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UP का मोस्ट वांटेड 2 लाख का इनामी कौशल चौबे चढ़ा STF के हत्थे, देहरादून में छिपा बैठा था

गैंगस्टर कौशल उत्तर प्रदेश के बलिया की ट्रेजरी में अकाउंटेंट के पद पर तैनात था. परिवारिक झगड़े में कौशल ने पप्पू की गोली मारकर हत्या कर दी थी. हत्याकांड में पुलिस ने कौशल को जेल भेज दिया था, लेकिन कुछ दिनों बाद ही उसे जमानत मिल गई.

यूपी का मोस्टवांटेड गिरफ्तार.
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Published : May 30, 2019, 6:51 PM IST

Updated : May 30, 2019, 8:03 PM IST

देहरादून: यूपी में काफी समय से वांछित चल रहे दो लाख के इनामी अपराधी कौशल कुमार चौबे को एसटीएफ ने रिस्पना पुल के पास से गिरफ्तार किया है. अपराधी कौशल कुमार चौबे के खिलाफ उत्तर प्रदेश के बलिया और आजमगढ़ में हत्या, बलवा, गैंगस्टर, गुंडा एक्ट, धोखाधड़ी से सम्बंधित 29 मुकदमे पंजीकृत हैं. गिरफ्तारी के दौरान कौशल कुमार चौबे के कब्जे से एक विदेशी ग्लॉक पिस्टल के साथ 57 जिंदा कारतूस और 4 मैगजीन के साथ एक फोल्डिंग बट बरामद किया गया है.

यूपी का मोस्टवांटेड गिरफ्तार.

गैंगस्टर कौशल उत्तर प्रदेश के बलिया की ट्रेजरी में अकाउंटेंट के पद पर तैनात था. परिवारिक झगड़े में कौशल ने एक शख्स की गोली मारकर हत्या कर दी थी. हत्याकांड में पुलिस ने कौशल को जेल भेज दिया था, लेकिन कुछ दिनों बाद ही उसे जमानत मिल गई. जमानत पर बाहर आने के बाद कौशल पप्पू सिंह नाम के व्यक्ति के साथ मिलकर बलिया पीडब्ल्यूडी में ठेकेदारी का काम शुरू किया. पीडब्ल्यूडी में ठेकों को लेकर कौशल के साथी पप्पू सिंह ने एक इंजीनियर की हत्या करवा दी थी साथ ही इस घटना में एक पुलिसकर्मी की भी हत्या की गई थी.

पढ़ें-4 लाख से अधिक रुपए में बिका 0001 नंबर, VIP नंबर को लेकर बढ़ा क्रेज

पिछले 14 साल से कौशल कुमार चौबे उत्तराखंड और हिमाचल में रह रहा था. उत्तराखंड के नरेंद्र नगर, टिहरी व देहरादून से वह लगातार अपराधिक गतिविधियों को अंजाम दे रहा था. आरोपी कौशल चौबे की एक बार हिमाचल में पुलिस से मुठभेड़ भी हो चुकी है. कौशल कुमार अपना ठिकाना बदलता रहता था जिसके कारण वह लंबे समय से पुलिस की गिरफ्त से बाहर था. फरवरी 2019 से कौशल चौबे रायपुर में अपनी पत्नी के साथ रह रहा था.

पढ़ें-देवभूमि के इस गांव में सांप के काटने पर लोग नहीं कराते इलाज, ऐसे उतर जाता है जहर

एसटीएफ डीआईजी रिधिम अग्रवाल ने जानकारी देते हुए बताया कि कुछ समय से आरोपी कौशल चौबे के बारे में लगातार सूचनाएं मिल रही थी. आरोपी के परिवार के लोग उत्तराखंड में रह रहे थे. जिसके बाद उनके बारे में जानकारी जुटाई गई. कौशल चौबे पिछले कुछ समय से देहरादून में किराए के मकान पर रह रहा था. फोन का इस्तेमाल न होने की वजह से वह हर बार बच निकलता था. एसटीएफ डीआईजी ने बताया कि कौशल चौबे ने साल 2005 में बलिया जिले के ग्राम प्रधान चुनाव में सक्रिय होने के चलते उसने अपराध की दुनिया में कदम रखा. कौशल चौबे पिछले 15 सालों से हत्या, लूट सहित कई अन्य मामलों में शामिल है. यूपी एसटीएफ कौशल चौबे को काफी समय से तलाश कर रही थी. कौशल चौबे पर लगभग 29 मुकदमे दर्ज हैं.

