बागेश्वर: कुमाऊं की काशी के नाम से विख्यात बागेश्वर जिले की पहचान का परिचायक प्रसिद्ध धार्मिक स्थल बाबा नाथ धाम और काल भैरव मंदिर के जीर्णोद्धार का काम 2019 से चल रहा है, जो आजतक पूरा नहीं हो पाया है. निर्माण कार्य पूरा न होने पर मंदिर समिति के अध्यक्ष ने नाराजगी जताई है.
जिले के विधायक व कैबिनेट मंत्री चंदन रामदास बाबा गनाथ मंदिर के निर्माण कार्य को अपनी उपलब्धि बताते रहे हैं. बाबा बागनाथ धाम और काल भैरव मंदिर के जीर्णोद्धार का कार्य 2019 से चल रहा है. बागनाथ मंदिर में 400 साल बाद बिजोरा भी बदला गया. वहीं, काल भैरव मंदिर के जीर्णोद्धार का कार्य चल रहा है. मंदिर में पुरातन काल में रखी मूर्तियों और शिलालेखों को सुरक्षित रखने के लिए संग्रहालय का निर्माण कार्य पूरा हो चुका है. मंदिर परिसर में जीर्णोद्धार और सौंदर्यीकरण के लिए एक करोड़ 30 लाख 76 हजार रुपए की धनराशि स्वीकृत थी. कार्यदायी संस्था को मंदिर परिसर में निर्माण के लिए अतिरिक्त राशि भी दी गई. इसके लिए शासन से 26.81 लाख रुपए की राशि ली गई, मगर अभी तक मंदिर का काम नहीं हो पाया है. जिस पर मंदिर समिति ने नाराजगी जताई है.
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मंदिर समिति के अध्यक्ष नंदन सिंह रावत ने बताया कि निर्माण कार्य जिस गति से शुरू हुआ उस गति से खत्म नहीं हो रहा है. लगातार काम आगे बढ़ रहा है. 2021 में काम को खत्म हो जाना चाहिए था पर अभी भी 75% काम ही हो पाया है. वहीं, अधिशासी अभियंता रमेश चंद्रा ने बताया कि मंदिर के निर्माण कार्य में देरी की वजह लगातार काम में बदलाव होना है. आस्था को ध्यान में रखते हुए इन कामों में बार-बार बदलाव हो रहे हैं. निर्माण कार्य जल्द पूरा कर लिया जाएगा.