देहरादून: यूपी में काफी समय से वांछित चल रहे दो लाख के इनामी अपराधी कौशल कुमार चौबे को एसटीएफ ने रिस्पना पुल के पास से गिरफ्तार किया है. अपराधी कौशल कुमार चौबे के खिलाफ उत्तर प्रदेश के बलिया और आजमगढ़ में हत्या, बलवा, गैंगस्टर, गुंडा एक्ट, धोखाधड़ी से सम्बंधित 29 मुकदमे पंजीकृत हैं. गिरफ्तारी के दौरान कौशल कुमार चौबे के कब्जे से एक विदेशी ग्लॉक पिस्टल के साथ 57 जिंदा कारतूस और 4 मैगजीन के साथ एक फोल्डिंग बट बरामद किया गया है.
गैंगस्टर कौशल उत्तर प्रदेश के बलिया की ट्रेजरी में अकाउंटेंट के पद पर तैनात था. परिवारिक झगड़े में कौशल ने एक शख्स की गोली मारकर हत्या कर दी थी. हत्याकांड में पुलिस ने कौशल को जेल भेज दिया था, लेकिन कुछ दिनों बाद ही उसे जमानत मिल गई. जमानत पर बाहर आने के बाद कौशल पप्पू सिंह नाम के व्यक्ति के साथ मिलकर बलिया पीडब्ल्यूडी में ठेकेदारी का काम शुरू किया. पीडब्ल्यूडी में ठेकों को लेकर कौशल के साथी पप्पू सिंह ने एक इंजीनियर की हत्या करवा दी थी साथ ही इस घटना में एक पुलिसकर्मी की भी हत्या की गई थी.
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पिछले 14 साल से कौशल कुमार चौबे उत्तराखंड और हिमाचल में रह रहा था. उत्तराखंड के नरेंद्र नगर, टिहरी व देहरादून से वह लगातार अपराधिक गतिविधियों को अंजाम दे रहा था. आरोपी कौशल चौबे की एक बार हिमाचल में पुलिस से मुठभेड़ भी हो चुकी है. कौशल कुमार अपना ठिकाना बदलता रहता था जिसके कारण वह लंबे समय से पुलिस की गिरफ्त से बाहर था. फरवरी 2019 से कौशल चौबे रायपुर में अपनी पत्नी के साथ रह रहा था.
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एसटीएफ डीआईजी रिधिम अग्रवाल ने जानकारी देते हुए बताया कि कुछ समय से आरोपी कौशल चौबे के बारे में लगातार सूचनाएं मिल रही थी. आरोपी के परिवार के लोग उत्तराखंड में रह रहे थे. जिसके बाद उनके बारे में जानकारी जुटाई गई. कौशल चौबे पिछले कुछ समय से देहरादून में किराए के मकान पर रह रहा था. फोन का इस्तेमाल न होने की वजह से वह हर बार बच निकलता था. एसटीएफ डीआईजी ने बताया कि कौशल चौबे ने साल 2005 में बलिया जिले के ग्राम प्रधान चुनाव में सक्रिय होने के चलते उसने अपराध की दुनिया में कदम रखा. कौशल चौबे पिछले 15 सालों से हत्या, लूट सहित कई अन्य मामलों में शामिल है. यूपी एसटीएफ कौशल चौबे को काफी समय से तलाश कर रही थी. कौशल चौबे पर लगभग 29 मुकदमे दर्ज हैं.