देहरादनू: देशभर में गाय को माता का दर्जा दिया जाता है. लेकिन उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में मवेशी सड़कों पर घूमने को मजबूर हैं. शहर में गोवंश पशु यातायात मार्ग को बाधित कर रहे हैं. बावजूद इसके नगर निगम इस ओर कोई कार्रवाई नहीं कर रहा. नगर मिगम का कहना है कि शहर में सिर्फ एक ही कांजी हाउस होने की वजह से आवारा पशुओं को संभालना मुश्किल हो गया है.
बता दें कि नगर निगम के कांजी हाउस में क्षमता से 3 गुना से अधिक पशु मौजूद हैं. नगर निगम के कांजी हाउस में 80 पशु रखने की क्षमता है लेकिन पशुओं की तादाद बढ़ने के कारण 300 से अधिक पशु कांजी हाउस में मौजूद हैं. अब आवारा पशु शहर की सड़कों पर आ गए हैं. जिस कारण शहर में आए दिन हादसे हो रहे हैं.
वहीं, स्थानीय लोग आवारा पशु को सड़कों से हटाने की मांग कर रहे हैं. लोगों का कहना है कि पशुओं के झुंड से यातायात बाधित हो जाता है. साथ ही सड़क हादसा होने का खतरा भी बना रहता है. दूसरी ओर नगर निगम दो ओर कांजी हाउस खोलने की बात कह रहा है. साथ ही आचार संहिता का हवाला देकर पल्ला भी छाड़ रहा है.
नगर निगम के वरिष्ठ पशु चिकित्सक विवेकानंद सती ने बताया कि नगर निगम का दायरा बढ़ने से ग्रामीण क्षेत्र अब शहरी हो गए हैं. जिससे शहर में गोवंश पशु अधिक हो गए हैं. डेरी वाले लोग इन पशुओं के अनुपयोगी होने के बाद सड़कों पर छोड़ देते हैं. उन्होंने कहा कि शहर में एक ही कांजी हाउस है और आवारा पशुओं को रखने के लिए कोई दूसरा शरणालय भी नहीं है.