया है.
इस करार के बाद मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत ने कहा कि टिहरी को विश्व स्तर के पर्यटन का दर्जा दिलाने के लिए झील में सी-प्लेन उतारने की योजना है.सी-प्लेन के एयर रूट से लेकर अन्य सुविधाएं विकसित की जाएंगी. प्रदेश सरकार नागरिक उड्डयन विभाग को टिहरी के कोटी में पहले ही ढाई एकड़ जमीन मुहैया करा चुकी है. सीएम त्रिवेंद्र रावत ने कहा कि टिहरी झील सी- प्लेन की सुविधा देने वाली देश की पहली झील बन चुकी है.