देहरादून: यूपी में काफी समय से वांछित चल रहे दो लाख के इनामी अपराधी कौशल कुमार चौबे को एसटीएफ ने रिस्पना पुल के पास से गिरफ्तार किया है. अपराधी कौशल कुमार चौबे के खिलाफ उत्तर प्रदेश के बलिया और आजमगढ़ में हत्या, बलवा, गैंगस्टर, गुंडा एक्ट, धोखाधड़ी से सम्बंधित 29 मुकदमे पंजीकृत हैं. गिरफ्तारी के दौरान कौशल कुमार चौबे के कब्जे से एक विदेशी ग्लॉक पिस्टल के साथ 57 जिंदा कारतूस और 4 मैगजीन के साथ एक फोल्डिंग बट बरामद किया गया है.

यूपी का मोस्टवांटेड गिरफ्तार.

गैंगस्टर कौशल उत्तर प्रदेश के बलिया की ट्रेजरी में अकाउंटेंट के पद पर तैनात था. परिवारिक झगड़े में कौशल ने एक शख्स की गोली मारकर हत्या कर दी थी. हत्याकांड में पुलिस ने कौशल को जेल भेज दिया था, लेकिन कुछ दिनों बाद ही उसे जमानत मिल गई. जमानत पर बाहर आने के बाद कौशल पप्पू सिंह नाम के व्यक्ति के साथ मिलकर बलिया पीडब्ल्यूडी में ठेकेदारी का काम शुरू किया. पीडब्ल्यूडी में ठेकों को लेकर कौशल के साथी पप्पू सिंह ने एक इंजीनियर की हत्या करवा दी थी साथ ही इस घटना में एक पुलिसकर्मी की भी हत्या की गई थी.

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पिछले 14 साल से कौशल कुमार चौबे उत्तराखंड और हिमाचल में रह रहा था. उत्तराखंड के नरेंद्र नगर, टिहरी व देहरादून से वह लगातार अपराधिक गतिविधियों को अंजाम दे रहा था. आरोपी कौशल चौबे की एक बार हिमाचल में पुलिस से मुठभेड़ भी हो चुकी है. कौशल कुमार अपना ठिकाना बदलता रहता था जिसके कारण वह लंबे समय से पुलिस की गिरफ्त से बाहर था. फरवरी 2019 से कौशल चौबे रायपुर में अपनी पत्नी के साथ रह रहा था.

पढ़ें-देवभूमि के इस गांव में सांप के काटने पर लोग नहीं कराते इलाज, ऐसे उतर जाता है जहर

एसटीएफ डीआईजी रिधिम अग्रवाल ने जानकारी देते हुए बताया कि कुछ समय से आरोपी कौशल चौबे के बारे में लगातार सूचनाएं मिल रही थी. आरोपी के परिवार के लोग उत्तराखंड में रह रहे थे. जिसके बाद उनके बारे में जानकारी जुटाई गई. कौशल चौबे पिछले कुछ समय से देहरादून में किराए के मकान पर रह रहा था. फोन का इस्तेमाल न होने की वजह से वह हर बार बच निकलता था. एसटीएफ डीआईजी ने बताया कि कौशल चौबे ने साल 2005 में बलिया जिले के ग्राम प्रधान चुनाव में सक्रिय होने के चलते उसने अपराध की दुनिया में कदम रखा. कौशल चौबे पिछले 15 सालों से हत्या, लूट सहित कई अन्य मामलों में शामिल है. यूपी एसटीएफ कौशल चौबे को काफी समय से तलाश कर रही थी. कौशल चौबे पर लगभग 29 मुकदमे दर्ज हैं.

Intro:उत्तर प्रदेश का मोस्टवांटेड दो लाख का इनामी अपराधी कौशल कुमार चौबे को एसटीएफ़ ने थाना नेहरू कॉलनी क्षेत्र के हरिद्वार बाईपास रोड पर रिस्पना के पास के एक होटल के सामने से ग्रिफ्तार किया।अपराधी कौशल कुमार चौबे के खिलाफ उत्तर प्रदेश के बलिया ओर आज़मगढ़ में हत्या,बलवा,गैंगस्टर,गुंडा एक्ट,गैंगस्टर ओर धोखाधड़ी से सम्बंधित 29 मुकदमे पंजीकृत है।ग्रिफ्तारी के दौरान कौशल कुमार चौबे के कब्जे से एक विदेशी ग्लाक पिस्टल के साथ 57 जिंदा कारतूस ओर 4 मैगजीन के साथ एक फोल्डिंग बट बरामद किया गया।


Body:कौशल कुमार चौबे उत्तर प्रदेश के बलिया में तेजी के हेड ऑफिस में अकाउंटेंट के पद पर कार्य करता था।और परिवारिक झगड़े में कौशल कुमार ने पप्पू चौबे पर गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। पुलिस द्वारा कौशल को जेल भेज दिया था लेकिन कुछ दिनों बाद ही खुशी कुमार को जमानत मिल गई थी। जमानत आने के बाद कौशल चौबे ने पप्पू सिंह के नाम किस व्यक्ति के साथ मिलकर बलिया में पीडब्ल्यूडी में ठेकेदारी का काम शुरू कर दिया था।ओर पीडब्ल्यूडी के ठेके को लेकर कौशल कुमार के साथी पप्पू सिंह ने पीडब्ल्यूडी की इंजीनियर की हत्या करवा दी थी साथ ही एक पुलिसकर्मी की भी हत्या की गई थी।साल 2004 में पी डब्लू डी ऑफिस में टेंडर प्रकिया में किसी बात को लेकर के दौरान कौशल चौबे कि तीन बेटों में से एक की मौत हो चुकी है।जबकि दो देहरादून में रहकर ही कार का बिजनेस करते हैं।
और पिछले 14 साल से कौशल कुमार चौबे उत्तराखंड और हिमाचल में रह रहा था।उत्तराखंड के नरेंद्र नगर,टिहरी व देहरादून से वह अपराधिक गतिविधियों को अंजाम देता रहा है। आरोपी कौशल चौबे एक बार हिमाचल में भी पुलिस के साथ मुठभेड़ हो चुकी है लेकिन वह मौके से बच निकला।ओर कौशल कुमार अपना ठिकाना बदलता रहता था।फरवरी 2019 रायपुर में अपनी पत्नी के साथ रह रहा था।


Conclusion:एसटीएफ़ डीआईजी रिधिम अग्रवाल ने जानकारी देते हुए बताया कि पिछले कुछ समय से आरोपी कौशल चौबे के बारे में सूचना मिल रही थी।आरोपी के परिवार के लोग उत्तराखंड में रह रहे थे जिसके बाद उनके बारे में जानकारी जुटाई गई। कौशल चौबे पिछले कुछ समय से रायवाला में किराए के मकान पर पत्नी के साथ रह रहा था इसमें पहले भी वह कई दफा दून आया था। लेकिन फोन का इस्तेमाल ना होने की वजह से वह बच निकलता था।आरोपी कौशल बलिया के ट्रेजरी ऑफिस में अकाउंटेंट का काम भी करता था। साथ ही बताया कि कौशल चौबे के तीन बेटों में से एक की मौत हो चुकी है।जबकि दो देहरादून में रहकर ही कार का बिजनेस करते हैं।2005 में बलिया जिले के ग्राम प्रधान चुनाव में सक्रिय होने के चलते उसने अपराध की दुनिया में कदम रखा जिसके बाद में पीडब्ल्यूडी के ठेके लेने लगा था।कौशल चौबे पिछले 15 सालों से हत्या लूट सहित कई अन्य मामलों में शामिल है।यूपी एसटीएफ कौशल चौबे को काफी समय से तलाश कर रही थी और इसके ऊपर लगभग 29 मुकदमे दर्ज। कौशल चौबे के कब्जे से एसटीएफ ने 57 जिंदा कारतूस 4 मैगजीन सहित एक ग्लॉक पिस्टल बरामद की है।

बाइट-रिधिम अग्रवाल(डीआईजी, एसटीएफ़)
Last Updated : May 30, 2019, 8:03 PM IST
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